दिल्ली, बिहार और बंगाल में भूकंप के झटके:रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.1; चीन में था केंद्र, नेपाल और भूटान में भी असर
दिल्ली-NCR, बिहार और पश्चिम बंगाल में मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी। इस भूकंप का केंद्र चीन के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित भारत के सिक्किम, उत्तराखंड में भी दिखा। फिलहाल भारत में भूंकप के कारण नुकसान की सूचना नहीं मिली है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है। 2015 में आए भूकंप से काठमांडू 10 फीट तक खिसक गया था नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी बिगाड़ दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के टैक्टोनिक एक्सपर्ट जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू के नीचे की जमीन तीन मीटर यानी करीब 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई। हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बमों जितना शक्तिशाली था। भूकंप क्यों आता है? हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। एक्सपर्ट का दावा- अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव हुई, आते रहेंगे भूकंप भूगोल के जानकार डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा (दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जाकर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारें हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे। जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं। 467 साल पहले चीन में आए भूकंप में 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी सबसे जानलेवा भूकंप चीन में 1556 में आया था, जिसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी। तीव्रता के लिहाज से अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी। इसकी वजह से आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भयानक तबाही मची थी। इसमें 1655 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 3000 लोग घायल हुए थे।

दिल्ली, बिहार और बंगाल में भूकंप के झटके: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.1
हाल ही में, दिल्ली, बिहार और बंगाल में एक तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र चीन में स्थित था, लेकिन इसका असर नेपाल और भूटान तक भी महसूस किया गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
भूकंप का केंद्र और इसकी तीव्रता
भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार शाम के समय आए, जब लोग अपने दैनिक कार्यों में लगे हुए थे। भूकंप का केंद्र चीन के एक पहाड़ी क्षेत्र में था, जिसकी वजह से इसकी तीव्रता इतनी अधिक मापी गई है। भूकंप के कारण कई क्षेत्रों में इमारतों को नुकसान पहुंचने की रिपोर्टें सामने आई हैं।
दिल्ली में भूकंप के झटके
दिल्ली में, लोग अचानक झटकों के कारण भयभीत होकर अपने घरों से बाहर निकल आए। स्थानीय अधिकारियों ने नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। बचाव कार्य जारी हैं और प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।
बिहार और बंगाल पर प्रभाव
बिहार और बंगाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। कई लोग रिपोर्ट कर रहे हैं कि उन्होंने अपने घरों में तेज झटके अनुभव किए। राज्य सरकारें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी में हैं और नागरिकों को सुरक्षा उपायों के पालन की सलाह दी जा रही है।
नेपाल और भूटान में असर
भूकंप का असर नेपाल और भूटान में भी देखा गया है, जहां स्थानीय सरकारों ने तत्काल प्रभाव से आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी हैं। यहाँ की जनता में भी इस भूकंप के झटकों को लेकर चिंता का माहौल है।
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भूकंप से जुड़ी जानकारी
भूकंप के प्रभावी क्षेत्र में स्थानीय प्राधिकरण सतर्क हैं और मानवीय सुरक्षा के लिए उपाय कर रहे हैं। सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे शांत रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो अचानक आती है और इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। हम सभी को इस तरह की आपदाओं के प्रति जागरूक रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की आवश्यकता है। भूकंप की स्थिति पर नज़र रखने के लिए प्रमुख समाचार स्रोतों पर अपडेट रहने का सुझाव दिया जाता है।
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