दिव्यांग बच्चों ने दिखाई प्रतिभा:विवेकानंद जयंती पर ड्राइंग-पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिता में दिखाया दम, मिले पुरस्कार

जानकीपुरम स्थित जयति भारतम केंद्र में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दृष्टिबाधित, मूक-बधिर और अन्य दिव्यांग बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। कार्यक्रम की शुरुआत माँ भारती और स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण तथा वंदेमातरम गायन से हुई। शाखा सचिव अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि शाखा संरक्षिका रीना सक्सेना ने समन्वयन की जिम्मेदारी संभाली। प्रतियोगिताओं में मूक-बधिर छात्रा सीमा पांडेय ने विवेकानंद का उत्कृष्ट चित्र बनाकर पेंटिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में दृष्टिबाधित छात्र प्रतीक दुबे ने प्रथम और शारीरिक दिव्यांग जितेंद्र प्रसाद ने द्वितीय स्थान हासिल किया। शीतलहर को देखते हुए सभी बच्चों को उनी कैप और मोजे वितरित किए गए। एक विशेष पहल में, छह वर्षीय सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित बच्ची को सीमा अग्रवाल द्वारा व्हीलचेयर प्रदान की गई। शाखा ने हॉस्टल के लिए एक माह का राशन भी उपलब्ध कराया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को बिस्कुट और लड्डू वितरित किए गए। आर.के. अग्रवाल और मिथिलेश अग्रवाल ने कंबल और आवश्यक वस्त्र दान किए। निदेशक रेनू अग्निहोत्री ने शाखा का आभार व्यक्त किया और महिला संयोजिका मंजू मिश्रा के धन्यवाद ज्ञापन के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। के.पी. सिंह और निशा श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

Jan 13, 2025 - 11:25
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दिव्यांग बच्चों ने दिखाई प्रतिभा:विवेकानंद जयंती पर ड्राइंग-पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिता में दिखाया दम, मिले पुरस्कार
जानकीपुरम स्थित जयति भारतम केंद्र में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन

दिव्यांग बच्चों ने दिखाई प्रतिभा: विवेकानंद जयंती पर ड्राइंग-पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिता में दिखाया दम, मिले पुरस्कार

News by indiatwoday.com

प्रतिभा का मंच: दिव्यांग बच्चों की कला

विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित ड्राइंग-पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिता में दिव्यांग बच्चों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के अंदर छिपी क्षमताओं को उजागर करना था। प्रतिभागियों ने अपने विशेष कौशल और रचनात्मकता के माध्यम से सभी को प्रभावित किया।

प्रतियोगिता का आयोजन

प्रतियोगिता का आयोजन स्थानीय सामुदायिक केंद्र में किया गया था, जहाँ विभिन्न विद्यालयों से दिव्यांग बच्चे एकत्र हुए। इस मौके पर कई विशेषज्ञ और समाज सेवक भी उपस्थित थे, जिन्होंने बच्चों को मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया। निर्णायक मंडल में स्थानीय कला विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने बच्चों की कला और भाषण कौशल का अवलोकन किया।

पुरस्कार वितरण

प्रतियोगिता के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने बच्चों की मेहनत और प्रतिभा की सराहना की और कहा कि यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

सकारात्मक संदेश

इस कार्यक्रम के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश समाज में फैलाने का प्रयास किया गया। आयोजकों का मानना है कि दिव्यांग बच्चों के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन उनके आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

समाज का योगदान

समाज से जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों का योगदान भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में महत्वपूर्ण होता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसा समर्थन आवश्यक है ताकि वे अपनी पूर्ण क्षमता को पहचान सकें।

निष्कर्ष

विवेकानंद जयंती पर आयोजित यह प्रतियोगिता दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को मान्यता देने का एक बेहतरीन प्रयास है। यह कार्यक्रम दर्शाता है कि समाज को सभी बच्चों के लिए समान अवसर मुहैया कराने की आवश्यकता है।

कुल मिलाकर

इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से न केवल बच्चों को प्रेरणा मिलती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की भी संभावना बढ़ती है। हम आशा करते हैं कि आगे भी इस तरह के आयोजनों की संख्या बढ़ेगी। Keywords: दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा, विवेकानंद जयंती पर प्रतियोगिता, ड्राइंग-पेंटिंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, पुरस्कार, दिव्यांग बच्चों के लिए कार्यक्रम, समाज का योगदान, कला प्रतियोगिता, बच्चों का आत्म-सम्मान, कला और भाषण कौशल.

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