दुनिया के पहले घोषित समलैंगिक इमाम की हत्या:कार के अंदर मारी गई गोली, दक्षिण अफ्रीका में चलाते थे मस्जिद
दुनिया के पहले घोषित समलैंगिक इमाम मुहसिन हेंड्रिक्स की शनिवार को दक्षिण अफ्रीका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अन्य व्यक्ति के साथ कार से जा रहे थे, उसी वक्त उन पर हमला किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इमाम की हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त हेन्ड्रिक्स पर हमला किया गया वो एक समलैंगिक विवाह समारोह से लौट रहे थे। मुहसिन हेंड्रिक्स कौन थे? 57 साल के मुहसिन हेंड्रिक्स का जन्म दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में हुआ था। उन्होंने 1996 में गुरबाह मस्जिद की स्थापना की थी। इसी साल उन्होंने खुद के समलैंगिक होने का भी खुलासा किया था। उन्होंने समलैंगिक मुसलमानों का सपोर्ट करने के लिए द इनर सर्कल की स्थापना की थी। 2022 में रिलीज डॉक्यूमेंट्री 'द रेडिकल' में बताया गया था कि हेंड्रिक्स को कई बार जान से मारने की धमकी गई है। वो समलैंगिक और हाशिए पर पड़े मुसलमानों मदद के लिए जाने जाते थे। समलैंगिक समुदाय को हेट क्राइम का शक इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस और इंटरसेक्स (LGBTQ+) एसोसिएशन (ILGA) ने हत्या की निंदा की है। एसोसिएशन की डायरेक्टर जूलिया एहर्ट ने कहा पूरा ILGA वर्ल्ड परिवार मुहसिन हेंड्रिक्स की हत्या के खबर से गहरे सदमे में है। हम अधिकारियों से इस मामले की गहराई से जांच करने की अपील करते हैं, हमें डर है कि यह एक हेट क्राइम हो सकता है। नाइजीरिया में रहने वाले समलैंगिक मुस्लिम सादिक लॉवल ने BBC को बताया कि हेंड्रिक्स ने अपने समलैंगिक रुझान को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करके असंभव काम को संभव कर दिया था। वह अफ्रीका महाद्वीप में, खास तौर पर नाइजीरिया में कई समलैंगिक मुसलमानों के गुरु हैं। उनकी मौत से मैं अभी भी सदमे में हूं। अरशद मदनी के मुताबिक इस्लाम में समलैंगिकता की इजाजत नहीं समलैंगिकता को लेकर मुस्लिम धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष अरशद मदनी ने दो साल पहले बताया था कि इस्लाम में पराई औरत को देखना भी गुनाह है, तो फिर समलैंगिक संबंध तो बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को ताउम्र अपनी पत्नी से ही प्रेम करना चाहिए और उसी से संबंध रखने चाहिए। खुदा ने महिला-पुरुष को इस प्रकार बनाया है कि वह औलाद का सुख पा सकें, लेकिन समलैंगिक संबंध के मामले में ये बात कहीं भी फिट नहीं होती है। ----------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... थाईलैंड में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता:पूर्व PM बोले- हम अमेरिका से ज्यादा खुले ख्याल वाले; ट्रांसजेंडर्स को भी शादी का अधिकार दक्षिण-पूर्व एशिया के देश थाईलैंड में आज यानी 23 जनवरी से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल गई। इसके बाद कई समलैंगिक जोड़ों ने अपनी शादी रजिस्टर कराई। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक एशिया में ताइवान और नेपाल के बाद थाइलैंड तीसरा प्रमुख देश है, जिसने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

दुनिया के पहले घोषित समलैंगिक इमाम की हत्या
दक्षिण अफ्रीका में एक heartbreaking घटना घटी है, जहाँ दुनिया के पहले घोषित समलैंगिक इमाम की हत्या कर दी गई। इस इमाम का नाम इमाम ताज हुसैन था और वे एक मस्जिद चलाते थे जो LGBTQ+ समुदाय के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करती थी। यह मामला न केवल धार्मिक आस्था को चैलेंज करता है, बल्कि यह LGBTQ+ अधिकारों और सुरक्षा की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित करता है।
हत्या के विवरण
हाल ही में, रिपोर्ट्स के अनुसार, इमाम हुसैन को उनकी कार के अंदर गोली मारी गई। यह घटना उस समय हुई जब वे एक धार्मिक किताब की समीक्षा कर रहे थे। यह हत्या एक संगठित तरीके से की गई प्रतीत होती है और पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। सुरक्षा कवच की कमी और बढ़ती हिंसा ने इस घटना को और भी भयानक बना दिया है, जिससे LGBTQ+ समुदाय के सदस्य असुरक्षापूर्ण महसूस कर रहे हैं।
LGBTQ+ समुदाय पर प्रभाव
इस हत्या ने दक्षिण अफ्रीका के LGBTQ+ समुदाय में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। इमाम हुसैन जैसे लोग, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अब अधिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह घटना यह दिखाती है कि समाज में समलैंगिकता के प्रति स्वीकृति का अभाव अभी भी बना हुआ है। समुदाय के नेता और कार्यकर्ता इस हत्या की निंदा कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
इमाम हुसैन की जुटाई गई विरासत और उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी नहीं भुलाया जाएगा। यह घटना न सिर्फ उनके योगदान को खत्म करती है, बल्कि धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता पर भी सवाल खड़ा करती है।
समाज में बदलाव लाने के लिए, लोगों को आगे आकर सुरक्षित स्थानों का निर्माण करने और समलैंगिकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। यह घटना उन सबके लिए एक गहरी सिख है जो तिरस्कार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
सुरक्षा की आवश्यकता
दक्षिण अफ्रीका में इस तरह की हिंसा के खिलाफ सख्त कानूनों की जरूरत है। इमाम की हत्या के बाद, अब यह अनिवार्य हो गया है कि सरकार और पुलिस विभाग LGBTQ+ समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्हें न केवल संरक्षण दी जानी चाहिए, बल्कि समाज में उनके अधिकारों को भी मान्यता दी जानी चाहिए।
इस दुखद घटना के पीछे का एक मुख्य कारण भेदभाव और असहिष्णुता है। केवल संगठनों और संगठनों की गिरफ्त में रहकर काम नहीं चलने वाला है; इसके लिए व्यापक परिवर्तन और परिकल्पनाओं में बदलाव की आवश्यकता है। News by indiatwoday.com Keywords: समलैंगिक इमाम की हत्या, दक्षिण अफ्रीका में मस्जिद, इमाम ताज हुसैन, LGBTQ+ हिंसा, धार्मिक सहिष्णुता, इमाम हुसैन की विरासत, सुरक्षा की आवश्यकता, भेदभाव के खिलाफ लड़ाई, समलैंगिकता और अधिकार, LGBTQ+ समुदाय की सुरक्षा
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