दुनियाभर में फंडिंग करने वाली USAID में छंटनी:ट्रम्प का प्लान सिर्फ 300 वर्कर्स रहेंगे, अभी ऑर्गनाइजेशन में 8 हजार से ज्यादा कर्मचारी
ट्रम्प प्रशासन ने गुरुवार को अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के कर्मचारियों की छंटनी करने का प्लान पेश किया है। इसके मुताबिक USAID में सिर्फ 300 कर्मचारियों को ही रखा जाएगा। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प के इस प्लान को USAID को लगभग खत्म करने के तौर पर देखा जा रहा है। फिलहाल USAID में 8 हजार कर्मचारी और ठेकेदार कार्यरत हैं। इसके अलावा विदेशों में भी 5 हजार से ज्यादा स्थानीय कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन्हें लेकर स्थिति साफ नहीं है। यह छंटनी स्थाई है या अस्थाई प्लान में ये भी साफ नहीं है। USAID के जिन मदद और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जाएगा, इसे लेकर ट्रम्प प्रशासन समीक्षा कर रहा है। विदेशों में तैनात कर्मचारियों को वापस लौटने के आदेश ट्रम्प प्रशासन ने USAID के विदेशों में तैनात कर्मचारियों को वापस लौटने के आदेश दिए हैं। इन्हें आज से 30 दिन का समय दिया गया है। कर्मचारियों की वापसी का खर्च सरकार उठाएगी। जो कर्मचारी किसी वजह के चलते निर्धारित समय से ज्यादा विदेशों में रुकते हैं, तो उन्हें अपना खर्च खुद उठाना पड़ेगा। इससे पहले विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को बताया कि अमेरिका विदेशी सहायता जारी रखेगा। हालांकि, इसे अमेरिकी हितों के मुताबिक दिया जाएगा। अमेरिकन फॉरेन सर्विस एसोसिएशन और अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज ने ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ वॉशिंगटन की एक कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें ट्रम्प पर अमेरिकी कर्मचारियों, राष्ट्रीय हितों और दुनिया में लागों की जिंदगियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। दूसरी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने बिना कांग्रेस की मंजूरी के USAID को खत्म करने को अवैध बताया है। ट्रम्प ने USAID के अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के दो टॉप अधिकारियों समेत कई कर्मचारी 1 फरवरी को छुट्टी पर भेज दिए गए। इनमें एजेंसी के डायरेक्टर जॉन वूर्हीज और डिप्टी डायरेक्टर ब्रायन मैकगिल शामिल हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक ये अधिकारी इलॉन मस्क के गवर्मेंट एफिशियन्सी डिपार्टमेंट (DOGE) के कर्मचारियों को एजेंसी के सिस्टम का एक्सेस देने से मना कर रहे थे। DOGE कर्मचारियों ने USAID के हेडक्वार्टर में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। कर्मचारियों ने सिस्टम का एक्सेस नहीं देने पर लॉ इनफोर्समेंट के मार्शल्स को बुलाने की धमकी दी। DOGE कर्मचारी USAID के सिक्योरिटी सिस्टम की और कर्मचारियों की फाइलों को देखना चाह रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक ये गुप्त जानकारियां हैं। इन्हें सिर्फ वही देख सकता है, जिसके पास इसकी मंजूरी होती है। हालांकि, बाद में वे हेडक्वार्टर में घुसने में कामयाब रहे। दावा- गुप्त जगहों पर घुसे, नागरिक की निजी जानकारी हासिल की CNN ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि DOGE कर्मचारी बिना सिक्योरिटी क्लियरंस के USAID की गुप्त जगहों में घुसे और नागरिकों की गुप्त जानकारियां हासिल कीं। ट्रम्प की तरफ DOGE में नियुक्त की गई कैटी मिलर ने रविवार को DOGE कर्मचारियों की घुसपैठ की पुष्टि भी की। कैटी ने X पर पोस्ट करते हुए बताया कि किसी भी गुप्त सामग्री को बिना मंजूरी के एक्सेस नहीं किया गया था। दूसरी तरफ मस्क ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, USAID एक आपराधिक संगठन है। इसे बंद करने का समय आ गया है। USAID की वेबसाइट, सोशल मीडिया बंद शनिवार को ही USAID की वेबसाइट बंद हो गई थी। इसके बदले अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट पर USAID का एक पेज जोड़ा गया है। एजेंसी का X अकाउंट भी शनिवार को बंद हो गया। 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद ट्रम्प ने विदेशों को दी जाने वाली सभी तरह की मदद पर 90 दिनों की रोक लगाने के आदेश दिए थे। इससे जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर ट्रम्प साइन कर चुके हैं।

दुनियाभर में फंडिंग करने वाली USAID में छंटनी
ट्रम्प का प्लान: सिर्फ 300 वर्कर्स रहेंगे
हाल ही में अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी, USAID, ने अपनी टीम में बड़े स्तर पर छंटनी की घोषणा की है। ट्रम्प प्रशासन के नए नीति के तहत, संगठन में मौजूद 8,000 से ज्यादा कर्मचारियों में से केवल 300 कर्मचारियों को ही पहले की तरह हरकत में रहने की जगह दी जाएगी। यह निर्णय विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है। इस छंटनी का उद्देश्य सरकारी खर्चों को कम करना और एजेंसी की कार्यप्रणाली को नई दिशा देना है।
USAID का इतिहास और भूमिका
USAID, जो 1961 में स्थापित हुई थी, वैश्विक विकास को प्रोत्साहित करने, युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुचाने और विकासशील देशों में आर्थिक सुधार लाने के लिए प्रमुख भूमिका निभाती आई है। एजेंसी की विभिन्न योजनाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैं। हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में छंटनी से आगे चलकर इन पहलों की सफलता पर प्रश्न चिह्न लग सकता है।
छंटनी के कारण और प्रभाव
छंटनी के पीछे का मुख्य कारण ट्रम्प प्रशासन की नीतियों में बदलाव और संघीय बजट में कटौती है। इसके परिणामस्वरूप, विकासशील देशों के लिए प्रदान की जाने वाली सहायता में कमी आ सकती है, जो लाखों लोगों की जिंदगी पर असर डाल सकता है। कई कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय की आलोचना की है और यह चिंता जताई है कि इसका दुष्परिणाम वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है।
स्थायी समाधान की तलाश
हालांकि, इस स्थिति में सुधार के लिए USAID को अपने कार्यप्रणाली और नीति में इन्नोवेशन लाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, एजेंसी को यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि वह अपनी सीमित क्षमता में भी प्रभावी और प्रभावशाली कार्य कर सके।
जानकारों का मानना है कि USAID को अपने मौजूदा संसाधनों का सही मूल्यांकन करना चाहिए, ताकि नए सिरे से काम शुरू कर सके और छंटनी का प्रभाव कम कर सके।
अंत में, छंटनी के इस निर्णय से न केवल USAID का भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि इससे प्रभावित देशों में विकास की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है।
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