दून यूनिवर्सिटी का नया मुकाम: NRDC के साथ समझौते से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगी नई दिशा

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर राजभवन में दून विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह राज्य में अपनी तरह की पहली साझेदारी है, जिसमें एनआरडीसी ने किसी राज्य विश्वविद्यालय से औपचारिक रूप से समझौता किया है। एनआरडीसी, […] The post दून यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम! NRDC के साथ करार से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगा नया मुकाम first appeared on Vision 2020 News.

Jul 29, 2025 - 09:27
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दून यूनिवर्सिटी का नया मुकाम: NRDC के साथ समझौते से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगी नई दिशा
देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर राजभवन में दून विश्वविद्यालय एवं

दून यूनिवर्सिटी का नया मुकाम: NRDC के साथ समझौते से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगी नई दिशा

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कम शब्दों में कहें तो, दून विश्वविद्यालय ने एनआरडीसी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है, जो रिसर्च और स्टार्टअप को नई दिशा प्रदान करेगा। देहरादून के राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर यह समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह राज्य में अपने प्रकार का पहला सहयोग है, जहाँ एनआरडीसी ने किसी राज्य विश्वविद्यालय के साथ औपचारिक रूप से करार किया है। एनआरडीसी, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक उपक्रम है, जो अनुसंधान, नवाचार को प्रोत्साहित करने और बौद्धिक संपदा के व्यावसायीकरण के लिए सक्षम है।

समझौताओं का महत्व

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह समझौता भारत सरकार के 'विकसित भारत-2047' दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह न केवल दून विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि समस्त उच्च शिक्षा क्षेत्र और राज्यों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। राज्यपाल ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय केवल ज्ञान का केंद्र नहीं हैं, बल्कि अनुसंधान, नवाचार, और ज्ञान आधारित विकास के प्रेरणास्त्रोत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समझौते के माध्यम से दून विश्वविद्यालय ने अन्य संस्थानों के लिए एक नई राह प्रशस्त की है।

अनुसंधान और उद्योग का न्यू संबंध

राज्यपाल ने बताया कि यह समझौता दून विश्वविद्यालय को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहाँ अनुसंधान कार्य आसानी से उद्योग, स्टार्टअप्स और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जुड़ सकेगा। इससे विश्वविद्यालय स्वावलंबी बनेगा और बाहरी वित्तीय संसाधनों की निर्भरता घटेगी। एनआरडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर अमित रस्तोगी ने आश्वासन दिया कि एनआरडीसी, दून विश्वविद्यालय को सभी संभावित सहायता प्रदान करेगा।

नवाचार का अवसर

यह साझेदारी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए उद्यमशीलता कौशल विकसित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी और स्टार्टअप विचारों को साकार करने में मदद करेगी। प्रो. सुरेखा डंगवाल, दून विश्वविद्यालय की कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय और विभिन्न विभाग जैसे कि पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, भूविज्ञान और डिजाइन स्कूल अब अपने शोध कार्य को बौद्धिक संपदा निर्माण की दिशा में पुनर्संरचित कर रहे हैं।

निष्कर्ष

दून विश्वविद्यालय की यह नई पहल निश्चित रूप से शोध के स्तर को ऊँचा उठाने के साथ-साथ राज्य की आर्थिक प्रगति को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद करेगी। यह करार शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जो युवाओं को नवाचार और उद्यमशीलता में प्रगति के अवसर प्रदान करेगा। यह पहल नई पीढ़ी के लिए लाभदायक अवसरों को जन्म देगी, जिससे वे न केवल अपने करियर को संवार सकेंगे, बल्कि राज्य और देश के विकास में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

इस महत्वपूर्ण पहल के पीछे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भूमिका सराहनीय है। दून विश्वविद्यालय और एनआरडीसी के बीच ये सहयोग निश्चित रूप से अनुसंधान और तकनीकी विकास में एक नई दिशा प्रदान करेगा।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट https://indiatwoday.com पर विजिट करें।

सादर, टीम इंडिया टुडे, साक्षी शर्मा

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