धर्मशाला में युवाओं को किया गया सम्मानित:विवेकानंद जयंती पर भव्य आयोजन, स्वामी जी की शिक्षाओं पर हुई चर्चा

धर्मशाला में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। भारत विकास परिषद की धर्मशाला शाखा द्वारा राय बहादुर जोधामल सराय डिपो बाजार स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष डॉ. विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत साईं स्कूल स्लेट गोदाम योल के छात्रों द्वारा वैदिक और गणेश स्तुति से हुई। धर्मशाला शाखा के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल सूद ने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का महत्व बताते हुए कहा कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए पहले अर्जुन की तरह योग्य पात्र बनना आवश्यक है। समारोह में विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही तीन नए सदस्यों को भी पिन लगाकर सम्मानित किया गया। डॉ. विजय शर्मा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई। 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद, जिनका वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उन्होंने रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन और वेदांत सोसाइटी की स्थापना की। कार्यक्रम का समापन स्वामी विवेकानंद के विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर विचार-विमर्श के साथ हुआ।

Jan 12, 2025 - 06:10
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धर्मशाला में युवाओं को किया गया सम्मानित:विवेकानंद जयंती पर भव्य आयोजन, स्वामी जी की शिक्षाओं पर हुई चर्चा
धर्मशाला में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। भारत वि

धर्मशाला में युवाओं को किया गया सम्मानित

विवेकानंद जयंती के अवसर पर धर्मशाला में एक भव्य आयोजन का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम न केवल स्वामी विवेकानंद की जयंती को मनाने के लिए था, बल्कि उनके महान विचारों और शिक्षाओं को भी युवा वर्ग के बीच फैलाने का एक प्रयास था।

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं हमेशा से प्रेरणादायक रही हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया था कि वे अपनी सोच को व्यापक बनाएँ और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ। इस आयोजन में स्वामी जी की जीवन कहानी और उनके विचारों पर चर्चा की गई, जिसमें युवाओं ने भाग लिया और अपनी राय भी साझा की।

सम्मानित युवा प्रतिभाएं

इस कार्यक्रम में कई युवा प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इन युवाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम कमाया है और समाज में सकारात्मक योगदान दिया है। उनके कार्यों ने दूसरे युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।

समारोह का उद्देश्य

इस समारोह का मुख्य उद्देश्य था युवा वर्ग को स्वामी विवेकानंद की शिक्षा से प्रेरित करना और उन्हें समाज में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना। आयोजकों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे ताकि युवाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन मिल सके।

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि एक जागरूकता का माध्यम भी था। धर्मशाला में हुए इस कार्यक्रम ने युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद की विचारधारा को फिर से प्रासंगिक बना दिया है।

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