कानपुर में श्याम महोत्सव में बही भजनों की रसधार:गायकों ने बांधा समां, दर–दर भटकने वाले बाबा से दिल लगा लिया… भजन से भक्त हुए भाव–विभोर
श्री श्याम बिहारी लखदातार परिवार के तत्वावधान में फूलबाग स्थित बाल भवन में श्री श्याम महोत्सव का आयोजन धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव में भक्तों ने भक्तिमय वातावरण में श्री श्याम प्रभु के अलौकिक श्रृंगार, अखंड ज्योति, छप्पन भोग और महाआरती से श्याम बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। महोत्सव की शुरुआत बाबा की पूजा से हुई। फिर कानपुर के शिवम जौहरी ने गणेश वंदना कर गणपति का आह्वान किया, तो अलवर, राजस्थान से आए भजन गायक विकास अग्रवाल ने दर-दर भटकने वाले बाबा से दिल लगा ले... से भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कानपुर के देवा शुक्ला ने बाबा श्याम मेरे घर आ जाइए...से बाबा का गुणगान किया। इसी प्रकार से कोलकाता से आए भजन गायकों ने भी बाबा श्याम के भजनों को गाकर पूरे माहौल को भक्तिभाव से भर दिया। महोत्सव में बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य ने भी बाबा के भजनों का आनंद लिया। आयोजन में यह लोग रहे शामिल मंच संचालन निशांत पगड़ी वाले और अमिल ने किया। इस मौके पर कार्यक्रम संस्थापक आशीष गुप्ता, विशाल मिश्रा, अध्यक्ष सचिन कनोडिया, महासचिव नवीन अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता, प्रचार मंत्री शिवांश त्रिवेदी, शिवम गुप्ता मौजूद रहे।

कानपुर में श्याम महोत्सव में बही भजनों की रसधार
कानपुर का श्याम महोत्सव इस वर्ष एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाक्रम में बदल गया, जहाँ भजनों की मधुर ध्वनि ने भक्तों को एकत्रित कर दिया। शहर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित इस महोत्सव में भक्ति संगीत की अद्वितीय प्रस्तुति ने वातावरण को खुशियों से भर दिया। समाचार by indiatwoday.com के अनुसार, इस महोत्सव में स्थानीय गायकों ने अपनी आवाज में भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गायकों की अद्भुत प्रस्तुति
इस महोत्सव में कई प्रसिद्ध गायकों ने भाग लिया, जिन्होंने समर्पण और भक्ति के साथ भजन गाए। भजन की इस रसधार में उनके गीतों ने भक्तों का मन मोह लिया। गायक अपनी सुरेल आवाज़ और भावपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से सभी को लेकर गए। दर्शकों ने भक्ति में लीन होकर नृत्य किया और एक दूसरे से जुड़े रहे।
दर–दर भटकने वाले बाबा से दिल लगा लिया
महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण यह रहा कि एक दर-दर भटकने वाला बाबा भी इस आयोजन का हिस्सा बना। भक्तों ने न केवल उन्हें श्रद्धा के साथ सुनने का प्रयास किया, बल्कि उनके प्रति समर्पण और भक्ति का भाव व्यक्त किया। बाबा की उपस्थिति ने समां को और भी भावनात्मक और दिव्य बना दिया। उनकी चित्ताकर्षक कहानियों और अनुभवों ने सभी भक्तों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
भाव-विभोर भक्तों का उत्सव
श्याम महोत्सव के दौरान, भक्तों की भावनाएँ अपने चरम पर थीं। भजनों की लहर में डूबे भक्त भाव-विभोर होकर अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने न केवल भजनों के लय में नृत्य किया, बल्कि अनेक धार्मिक विधियों में भी भाग लिया। इस प्रकार का माहौल सभी के दिलों में एक विशेष स्थान बनाता है।
निष्कर्ष
कानपुर के श्याम महोत्सव ने न केवल भक्ति की महत्ता को उजागर किया, बल्कि समाज में एकता और श्रद्धा का भी संदेश दिया। इस प्रकार के आयोजनों से हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं को समझने का एक बेहतर अवसर मिलता है।
अंततः, सभी भक्त इस महोत्सव का आनंद लेते हुए एक दूसरे के साथ मिलकर भक्ति की रसधार में शामिल हो गए। समाचार by indiatwoday.com से जुड़े रहिये और और अधिक अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें। Keywords: कानपुर श्याम महोत्सव, भजन की रसधार, भक्तों की भावनाएं, धार्मिक आयोजन कानपुर, बाबा की उपस्थिति, भक्ति संगीत महोत्सव, गायक भजन, भक्ति में नृत्य, भाव-विभोर भक्त, सांस्कृतिक कार्यक्रम कानपुर
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