निगम की भूल भु़लैय्या में विधायक के गुर्गोँं का उत्पात:मुरादाबाद में तोड़फोड़ की वजह से पब्लिक के लिए बंद करना पड़ा;बोला-विधायक जी का भाई हूं
मुरादाबाद में नगर निगम की भूल भुलैय्या में विधायक के गुर्गों ने तोड़फोड़ कर दी। जमकर उत्पात मचाया। लोगों ने विरोध किया तो धमकाने लगे। एक ने कहा, जानते नहीं, विधायक का भाई हूंं। इसके बाद उसने रौब गांठते हुए जमकर बवाल किया। तोड़फोड़ करने के बाद युवक चले गए। लेकिन बुधवार को पूरा दिन भूल भु़लैय्चया को पब्लिक के लिए बंद रखा गया। घटना के पीछे सत्ताधारी दल के एक विधायक के गुर्गों के नाम सामने आ रहे हैं। मामला जिले के सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा है। इसलिए नगर निगम ने घटना को लेकर कोई तहरीर नहीं दी है। पुलिस भी मामले में खामोश है। उधर, बुधवार को भूल भुलैय्या की टिकट विंडो पर क्लोज्ड लिखकर इसे पूरा दिन बंद रखा गया। जबकि पब्लिक के लिए सुबह 10:30 बजे से लेकर रात को 8 बजे तक का टाइम ओपन है। लेकिन बुधवार को भूल भुलैय्या के अंदर की तोड़फोड़ छुपाने के लिए अधिकारियों ने इसे पब्लिक के लिए बंद रखने का फैसला किया। पता चला है कि भूल भुलैय्या के अंदर विधायक के गुर्गों ने सस्पेंस रेलिंग और आरजीबी लाइट तोड़ दी। इसके अलावा कुर्सियां भी तोड़ी गईं। लेकिन निगम के अधिकारियों से लेकर पुलिस तक सभी खामोश हैं।
निगम की भूल भुलैय्या में विधायक के गुर्गोँं का उत्पात
News by indiatwoday.com
मुरादाबाद में उत्पात का मामला
मुरादाबाद में हाल ही में एक विवादित घटना घटी, जहाँ विधायक के गुर्गों ने निगम की भूल भुलैय्या के पास जमकर उत्पात मचाया। लोगों में डर और घबराहट फैल गई, जिसके कारण संबंधित क्षेत्र को सार्वजनिक उपयोग के लिए बंद कर दिया गया। यह घटना शहर के लिए एक प्रधान समस्या बन गई है, जहाँ स्थानीय निवासी और पर्यटक इस इलाके में घूमने की योजना बना रहे थे।
विधायक के परिवार का संदर्भ
उत्पात मचाने वाले गुर्गे एक स्थानीय विधायक के परिवार से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिसने घटना के संबंध में कहा कि "मैं विधायक जी का भाई हूँ।" इस बयान ने कई लोगों को हैरान कर दिया और स्थानीय प्रशासन पर कई प्रश्न उठाए। क्या नियम और व्यवस्था का पालन केवल आम जनता के लिए है, या नेताओं के परिजनों को विशेष छूट मिलती है?
पब्लिक का प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे पर तीखा विरोध जताया है। कई लोगों ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे उत्पात की पुनरावृत्ति न हो। जनप्रतिनिधि को जिम्मेदार ठहराते हुए, निवासियों ने और अधिक सुरक्षा और प्रशासनिक कठोरता की मांग की है।
समाप्ति और आगे की सोच
इस घटना ने मुरादाबाद में सुरक्षा और सार्वजनिक स्थलों की व्यवस्था पर एक बार फिर प्रकाश डाला है। अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले की गहराई से जांच करें और सुनिश्चित करें कि कानून का पालन हो। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों की चिंताओं पर गौर करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
शहर को सुरक्षित बनाने की आवश्यकता
भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन को शीघ्र कदम उठाने चाहिए। मुरादाबाद की जनता को एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स को मिलकर काम करना होगा।
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