निरमंड की 18 हजार आबादी को परेशानी:लुहरी-निथर-नोर सड़क खस्ताहाल, एमडीआर बनाने की अधिसूचना 3 साल से लटकी, दुर्घटनाओं का खतरा बरकरार
हिमाचल प्रदेश के निरमंड उप मंडल में नोर-निथर-लुहरी सड़क की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस सड़क को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (एमडीआर) बनाने की अधिसूचना तीन साल से ठंडे बस्ते में पड़ी है। आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार ने इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह आनी विधानसभा क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहे हैं। यह सड़क 65.765 किलोमीटर लंबा है। इसमें लुहरी से जाजर तक 10 किलोमीटर और जाजर से निथर-नोर तक 55.765 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है। तंग मोड़ों और संकरे रास्तों के कारण यहां दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। पूर्व सीएम ने की थी बनाने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जुलाई 2021 में निरमंड दौरे के दौरान इस सड़क को एमडीआर बनाने की घोषणा की थी। मार्च 2022 में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी देवाशीष पांडे ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी थी। इस सड़क के चौड़ीकरण से नोर, प्लेहि, सराहन, रहाणु, घाटू, लोट, दुराह, शिल्ली, देहरा, निथर, गमोग और कुठेढ़ पंचायतों की लगभग 18 हजार की आबादी को लाभ मिल सकता है। लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद भी न तो डीपीआर बनाने के आदेश जारी हुए और न ही कोई विकास कार्य शुरू हुआ है। क्या कहते हैं अधिशासी अभियंता निरमंड मंडल लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार का कहना है कि, हमें अभी तक इस सड़क के एमडीआर के तहत डीपीआर बनाने को लेकर कोई आदेश नहीं मिले हैं। फिर भी सड़क में सुरक्षा की दृष्टि से क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस कमेटी कुल्लू के पूर्व जिलाध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर का कहना है कि, पूर्व भाजपा सरकार के दौरान आनन फानन में कई सड़कों को एमडीआर घोषित किया गया है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नोर से लुहरी सड़क में क्रैश बैरियर लगाने,तंग मोड़ खोलने आदि को लेकर सरकार और पीडब्ल्यूडी मंत्री से मांग की जाएगी। केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखेंगे मामला : विधायक आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार का कहना है कि, नोर से लुहरी तक सड़क बेहद तंग है और अक्सर दुर्घटनाएं घटती हैं । ऐसे में इस सड़क को एमडीआर बनाने को लेकर उदासीनता बरतने से लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का आनी विधानसभा क्षेत्र के प्रति रवैया समझ आता है। इस मामले को केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रख जाएगा।

निरमंड की गंभीर स्थिति
निरमंड क्षेत्र की 18 हजार लोगों की आबादी को हाल के समय में सड़क संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लुहरी-निथर-नोर सड़क की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है, जिस वजह से स्थानीय निवासियों की दैनिक यात्रा में काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं। यह सड़क न केवल आंतरिक परिवहन का एक प्रमुख माध्यम है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास के लिए भी आवश्यक हैं।
सड़क की खस्ताहाली
सड़क के खस्ताहाल होने के कारण स्थानीय लोगों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में तो समस्या और भी बढ़ गई है, क्योंकि कीचड़ और गड्ढे सड़क पर बने हुए हैं, जिससे सभी प्रकार के वाहन निकलने में असामर्थ्य होकर रह जाते हैं। यह स्थिति किसी भी समय गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है, जिसके लिए प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।
एमडीआर बनाने की अधिसूचना लंबित
सरकार ने सड़क को मेन डिस्ट्रीब्यूटर रोड (एमडीआर) में शामिल करने की अधिसूचना को 3 साल से लटका रखा है। यह अधिसूचना लोगों के लिए एक आशा की किरण थी, लेकिन इसकी लंबित स्थिति से निराशा बढ़ रही है। स्थानीय निवासियों ने बार-बार सरकार से जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है ताकि उनके जीवन स्तर को थोड़ा सुधार दिया जा सके।
समुदाय की मांगें
निवासियों ने सरकार से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि सड़क की हालत सुधारने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेकर उचित निर्माण कार्य किया जाए। इसके अलावा, पैसों की कमी का भी बहाना न बनाया जाए, क्योंकि यह क्षेत्र प्रमुख रूप से पर्यटन पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
निरमंड की वर्तमान हालत गंभीर है और स्थानीय निवासियों को अधिक समय तक इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रशासन को शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि नागरिकता में सुधार हो सके। Keywords: निरमंड सड़क खस्ताहाल, लुहरी-निथर-नोर सड़क समस्या, एमडीआर अधिसूचना, निरमंड आबादी परेशान, सड़क दुर्घटनाएँ, स्थानीय निवासियों की समस्याएँ, सड़क सुरक्षा आवश्यकताएँ, सरकारी कार्रवाई की मांग.
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