पति की मौत से टूटी पत्नी ने दी जान:24 घंटे बाद फांसी लगाई, डेढ़ साल का बच्चा अनाथ, बीमारी से गई थी युवक की जान
फिरोजाबाद में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पति की मौत के सदमे में एक युवा पत्नी ने आत्महत्या कर ली। थाना उत्तर क्षेत्र के झलकारी नगर की रहने वाली 23 वर्षीय रीना ने अपने पति रूपेश बघेल की मौत के महज 24 घंटे बाद पंखे से लटककर जान दे दी। रीना और रूपेश की शादी को 3 साल हुए थे और उनका एक डेढ़ साल का बेटा भी है। पिछले 6 महीने से रूपेश लिवर इन्फेक्शन से जूझ रहे थे और परिवार उनका इलाज करवा रहा था। गुरुवार को रूपेश की बीमारी के चलते मौत हो गई। पति की मौत से रीना गहरे सदमे में चली गई और उसने खाना-पीना तक छोड़ दिया। घाट से फूल लेने गए थे परिजन शुक्रवार की सुबह जब परिवार के सदस्य रूपेश के अंतिम संस्कार के बाद शमशान घाट से फूल लेने गए थे, उसी दौरान रीना ने अपने कमरे में जाकर पंखे से फांसी लगा ली। काफी देर तक बाहर नहीं आने पर परिजनों ने खिड़की से झांककर देखा तो रीना का शव फंदे पर लटका हुआ था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम को भेजा शव घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस दुखद घटना से पूरे परिवार में मातम छा गया है और एक मासूम बच्चा अनाथ हो गया है।

पति की मौत से टूटी पत्नी ने दी जान: 24 घंटे बाद फांसी लगाई, डेढ़ साल का बच्चा अनाथ, बीमारी से गई थी युवक की जान
हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने पति की मौत के 24 घंटे बाद आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है और इस दौरान डेढ़ साल का बच्चा अनाथ हो गया है। यह घटना उस समय हुई जब युवक की मौत एक गंभीर बीमारी के चलते हुई थी।
पति की बीमारी और उसकी जड़ीबूटी
युवक पिछले कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। उसकी हालत खराब होने के कारण पत्नी लगातार उसके इलाज के लिए पुश्तैनी जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों की तलाश कर रही थी। लेकिन अचानक उसकी बीमारी ने एक गंभीर मोड़ लिया और युवक की मृत्यु हो गई। पत्नी इस घटना से गहरे सदमे में थी और बिल्कुल टूट गई थी।
24 घंटे बाद पत्नी की आत्महत्या
पति की मौत के बाद पत्नी ने अपने को संभालने का प्रयास किया, लेकिन बेहद दर्दनाक अवस्था में, उसने 24 घंटे बाद आत्महत्या करने का निर्णय लिया। गांववासियों के अनुसार, यह स्थिति कोई सामान्य नहीं थी, और सभी ने महिला के इस कदम को उसके गहरे मानसिक तनाव से जोड़ा।
बच्चे का भविष्य और समाज का जिम्मेदारी
इस दुखद घटना में सबसे अधिक प्रभावित होने वाला जीव है उनका डेढ़ साल का बच्चा, जो अब अनाथ हो गया है। स्थानीय समाज और प्रशासन को इस मामले में आगे आकर बच्चे के भविष्य के लिए मदद के लिए सोचना होगा। यह जरूरी है कि बच्चे का सही ख्याल रखा जाए और उसका पालन-पोषण ठीक से किया जाए।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। समाज को इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
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