पत्नी से विवाद के बाद पति ने दी जान:बदायूं में युवक ने घर में लगाई फांसी, 1 साल से चल रहा था झगड़ा
बदायूं के सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के भरकुईयां गांव में 25 वर्षीय राजकुमार ने पारिवारिक कलह से तंग आकर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार रात की है, जब राजकुमार ने घर के बरामदे के छज्जे पर साड़ी का फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक के चचेरे भाई अमन के अनुसार, राजकुमार का परिवार पहले पानीपत में मजदूरी करता था। करीब एक साल पहले उनकी पत्नी सुजाता उन्हें लेकर गांव आ गई थी। तब से दोनों के बीच लगातार विवाद की स्थिति बनी रहती थी। विवाद के चलते सुजाता अपने मायके चली गई थी। मंगलवार सुबह जब राजकुमार का कमरा नहीं खुला, तो परिजनों ने जांच की और उन्हें फांसी के फंदे पर लटका पाया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस परिजनों की तहरीर का इंतजार कर रही है। घटना की जानकारी मृतक की पत्नी सुजाता को भी दे दी गई है।

पत्नी से विवाद के बाद पति ने दी जान: बदायूं में युवक ने घर में लगाई फांसी
बदायूं में एक युवक ने पत्नी से चल रहे विवाद के कारण आत्महत्या कर ली। यह घटना उस समय सामने आई जब युवक ने अपने घर में फांसी लगाने का निर्णय लिया। इस मामले ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि यह गंभीर पारिवारिक मुद्दों की ओर भी ध्यान खींचता है।
पृष्ठभूमि और विवाद
पिछले एक साल से इस युवक और उसकी पत्नी के बीच मतभेद चल रहे थे। अक्सर दोनों के बीच झगड़े होते थे, जिससे परिवार में तनाव बढ़ गया था। परिवार के सदस्य और पड़ोसी इस बात के गवाह रहे हैं कि स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी थी। अधिकांश लोगों ने युवक को समझाने की कोशिश की, लेकिन समझौता नहीं हो सका।
घटना का विवरण
आखिरकार, तनाव और विवाद के चलते युवक ने अपनी जान देने का सोचा। घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य अन्य कार्यों में व्यस्त थे। युवक ने अकेले में जाकर फांसी लगा ली, जिसे बाद में परिवार वाले देखकर सकते में आ गए।
स्थानीय प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर स्थानीय लोगों में शोक की लहर है। कई व्यक्तियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक सामंजस्य के महत्व को भी उजागर करती है।
समाधान और सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि परिवारों को एक-दूसरे के साथ संवाद करना चाहिए और समस्याओं का समाधान मिलकर निकालना चाहिए। अक्सर, छोटी-छोटी समस्याएं बिना चर्चा के बड़ी बन जाती हैं। इसके लिए दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण की आवश्यकता होनी चाहिए।
समाज में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार और विचारशीलता देने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी विवाद का हल प्रभावी ढंग से निकाला जा सके। स्थानीय संगठनों को भी जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए।
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