पाकिस्तान लौट रहीं महिलाएं अटारी बॉर्डर पर रोकीं:मायके आई थीं, नागरिकता न होने की वजह से परमिशन नहीं दी, बच्चे जाने दिए

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को भी पाकिस्तानी नागरिक अमृतसर के अटारी बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं। वीजा खत्म होने से पहले पाकिस्तान लौट रहीं कई महिलाओं को बॉर्डर पर रोक दिया गया, लेकिन उनके बच्चों को जाने दिया गया। अधिकारियों ने उनसे कहा कि आपके पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है। महिलाओं ने कहा कि वह भारत में पली बढ़ी हैं, लेकिन उनकी शादी पाकिस्तान में हुई है। वह अपने मायके आई हुई थीं। अधिकारियों ने दलीलें सुनने के बाद भी उन्हें आगे जाने की परमिशन नहीं दी। अधिकारियों ने महिलाओं से कहा कि उन्हें आदेश मिले हैं कि भारतीय पासपोर्ट वालों को पाकिस्तान न जाने दिया जाए। इसके बाद महिलाएं वापस अपने मायके लौट गईं। अटारी बॉर्डर पर रोकी गईं महिलाओं ने क्या कहा, जानिए... अफसीन बोली- सिर्फ बच्चों को जाने दिया राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली अफसीन जहांगीर ने कहा, “मेरी शादी कराची में हुई थी। मेरे बच्चे पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्हें तो बॉर्डर पार कर जाने दिया गया, लेकिन मुझे रोक दिया गया। बताइए, कौन सी सरकार मां को बच्चों से अलग करने का हक रखती है?” अरूदा बोली- यहीं बैठे रहेंगे, यहीं मर जाएंगे अरूदा ने बताया कि मेरी 20 साल पहले पाकिस्तान में शादी हुई थी। मेरे 2 बच्चे हैं, जो पाकिस्तानी नागरिक हैं। हम एक महीने के लिए अपने मां-बाप से मिलने भारत आए थे। हमारे पास 27 तारीख की वापसी का टिकट था, लेकिन हालात देखकर 4 दिन पहले ही निकलने की कोशिश की। हमें बॉर्डर पर रोक दिया गया, किसी ने ढंग से बात तक नहीं की। हम तो बस अपने घर, अपने बच्चों के पास लौटना चाहते हैं। हम यहीं मर जाएंगे, हम यहीं बैठेंगे, अब वापस नहीं जाएंगे।” शनिजा ने कहा- शौहर वाघा बॉर्डर पर खड़े हैं शनिजा ने कहा, मेरी शादी 15 साल पहले कराची में हुई थी। मैं दिल्ली में अपने माता-पिता से मिलने आई थी, लेकिन अब वापस पाकिस्तान लौटना चाह रहे हैं, तो वाघा बॉर्डर पर उन्हें रोका जा रहा है। मेरे बच्चों को वीजा नहीं मिला, इसलिए मैं अकेली आई थी। अब मुझे वापसी की इजाजत नहीं दी जा रही। मेरा केस पाकिस्तान में जमा है। मेरे शौहर वाघा बॉर्डर के उस पार मेरा इंतजार कर रहे हैं। मेरी बस इतनी अपील है कि मुझे अपने बच्चों के पास जाने दिया जाए।” 24 अप्रैल को 28 लोग पाकिस्तान लौटे एक दिन पहले 24 अप्रैल को 105 भारतीय पाकिस्तान से लौटे थे। वहीं 28 पाकिस्तानी नागरिक वापस अपने देश गए। गुरुवार को हुई रिट्रीट सेरेमनी के दौरान दोनों देशों के गेट नहीं खुले। बंद गेटों के बीच दोनों देशों के झंडे उतारे गए। इसके साथ BSF के जवानों ने पाक रेंजर्स से हाथ भी नहीं मिलाया। वहीं सेरेमनी में लोगों की संख्या भी कम रही। रोजाना करीब 20 हजार लोग पहुंचते थे, लेकिन गुरुवार को सिर्फ 10 हजार लोग ही सेरेमनी में पहुंचे। ============== ये खबर भी पढ़ें :- हिसार में पाकिस्तानी परिवार पकड़ा:वीजा खत्म होने के बाद भी रह रहा था; सभी 15 सदस्यों को दिल्ली के पाकिस्तानी कैंप भेजा हरियाणा में हिसार के बालसमंद से एक पाकिस्तानी हिंदू परिवार को दिल्ली भेज दिया गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। इस परिवार में कुल 15 सदस्य हैं। परिवार पिछले 7 महीने से बालसमंद में रह रहा था। पढ़ें पूरी खबर

Apr 25, 2025 - 16:00
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पाकिस्तान लौट रहीं महिलाएं अटारी बॉर्डर पर रोकीं:मायके आई थीं, नागरिकता न होने की वजह से परमिशन नहीं दी, बच्चे जाने दिए
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को भी पाकिस्तानी नागरिक अमृतसर के अटार

पाकिस्तान लौट रहीं महिलाएं अटारी बॉर्डर पर रोकीं

हाल ही में, अटारी बॉर्डर पर एक घटना सामने आई है जिसमें कई महिलाएं अपने मायके से लौटने के दौरान अधिकारियों द्वारा रोकी गईं। इन महिलाओं ने बताया कि वे अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए भारत आई थीं, लेकिन उन्हें नागरिकता की कमी के कारण स्वदेश लौटने की अनुमति नहीं दी गई। उनके बच्चे बिना किसी समस्या के वापस पाकिस्तान चले गए, लेकिन माताओं को सीमाओं पर रुकने का सामना करना पड़ा।

नागरिकता का मुद्दा

इस घटना ने नागरिकता के मुद्दे को एक बार फिर से ताजा कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि बिना सही दस्तावेजों के किसी भी व्यक्ति को सीमा पर अनुमति नहीं दी जा सकती। महिलाओं के पास आवश्यक कागजात नहीं होने की वजह से उन्हें भारत में छोड़ दिया गया। हालांकि, यह मामला और अधिक जटिल हो गया है क्योंकि इनमें से कुछ महिलाएं अपने बच्चों के साथ यात्रा कर रही थीं।

परिवारों पर प्रभाव

बोडर पर महिलाओं के रुके जाने से उनके परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यह स्थिति न केवल भावनात्मक तनाव पैदा करती है बल्कि उस आशंका को भी बढ़ाती है कि क्या वे कभी अपने परिवार से मिल पाएंगी। ऐसे मामलों में नागरिकता और वीजा नीति की स्पष्टता आवश्यक है ताकि लोग इस तरह की कठिनाइयों का सामना न करें।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर तेजी से कार्रवाई की है। उन्होंने महिलाओं के दस्तावेजों की जांच करने का आश्वासन दिया और कहा कि आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि उन्हें घर लौटने की अनुमति दी जा सके। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों को सुलझाने में समय लग सकता है, लेकिन वे कोशिश करेंगे कि लोग सुरक्षित रूप से अपने देश लौट सकें।

भारत और पाकिस्तान के बीच के सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए यह एक महत्वपूर्ण परीक्षण है। अटारी बॉर्डर पर इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की जरूरत को दर्शाती हैं।

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