पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान की सुरक्षा हटाई, मुख्यमंत्री से शिकायत:मंदिर एवं धर्मशाला की जमीन के मामले में गांव वालों पर मुकदमा दर्ज होने पर गए थे मंसूरपुर थाने

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने रविवार को मंसूरपुर थाने पहुंचकर पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो कुछ देर बाद ही उनकी सारी सुरक्षा हटा ली गई। एस्कॉर्ट को भी हटा दिया गया। संजीव बालियान पर पूर्व में हुए हमले के बाद केंद्र सरकार ने उनके दिल्ली आवास पर सीआरपीएफ तैनात की गई है। पुलिस के भ्रष्टाचार की शिकायत किए जाने पर सुरक्षा हटाए जाने का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है कि खानुपूर गांव में एक जमीन मंदिर एवं धर्मशाला के लिए मंसूरपुर डिस्टिलरी के कर्मचारियों द्वारा खरीदी गई थी। पूर्व की सरकार के अधिकारियों से मिलीभगत कर यह जमीन डिस्टिलरी द्वारा अपने नाम दाखिल खारिज करा लिया गया था। 1 जनवरी को मुजफ्फरनगर पुलिस अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर डिस्टिलरी द्वारा मंदिर एवं धर्मशाला की जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इस मामले में ग्रामवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। इसके विरोध में 12 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ. संजीव बालियान ग्रामवासियों के साथ मंसूरपुर थाने गए। इससे पूर्व भी कई बार मुजफ्फरनगर पुलिस की संपत्ति विवाद में संलिप्तता की शिकायत उनके द्वारा पुलिस उच्चाधिकारियों को की गई थी। इस पूरे प्रकरण के बाद डॉ. संजीव बालियान की सुरक्षा हटा दी गई है। ऐसे में पूरे प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की गई है।

Jan 13, 2025 - 19:50
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पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान की सुरक्षा हटाई, मुख्यमंत्री से शिकायत:मंदिर एवं धर्मशाला की जमीन के मामले में गांव वालों पर मुकदमा दर्ज होने पर गए थे मंसूरपुर थाने
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने रविवार को मंसूरपुर थाने पह

पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान की सुरक्षा हटाई, मुख्यमंत्री से शिकायत

हाल ही में, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवेंद्र सिंह बालियान की सुरक्षा लौटाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने मंदिर एवं धर्मशाला की जमीन को लेकर गांव वालों पर मुकदमा दर्ज होने के विषय में मंसूरपुर थाने जाकर मुख्यमंत्री से शिकायत की। यह मामला केवल सुरक्षा से ही नहीं, बल्कि गांव के निवासियों के अधिकारों और उनकी भूमि के संबंध में भी गहरा जुड़ा हुआ है।

सुरक्षा हटाने का कारण

राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पूर्व मंत्री बालियान का कहना है कि उनकी सुरक्षा हटाना राजनीतिक प्रतिशोध का एक हिस्सा हो सकता है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से बातचीत में यह मुद्दा उठाया है, जिससे स्थिति को स्पष्ट किया जा सके।

गांव वालों की चिंताएं

गांव वालों का कहना है कि उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और वे अपने मंदिर एवं धर्मशाला की जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बालियान ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया है और उनकी मदद करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, गांव में तनाव बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय प्रशासन को अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है।

स्वतंत्रता और सुरक्षा के बीच का झगड़ा

बालियान ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि राजनीतिक दबाव में आकर उनकी सुरक्षा हटाई गई। उन्होंने दावा किया है कि यह निर्णय लोकतंत्र की भावना का उल्लंघन है। उनका मानना है कि एक जनता प्रतिनिधि को सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है, विशेषकर तब, जब वह अपने लोगों की भलाई के लिए काम कर रहा हो।

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