पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण विभाग के द्वारा किया गया वर्कशॉप:पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना हुए शामिल, विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन पर की चर्चा
पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘ Our Power, Our Planet’ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के वन एवं पर्यावरण के स्वतंत्र प्रभार मंत्री अरुण सक्सेना मौजूद रहे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार, निदेशक धुनश्याम सिंह और सीईओ पंकज भूषण सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। पर्यावरण संरक्षण पर वैज्ञानिकों ने किया विचार विमर्श कार्यक्रम के दौरान विषय विशेषज्ञों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने स्थायी विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं प्रमुख सचिव ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की सिफारिश की। पर्यावरण निदेशालय के सहायक निदेशक एम. रफीक ने हरित ऊर्जा पर प्रेजेंटेशन दी, जबकि क्लाइमेट वैज्ञानिक आदित्य आयर ने मिशन लाइफ पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, वन विभाग के बी. इष्टकार और यूपीएसडा के गिरिजा कुमार ने अपने-अपने क्षेत्रों में हो रहे कार्यों की जानकारी दी।
पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण विभाग द्वारा किया गया वर्कशॉप
News by indiatwoday.com: पृथ्वी दिवस के अवसर पर, पर्यावरण विभाग ने एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया जिसमें पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने भाग लिया। इस वर्कशॉप में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों पर व्यापक चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपने शोध और अनुभव साझा किए, जिससे उपस्थित लोगों को पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति जागरूक किया जा सके।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को समझना और उस पर चर्चा करना था। पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया कि जलवायु परिवर्तन न केवल हमारे पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया और जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तात्कालिक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इसके दुष्प्रभावों का सामना करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समाज के हर स्तर पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और समाधान
- विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरणीय चुनौतियाँ
- सरकार की नीतियाँ और कार्यक्रम
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी
इस वर्कशॉप में आयोजित विचार-विमर्श ने न केवल ज्ञान वर्धन किया, बल्कि सभी प्रतिभागियों को एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा भी दी। सभी ने यह तय किया कि वे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संगठित होकर लड़ेंगे।
इस तरह के आयोजन समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सशक्त तरीका हैं। सरकारी स्तर पर प्रयासों के साथ-साथ आम नागरिकों का सहयोग भी आवश्यक है। इसके लिए, वर्कशॉप जैसे आयोजनों का होना बेहद महत्वपूर्ण है।
आगे का रास्ता
संभवत: ऐसे और वर्कशॉप और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि लोग पर्यावरण के प्रति और अधिक जागरूक हो सकें। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ एक बेहतर और स्वस्थ पर्यावरण में पूरी तरह से विकसित हो सकें।
समापन
हम सभी को यह समझना होगा कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है और इसके समाधान के लिए मिलकर प्रयास करना आवश्यक है। इसलिए इस प्रकार के वर्कशॉप का आयोजन निरंतर आगे बढ़ाया जाना चाहिए। Keywords: पृथ्वी दिवस वर्कशॉप, पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना, जलवायु परिवर्तन चर्चा, पर्यावरण विभाग कार्यक्रम, पर्यावरण जागरूकता, जलवायु संकट समाधान, विशेषज्ञों की राय, पर्यावरणीय चुनौतियाँ, संगठित प्रयास, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा.
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