पेटीएम को तीसरी तिमाही में ₹208 करोड़ का घाटा:पिछली तिमाही में 930 करोड़ का मुनाफा हुआ था, शेयर 6 महीने में दोगुना हुआ
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में नेट लॉस कम होकर 208 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 36% गिरकर 1,828 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही यानी, Q3FY24 में यह 2,850 करोड़ रुपए था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाला पैसा रेवेन्यू होता है। दूसरी तिमाही में पेटीएम को ₹930 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ था, मूवी टिकटिंग बिजनेस की ब्रिक्री का कंपनी के नेट प्रॉफिट में ₹1,345 करोड़ का एकमुश्त योगदान रहा था। इस अमाउंट को छोड़कर पेटीएम को ₹415 करोड़ का घाटा हुआ था। पेटीएम का शेयर 6 महीने में दोगुना हुआ नतीजों की घोषणा के बाद पेटीएम के शेयर मामूली तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। पेटीएम का शेयर 0.46% चढ़कर 900 रुपए के करीब है। बीते एक महीने में इस शेयर ने -4.38% और 6 महीने में 99% का रिटर्न दिया है। पिछले 1 साल में पेटीएम के शेयर ने 19% का रिटर्न दिया है। 2009 में हुई थी पेटीएम की शुरुआत पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2009 में पेटीएम पेमेंट ऐप को लॉन्च किया था। इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा है। अभी देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। पेटीएम का मार्केट कैप करीब 28 हजार करोड़ रुपए है।

पेटीएम को तीसरी तिमाही में ₹208 करोड़ का घाटा: पिछली तिमाही में 930 करोड़ का मुनाफा हुआ था, शेयर 6 महीने में दोगुना हुआ
News by indiatwoday.com
पेटीएम का वित्तीय प्रदर्शन
पेटीएम, जो एक प्रमुख भारतीय डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, ने हाल ही में अपनी तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। इस तिमाही में कंपनी को ₹208 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि पिछले तिमाही में उसे ₹930 करोड़ का लाभ हुआ था। यह घातक परिवर्तन संकेत करता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
शेयर में वृद्धि
हालांकि, कंपनी के शेयर ने पिछले छह महीने में दोगुना वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में बढ़ती मांग और पेटीएम की विस्तारित सेवाओं को दर्शाती है। निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, हालांकि इस तिमाही के घाटे ने चिंताएँ भी पैदा की हैं।
घाटे के कारण
इस घाटे के मुख्य कारणों में प्रतिस्पर्धा में वृद्धि, मार्केटिंग खर्च, और तकनीकी विकास में निवेश शामिल हैं। डिजिटल भुगतान क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने पेटीएम को अपने खर्च को बढ़ाने के लिए मजबूर किया है, जिससे शुद्ध लाभ में कमी आई है।
भविष्य की दृष्टि
विश्लेषकों का मानना है कि यदि पेटीएम अपने रणनीतिक बदलावों को प्रभावी ढंग से लागू करता है, तो वह भविष्य में फिर से लाभ प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त, निवेशक पेटीएम की योजनाओं पर ध्यान दे रहे हैं, जो डिजिटल भुगतान में सुधार और विस्तार का संकेत देती हैं।
निष्कर्ष
पेटीएम का घाटा एक संकेत है कि कंपनी को सुधार की आवश्यकता है, लेकिन इसके शेयर की कीमत में वृद्धि निवेशकों की उम्मीदों को बनाए रखती है। इसके भविष्य की योजनाओं और निवेश पर जमकर नजर रखने की आवश्यकता है। पेटीएम को अपने घाटे को कम करने और लाभ कमाने के लिए योजना बनानी होगी।
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