पेट्रोल पंप-गैस एजेंसी का लाइसेंस दिलाने का झांसा, गिरफ्तार:6 लोगों से की 94 लाख की धोखाधड़ी, मैनपुरी का रहने वाला है आरोपी

श्रावस्ती जिले में एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा हुआ है, जहां पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी का लाइसेंस दिलाने के नाम पर 94 लाख रुपये की ठगी की गई। मुख्य आरोपी मैनपुरी निवासी राजकिशोर ने भारत पेट्रोलियम का फर्जी आईडी कार्ड का इस्तेमाल कर श्रावस्ती के पांच और बलरामपुर के एक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया। इस पूरे घोटाले में श्रावस्ती का रहने वाला नंदलाल भी शामिल था, जो राजकिशोर की पुणे स्थित ट्रैवल एजेंसी में ड्राइवर के रूप में काम करता था। नंदलाल ने स्थानीय लोगों से संपर्क करवाने में मदद की और इस धोखाधड़ी से 6 लाख रुपये का हिस्सा प्राप्त किया। जांच में पता चला है कि राजकिशोर ने ठगी के पैसों से आगरा में 30 लाख रुपये की लागत से अजमेरा फैशन साड़ी सेंटर खोला। जब यह व्यवसाय नहीं चला, तो उसने फिरोजाबाद में एक और साड़ी सेंटर खोला जो वर्तमान में चल रहा है। इसके अलावा, उसने 7 लाख रुपये की लागत से एक वाहन सफाई सर्विस सेंटर भी स्थापित किया और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी खरीदी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्य आरोपी राजकिशोर पुणे में रहता था और वहां ट्रैवल एजेंसी चलाता था। फिलहाल पुलिस श्रावस्ती के आरोपी नंदलाल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

Jan 14, 2025 - 10:25
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पेट्रोल पंप-गैस एजेंसी का लाइसेंस दिलाने का झांसा, गिरफ्तार:6 लोगों से की 94 लाख की धोखाधड़ी, मैनपुरी का रहने वाला है आरोपी
श्रावस्ती जिले में एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा हुआ है, जहां पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी का लाइ

पेट्रोल पंप-गैस एजेंसी का लाइसेंस दिलाने का झांसा, गिरफ्तार

मैनपुरी में एक बड़े धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी ने पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के लाइसेंस दिलाने के नाम पर 94 लाख की ठगी की है। इस मामले में 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जो इस घोटाले में शामिल थे। जाँच के दौरान पता चला कि आरोपी ने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया था कि वह उन्हें लाइसेंस दिला सकते हैं। यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि लोगों के भरोसे को भी चोट पहुंचाता है।

धोखाधड़ी की तकनीक

आरोपी ने लोगों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के दस्तावेज और फ़र्जी पत्राचार का सहारा लिया। उसने दावा किया कि उसके पास सरकारी अधिकारियों के संपर्क हैं, जो लाइसेंस जारी करने में मदद कर सकते हैं। कई लोगों ने इसके झांसे में आकर बड़ी धनराशि का भुगतान किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब कुछ पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाइयाँ

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और तकनीकी जांच के जरिए आरोपी के नेटवर्क का पता लगाया। अंततः मैनपुरी निवासी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने इस मामले में शामिल अन्य संदिग्धों की जांच भी शुरू कर दी है और उन्होंने जनता से सतर्क रहने की अपील की है।

समाज पर इसका प्रभाव

इस घटना ने समाज में धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। लोगों को चाहिए कि वे किसी भी प्रकार के सरकारी काम या लाइसेंस के लिए अधिक सतर्कता बरतें, ताकि वे झांसे में न आएं। इसके अलावा, पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों को जरूरत है कि वे अधिक सक्रिय हों और जनता में जागरूकता बढ़ाएँ।

इस मामले से साफ है कि झूठे वादों के पीछे किस प्रकार की ठगी छिपी हो सकती है। प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को बचाने के लिए सोच-समझकर निवेश करें।

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