फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई का लेखा-जोखा तलब:देवरिया में 75 से अधिक शिक्षक बर्खास्त, शासन ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

देवरिया में परिषदीय विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के मामले में शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बीएसए से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पिछले पांच वर्षों में जिले से 75 से अधिक फर्जी शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने एक विशेष प्रारूप तैयार किया है, जिसमें मंडल और जनपद का नाम, फर्जी शिक्षकों की संख्या, सेवा समाप्त किए गए शिक्षकों की संख्या, दर्ज कराई गई एफआईआर और वसूली के मामलों का पूरा विवरण मांगा गया है। पिछले 15 वर्षों में हुई शिक्षक भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। एक ही रिकॉर्ड मिलने से मामले की गंभीरता और बढ़ गई मानव संपदा पोर्टल की जांच में कई शिक्षकों के एक ही रिकॉर्ड मिलने से मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। वर्तमान में एसटीएफ भी इस मामले की जांच कर रही है। जिन शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं या जिनके शैक्षिक रिकॉर्ड एसटीएफ ने मांगे हैं, उन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। मांगी गई रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में तैयार की जा रही बीएसए शालिनी श्रीवास्तव के अनुसार, शासन द्वारा मांगी गई रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में तैयार की जा रही है और जल्द ही जिला बेसिक कार्यालय से शासन को भेज दी जाएगी। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Jan 13, 2025 - 08:00
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फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई का लेखा-जोखा तलब:देवरिया में 75 से अधिक शिक्षक बर्खास्त, शासन ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
देवरिया में परिषदीय विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के मामले में शासन ने कड़ा रु

फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई का लेखा-जोखा तलब

देवरिया में शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 75 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। यह कदम उन संदेहास्पद शिक्षकों के खिलाफ उठाया गया है जिन्होंने अपने पहचान पत्रों में गलत जानकारी दी थी। इस घटनाक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

शासन ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

राज्य शासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में बर्खास्त किए गए शिक्षकों की संख्या, उनकी पहचान और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी शामिल होनी चाहिए। शासन का यह आदेश सभी संबंधित अधिकारियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि वे ऐसे मामलों को अति गंभीरता से लें।

फर्जी शिक्षकों की पहचान कैसे हुई?

फर्जी शिक्षकों की पहचान विभिन्न स्कूलों के निरीक्षण के दौरान हुई। अधिकारियों की टीम ने स्कूलों का दौरा किया, जहां यह पाया गया कि कई शिक्षक बिना किसी वास्तविक शैक्षणिक योग्यता के शिक्षण कार्य कर रहे थे। जांच के दौरान संदेहास्पद दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों का खुलासा हुआ, जिससे उनकी बर्खास्तगी का मार्ग प्रशस्त हुआ।

इस कदम का प्रभाव

देवरिया में इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में एक सकारात्मक संदेश गया है। यह अन्य शिक्षकों के लिए एक अनुस्मारक है कि यदि वे शैक्षणिक प्रणाली में अपनी भूमिका को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है। शासन की इस पहल से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जागी है।

News by indiatwoday.com

निष्कर्ष

देवरिया में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज के समक्ष शिक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। जो शिक्षक गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने में असफल होते हैं, उन्हें उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। भविष्य की शिक्षा प्रणाली को सुरक्षित और समर्पित बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। Keywords: फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई, देवरिया शिक्षक बर्खास्तगी, शिक्षा विभाग रिपोर्ट, शिक्षक पहचान जांच, शैक्षणिक योग्यता फर्जी प्रमाण पत्र, शिक्षा सुधार, भारत में शिक्षा व्यवस्था, शासन की कार्रवाइयाँ, स्कूल निरीक्षण.

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