बांग्लादेश की महिला अधिकारी का खोया पर्स, जीआरपी ने ढूंढा:आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर रिजर्वेशन काउंटर पर छूट गया था, चेक किए सीसीटीवी
आगरा में ताजमहल घूमने आए बांग्लादेश के सीनियर चीफ जस्टिस मजिस्ट्रेट की पत्नी जोकि खुद सहायक सचिव MINISTRY OF PUBLIC ADMINISTRATION गृह मंत्रालय बांग्लादेश हैं, का पर्स आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर काउंटर पर छूट गया। रिपोर्ट मिलते ही जीआरपी ने पर्स ढूंढ कर उनके हवाले किया। पति-पत्नी ने जीआरपी का धन्यवाद दिया। मोहम्मद नूर मोहसिन निवासी यासीन नगर फकीर टिल्ला चट्टोग्राम बांग्लादेश जोकि वर्तमान समय में में सीनियर चीफ जस्टिस मजिस्ट्रेट नारायनगंज बांग्लादेश हैं। उनकी पत्नी- सुरय्या यासमीन निवासी उपरोक्त सहायक सचिव MINISTRY OF PUBLIC ADMINISTRATION गृह मंत्रालय बांग्लादेश के पद पर नियुक्त हैं। दोनों दिल्ली से सुबह ताज महल देखने के लिए आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां वापसी के लिए रिजर्वेशन काउंटर टिकट कटा रहे थे। सुरय्या का छोटा हैंड पर्स टिकट काउंटर पर ही छूट गया। वे टिकट लेकर रेलवे स्टेशन से निकल गए। थोड़ी देर में याद आने पर वापस लौटे तो पर्स वहां नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने थाना जीआरपी आगरा कैंट पर रिपोर्ट कराई। थाना जीआरपी आगरा कैंट की पुलिस टीम द्वारा पुलिस अधीक्षक रेलवे अनुभाग आगरा के निर्देशन में तुरंत कार्यवाही करते हुए रिजर्वेशन काउंटर के सीसीटीवी वीडियो देखे गए। उस समय टिकट कराने वाले सभी व्यक्तियों का चार्ट रिजर्वेशन काउंटर से मोबाइल नंबर लिया। सभी नंबरों पर फोन किया गया। एक व्यक्ति वहां से पर्स ले गया था। कुछ देर बाद ही पर्स को वापस लिया गया। पर्स में थे पासपोर्ट पर्स में 7500 रुपये, 10 हजार बांग्लादेशी रुपये, दो पासपोर्ट, दो सिम कार्ड थे। पर्स मिलने के बाद जीआरपी ने दोनों को ताजमहल दिखवाया। पति-पत्नी ने उप्र पुलिस और थाना जीआरपी पुलिस टीम की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दिया। इससे संबंधित वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया।
घटना का संक्षिप्त विवरण
हाल ही में आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली, जब बांग्लादेश की एक महिला अधिकारी अपना पर्स खोकर परेशान हो गईं। पर्स में उनके जरूरी दस्तावेज, पैसे और कुछ व्यक्तिगत सामान थे। यह घटना रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर हुई, जहां से उनके पर्स का गायब होना सभी को चिंता में डाल दिया।
जीआरपी की सक्रियता
गायब हुए पर्स को ढूंढने के लिए रेलवे सुरक्षाबल (जीआरपी) ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच करना शुरू किया, जिससे यह पता लग सके कि पर्स कहाँ गया था। जीआरपी की मेहनत से कुछ ही समय में पर्स को खोज लिया गया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जीआरपी अपने कर्तव्यों को निभाने में हमेशा तत्पर रहती है।
सीसीटीवी फुटेज की महत्ता
इस घटना ने सीसीटीवी फुटेज की महत्ता को एक बार फिर से उजागर किया। रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे न केवल सुरक्षा में सहायक होते हैं, बल्कि ऐसी घटनाओं के जल्दी समाधान में भी सहायता करते हैं। जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि फुटेज की मदद से उन्होंने बहुत ही तेजी से पर्स को खोज निकाला।
स्थानीय अधिकारियों की सराहना
बांग्लादेशी महिला अधिकारी ने जीआरपी और स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई तेजी से कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था की उच्चतम स्तर को दर्शाता है। जिस प्रकार से स्टेशन के कर्मचारियों ने उन्हें सहायता प्रदान की, वह सराहनीय है।
सारांश
इस प्रकार की घटनाएं यह बताती हैं कि छोटी-छोटी चीजों की सुरक्षा भी आवश्यक है। जीआरपी की तत्परता से एक महिला अधिकारी का मनोबल बढ़ा और उन्होंने सुरक्षित अपने पर्स को वापस पाया। यह पूरी घटना हमें सुरक्षा व्यवस्था के महत्व के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। Keywords: बांग्लादेश महिला अधिकारी खोया पर्स, जीआरपी आगरा कैंट, रेलवे स्टेशन रिजर्वेशन काउंटर, सीसीटीवी फुटेज, पर्स खोजने की घटना, भारतीय रेलवे सुरक्षा, जीआरपी की कार्रवाई, आगरा रेलवे स्टेशन, महिला अधिकारी की कहानी, पर्स की सुरक्षा व्यवस्था
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