बांग्लादेश में हसीना की पार्टी के चुनाव लड़ने पर संकट:युनूस के सलाहकार बोले- अवामी लीग देश विरोधी, इसे देश में फिर पनपने नहीं देंगे

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को आने वाले चुनाव में शामिल होने पर रोक लग सकती है। अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम ने शनिवार को एक चुनावी रैली में यह दावा किया। महफूज आलम ने कहा कि चुनाव लड़ने की इजाजत सिर्फ प्रो-बांग्लादेशी पार्टियों को ही इसकी इजाजत दी जाएगी। खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(BNP), जमात-ए-इस्लामी, छात्र संगठन बांग्लादेश समर्थक पार्टियां ही अपनी राजनीति कायम रख पाएंगी। आलम ने कहा कि ये पार्टियां ही देश में निष्पक्ष चुनाव के जरिए शाषण कर सकती हैं। उन्होंने अवामी लीग पार्टी को बांग्लादेश विरोधी और फासीवादी बताया और कहा कि इस पार्टी को फिर से पनपने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आलम बोले- शेख हसीना की गलतियां ठीक करने के बाद ही चुनाव महफूज आलम ने यह भी कहा जब तक ‘जरूरी सुधार’ नहीं हो जाते और हसीना सरकार की गलतियां ठीक नहीं हो जातीं है, तब तक देश में चुनाव नहीं होगा। दो दिन पहले मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि देश में दिसंबर 2025 या फिर जनवरी 2026 में आम चुनाव हो सकते हैं। महफूज ने कहा- हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में अपराधियों को सजा दिलाना, पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना और सभी बांग्लादेश समर्थक राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ निष्पक्ष चुनाव कराना शामिल है। पिछले 16 सालों से देश में ऐसा नहीं हुआ है। छात्र आंदोलन के मास्टर माइंड हैं महफूज आलम बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद महफूज आलम को विशेष सहायक का पद मिला था। कुछ समय बाद उन्हें मंत्रिमंडल में सलाहकार का पद मिल गया। पिछले साल संयुक्त राष्ट्रपति महासभा में एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद यूनुस ने महफूज आलम की तारीफ करते हुए उन्हें छात्र आंदोलन का ‘मास्टर मांइड’ बताया था। यूनुस ने कहा कि महफूज आलम के बिना शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंकना मुश्किल था। मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद से हसीना के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमें दर्ज किए गए हैं। अगर अवामी लीग को चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात ए इस्लामी और मोहम्मद यूनुस समर्थित पार्टी को बढ़त मिल सकती है। .................................................. महफूज आलम से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... यूनुस के सलाहकार ने बांग्लादेश का गलत नक्शा पोस्ट किया:इसमें बंगाल-असम, त्रिपुरा को अपना हिस्सा दिखाया; विवाद के बाद डिलीट किया बांग्लादेश में मंगलवार को आजादी की 53वीं वर्षगांठ के मौके पर अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस के सलाहकार महफूज आलम ने बांग्लादेश का एक गलत नक्शा पोस्ट किया। इस नक्शे में महफूज आलम ने भारत के बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्से को बांग्लादेश में दिखाया है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 25, 2025 - 23:00
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बांग्लादेश में हसीना की पार्टी के चुनाव लड़ने पर संकट:युनूस के सलाहकार बोले- अवामी लीग देश विरोधी, इसे देश में फिर पनपने नहीं देंगे
बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को आने वाले चुनाव में शामिल होने पर रोक लग सकती है। अ
बांग्लादेश में हसीना की पार्टी के चुनाव लड़ने पर संकट: युनूस के सलाहकार बोले- अवामी लीग देश विरोधी, इसे देश में फिर पनपने नहीं देंगे Keywords: बांग्लादेश चुनाव 2023, हसीना की पार्टी, अवामी लीग, युनूस के सलाहकार, बांग्लादेश की राजनीति, देश विरोधी गतिविधियाँ, बांग्लादेश सरकार, चुनाव संकट

बांग्लादेश की राजनीति में हालिया developments ने भारतीय उपमहाद्वीप में हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, आने वाले चुनावों को लेकर संकट का सामना कर रही है। हाल ही में, युनूस के सलाहकारों ने अवामी लीग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। उनका दावा है कि ऐसे कार्यों के कारण वे लोकसभा चुनावों में अपनी स्थिति खो सकते हैं।

क्या है संकट का कारण?

विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में हाल की राजनीतिक स्थिति अनिश्चितता की ओर इशारा करती है। युनूस के सलाहकारों द्वारा उठाए गए सवाल और अवामी लीग की बढ़ती अस्वीकृति उनके लिए एक चेतावनी का संकेत है। पिछले कुछ वर्षों में, अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक समीक्षकों ने अवामी लीग की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

अवामी लीग के खिलाफ आरोप

अवामी लीग के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों के आरोप न केवल एक सामान्य विचार हैं बल्कि राजनीतिक प्रतिकूलताओं को भी दर्शाते हैं। युनूस के सलाहकारों का कहना है कि यदि अवामी लीग ऐसा करना जारी रखती है, तो इसे बांग्लादेश में पनपने नहीं दिया जाएगा। उनकी कथनी का मतलब है कि यह स्थिति न केवल चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि वह स्थिरता को भी दांव पर लगा सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ

भविष्य की दृष्टि से, बांग्लादेश के नागरिकों को अपनी राजनीतिक प्रणाली की जांच करनी होगी। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही का पुनः स्थापित होना आवश्यक है। साथ ही, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच संवाद और सहमति से ही संभावित संकट का समाधान किया जा सकता है।

इस तरह के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए, बांग्लादेशी नागरिकों को सतर्क रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने अधिकारों का बचाव करें।

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