बीकेटी में श्रीमद्भागवत कथा का आगाज:सात दिवसीय आयोजन में व्यास आचार्य अवधेश कुमार करा रहे भागवत रसपान
लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र स्थित कठवारा गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पधारे व्यास आचार्य अवधेश कुमार अवस्थी भागवत कथा का रसपान करा रहे हैं। कथा का आयोजन मां चंद्रिका देवी मेला समिति के सदस्य एवं अधिवक्ता शिव शंकर श्रीवास्तव और निवेदक शीला श्रीवास्तव के द्वारा किया जा रहा है। जहां निवेदक शीला श्रीवास्तव के अनुसार, कथा 20 मार्च से 26 मार्च 2025 तक चलेगी। प्रतिदिन कथा सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक होगी। पहले दिन की कथा में व्यास जी ने भक्तों को समझाया कि वर्तमान में लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि मनुष्य देवत्व को छोड़कर असुरी प्रवृत्ति को अपना रहा है। जब मनुष्य बुद्धिहीन होकर कार्य करता है, तो दुख प्राप्त होता है और फिर वह भगवान को दोष देने लगता है। कथा के समापन के अगले दिन 27 मार्च को भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रसाद वितरण भी होगा।

बीकेटी में श्रीमद्भागवत कथा का आगाज
बीकेटी में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन आरंभ हो गया है। इस आयोजन के तहत सात दिवसीय कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें व्यास आचार्य अवधेश कुमार भागवत रसपान करा रहे हैं। इस कथा का उद्देश्य श्रद्धालुओं को भक्ति और संस्कारों की ओर प्रेरित करना है।
आयोजन की विशेषताएँ
यह आयोजन हर साल आयोजित किया जाता है, और इस बार भी भक्तों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है। कथा का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब लोग धार्मिक प्रवृत्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। व्यास आचार्य अवधेश कुमार की वाणी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। उनका प्रवचन सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं।
कथा का महत्व
श्रीमद्भागवत कथा सुनने का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है। यह कथा जीवन की सच्चाइयों, भक्ति और प्रेम की कहानी प्रस्तुत करती है। इस दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे सभी उपस्थित लोग आनंदित और प्रेरित हो रहे हैं।
भक्तों की सहभागिता
भक्तों की सहभागिता इस सात दिवसीय आयोजन को और भी विशेष बना रही है। सभी भक्त अपने-अपने सामर्थ्यानुसार भागवत कथा में भाग ले रहे हैं, और श्रद्धा के साथ कथा सुन रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
आप भी जुड़ें
अगर आप इस अनुपम भक्ति आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो बीकेटी में पधारें और श्रीमद्भागवत कथा का भागवत रसपान लें। यह कथा आपके जीवन में अध्यात्म और शांति का संचार करेगी।
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