बॉम्ब स्क्वायड के डॉग की मौत:2023 से चल रहा था बीमार, नम आंखों से पुलिस कर्मियों ने दी विदाई
मथुरा बॉम्ब स्क्वायड टीम में तैनात डॉग की मौत हो गई। बॉम्ब स्क्वायड टीम में तैनात डॉग पिछले लंबे समय से बीमार चल रहा था। जिसका इलाज वेटरनरी यूनिवर्सिटी में चल रहा था। डॉग की मौत के बाद टीम में तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे नम आंखों से अंतिम विदाई दी। 12 साल 6 महीने की उम्र में हुई मौत मथुरा की बॉम्ब स्क्वायड टीम का अहम हिस्सा स्मॉस गुरुवार को अपनी टीम से विदा हो गया। 12 साल 6 महीने के लैब्राडोर प्रजाति के स्मॉस ने अंतिम सांस ली तो माहौल गमगीन हो गया। स्मॉस काफी तेज तर्रार था। वह एक्सप्लोसिव की तलाश में पुलिस टीम की मदद करता था। 2023 से चल रहा था बीमार उम्र बढ़ने के साथ ही स्मॉस के कई बीमारी बढ़ती गई। जिसके चलते उसका पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र पर इलाज चल रहा था। डेढ़ वर्ष से चल रहे इलाज के बाद उसने गुरुवार को बीमारी के चलते दम तोड दिया। स्मॉस की मौत माहौल गमगीन कर दिया। महत्वपूर्ण स्थलों पर करता था प्रतिदिन चैकिंग स्मॉस मथुरा पुलिस की डॉग स्क्वाड टीम में पिछले कई वर्षों से तैनात था। वह प्रतिदिन श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह के अलावा बांके बिहारी,इस्कॉन ,रंगनाथ मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थान की चैकिंग करने जाता था। इसके अलावा समय समय पर आने वाले वीवीआईपी दौरे से पहले टीम स्मॉस के साथ ही चैकिंग करती थी। स्मॉस की कमी टीम को हमेशा खलेगी। मध्य प्रदेश में ली थी ट्रेनिंग स्मॉस मथुरा पुलिस की डॉग स्क्वाड टीम में शामिल होने से पहले मध्य प्रदेश के टेकमपुर में था। जहां उसने BSF के कैंप में ट्रेनिंग ली। यहां स्मॉस एक्सप्लोसिव तलाशने की ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग करने के बाद स्मॉस बॉम्ब स्क्वायड टीम में शामिल हो गया। स्मॉस की मौत के बाद उसके पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर रखा गया। जहां CO लाइन ने उसको अंतिम विदाई दी। इसके बाद टीम के सदस्यों ने नम आंखों से उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

बॉम्ब स्क्वायड के डॉग की मौत: 2023 से चल रहा था बीमार, नम आंखों से पुलिस कर्मियों ने दी विदाई
हाल ही में एक दिल को छु लेने वाला खबर सामने आई है जिसमें एक पुलिस बॉम्ब स्क्वायड के कुत्ते की दुखदाई मौत हो गई। यह कुत्ता पिछले कई महीनों से गंभीर बीमारी का सामना कर रहा था और अंततः उसकी जिंदगी का कोई अंत आ गया। इस घटना ने न केवल पुलिसवाले बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया।
बीमारी का इतिहास
2023 की शुरुआत से ही यह डॉग बीमार चल रहा था और पुलिसकर्मी उसकी देखभाल का पूरा प्रयास कर रहे थे। वह कुत्ता न केवल अपने मालिकों के लिए बल्कि पूरे पुलिस विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण सदस्य था। कई लोग इस बात पर एकमत हैं कि ऐसे डॉग्स अपने कर्तव्यों में एक अद्वितीय समर्पण दिखाते हैं।
पुलिसकर्मियों का भावनात्मक विदाई
जब कुत्ते का समय आ गया, तो उसके मालिक और अन्य पुलिसकर्मियों ने नम आंखों से उसे विदाई दी। इस मौके पर, सभी पुलिसकर्मी एकत्रित हुए और अपने प्यारे साथी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दृश्य बहुत ही भावुक था, और सभी उपस्थित लोग उस कुत्ते के प्रति своей अमूल्य सेवा को याद कर रहे थे।
डॉग्स की भूमिका
पुलिस डॉग्स की भूमिका सिर्फ सुरक्षात्मक होती है; वे अपने अनुभव और स्वभाव से भी कई तरह की केस को हल करने में मदद करते हैं। उनकी आत्मीयता और समर्पण से न केवल पुलिस विभाग बल्कि स्थानीय समुदाय भी लाभान्वित होता है।
सामुदायिक संवेदनाएं
इस घटना ने स्थानीय निवासियों को भी प्रभावित किया है। कई लोग अपने सोशल मीडिया खातों पर इस कुत्ते के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। इसने सामुदायिक एकता और कुत्तों के प्रति सम्मान को बढ़ावा दिया है।
निष्कर्ष
बॉम्ब स्क्वायड का यह कुत्ता हमेशा याद किया जाएगा। उसकी वीरता और ईमानदारी ने सब दिलों को छू लिया। पुलिसकर्मियों ने उसके प्रति जो प्यार और सम्मान दर्शाया, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है।
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