भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा, ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट 2024 में 96वीं रैंकिंग:2023 में 93वां नंबर था; 180 देशों की लिस्ट में चीन 76वें और पाकिस्तान 135वें नंबर पर

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 11 फरवरी को अपनी 180 देशों की करप्शन रिपोर्ट जारी की। भारत की रैकिंग में गिरावट आई है। पिछले साल के मुताबिक देश 3 पायदान गिरकर 96वें नंबर पर आ गया है। इसका मतलब है कि भारत में करप्शन बढ़ा है। साल 2023 में भारत 93वें नंबर पर था। इससे पहले 2022 में देश 85वें नंबर पर था। पड़ोसी देश चीन 76वें नंबर पर बरकरार है। उसकी रैंकिंग में बीते 2 साल में बदलाव नहीं है। वहीं, पाकिस्तान में भी करप्शन बढ़ा है। वो 135वें नंबर पर है। श्रीलंका 121वें और बांग्लादेश 149वें नंबर पर है लिस्ट में पहले नंबर पर डेनमार्क बना हुआ है। वहां सबसे कम भ्रष्टाचार है। फिनलैंड दूसरे और सिंगापुर तीसरे नंबर पर है। जबकि साउथ सूडान (180) सबसे करप्ट देश है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की जारी रैंकिंग में 1 नंबर पर रहने वाले देश में कम भ्रष्टाचार है और 180वे नंबर पर रहने वाले देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। भारत का स्कोर 38 निर्धारित, 2023 में 39 था आज जारी की गई 2024 की रिपोर्ट में भारत का स्कोर 38 निर्धारित किया गया है। 2023 में यह स्कोर 39 और 2022 में 40 था। सिर्फ एक नंबर के कम होने से भारत 3 पायदान खिसक गया है। वैश्विक औसत सालों से 43 बना हुआ है। जबकि दो-तिहाई से अधिक देशों ने 50 से नीचे स्कोर किया है। इस इंडेक्स के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के एक्सपर्ट्स हर देश के पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार का आकलन करते हैं। इसके बाद हर देश को 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है। जिस देश में जितना ज्यादा भ्रष्टाचार, उसे उतना कम स्कोर दिया जाता है। इसी आधार पर इंडेक्स में रैंकिंग निर्धारित होती है। PM मोदी के कार्यकाल में कम नहीं हुआ करप्शन 2005 से लेकर 2013 तक UPA की सरकार और मौजूदा NDA सरकार की तुलना की जाए तो स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। 2006-07 में करप्शन के मामले में जरूर रैंकिंग सुधरी। उस दौरान भारत 70वें और 72वें स्थान पर था। UPA शासन के अंतिम समय में यानी 2013 में भारत 94वें स्थान पर लुढ़क गया। वहीं NDA के कार्यकाल में सबसे अच्छी स्थिति 2015 में रही, तब भारत वर्ल्ड रैंकिंग में 76वें स्थान पर पहुंचा था। 2 पॉइंट्स में समझिए, एशिया के देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति भ्रष्टाचार जलवायु कार्रवाई के लिए एक बड़ा खतरा सीपीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार दुनिया के हर हिस्से में एक खतरनाक समस्या है। रिसर्च में सामने आया है कि भ्रष्टाचार क्लाइमेट एक्शन के लिए बड़ा खतरा है। यह इमिशन को कम करने और ग्लोबल हीटिंग के ना टाले जा सकने वाले असर की प्रोग्रेस में समस्या खड़ी करते हैं। साल 2012 से 32 देशों ने अपने भ्रष्टाचार के स्तर को काफी कम किया है। लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है। क्योंकि 148 देश इसी समय के दौरान अपनी पोजिशन पर स्थिर रहे हैं या उनकी हालत और खराब हो गई है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग ग्लोबल हीटिंग के गंभीर रिजल्ट से पीड़ित हैं। क्योंकि देशों को ग्रीनहाउस गैस इमिशन में कटौती करने और कमजोर आबादी की रक्षा के लिए रखा फंड चोरी हो जाता है या उसका गलत उपयोग किया जाता है। ................................. भारत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 105वें स्थान पर: पाकिस्तान हमसे पीछे, लेकिन नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश की हालत हमसे बेहतर ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की 2024 की लिस्ट में इस साल भारत 127 देशों में 105वें नंबर पर है। पिछले साल 125 देशों में 111वें स्थान पर था, और 2022 में 121 देशों में से 107वें स्थान पर था।यानी इस साल हालत मामूली ठीक हैं। लेकिन अभी भी हंगर इंडेक्स का स्कोर 27.3 है जो गंभीर बना हुआ है। पूरी खबर पढ़ें...

Feb 12, 2025 - 03:59
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भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा, ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट 2024 में 96वीं रैंकिंग:2023 में 93वां नंबर था; 180 देशों की लिस्ट में चीन 76वें और पाकिस्तान 135वें नंबर पर
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 11 फरवरी को अपनी 180 देशों की करप्शन रिपोर्ट जारी की। भारत की रैकिंग में

भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा, ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट 2024 में 96वीं रैंकिंग

हाल ही में प्रकाशित हुई ट्रांसपेरेंसी अंतर्राष्ट्रीय की रिपोर्ट 2024 ने भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति को एक नया आयाम दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रैंकिंग 2023 में 93वें स्थान से गिरकर 96वें स्थान पर पहुंच गई है। यह रिपोर्ट पूरी दुनिया में 180 देशों की तुलना करती है और इसने हमारे देश में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया है।

रिपोर्ट की खास बातें

रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें यह उल्लेखित किया गया है कि चीन को 76वां और पाकिस्तान को 135वां स्थान प्राप्त हुआ। भारत की गिरती रैंकिंग न केवल राजनीतिक भ्रष्टाचार का संकेत है, बल्कि यह विकास प्रक्रिया में रुकावट भी डाल रही है। इसके माध्यम से जागरूकता बढ़ाने और सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।

भ्रष्टाचार के प्रभाव

भारत में भ्रष्टाचार न केवल विकास दर पर असर डालता है, बल्कि यह नागरिकों के विश्वास को भी कमजोर करता है। सिविल सेवाओं में पारदर्शिता की कमी, सरकारी योजनाओं में वितरण की असमानता और न्याय के प्रति निराशा जैसे मुद्दे इसके मुख्य कारण हैं। इस रिपोर्ट के माध्यम से सरकार को चाहिए कि वह संवेदनशीलता के साथ इन समस्याओं पर ध्यान दे।

क्या हो सकता है आगे?

भ्रष्टाचार को कम करने के लिए जरूरी है कि सख्त कानून बनाए जाएं, प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित किया जाए, और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए। सामाजिक संगठनों और नागरिकों की भागीदारी भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है। हमें मिलकर एक ऐसा वातावरण विकसित करना होगा जहाँ भ्रष्टाचार का कोई स्थान न हो।

इस तरह की रिपोर्ट हमें यह याद दिलाती है कि विकास की राह में बाधाएं न केवल आर्थिक होती हैं, बल्कि नैतिक भी होती हैं। इसलिए, हमें एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा।

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