भास्कर अपडेट्स:महाराष्ट्र के मंत्री की फिल्म छावा की रिलीज रोकने की धमकी, कहा- छत्रपति संभाजी महाराज को नाचते हुए दिखाने वाला सीन हटाएं

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा है कि फिल्म 'छावा' को रिलीज से पहले इतिहासकारों और विद्वानों को दिखाया जाना चाहिए। अगर वे आपत्ति जताते हैं तो फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे। विक्की कौशल की अपकमिंग मूवी 'छावा' एक पीरियड ड्रामा है। जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी दिखाई गई है। फिल्म की शुरुआत 1681 में उनके राज्याभिषेक से होती है। फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उटेकर ने किया है।फिल्म में रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना भी हैं। सामंत ने कहा- फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज को नाचते हुए दिखाया गया है। निर्देशक को इस हिस्से को काट देना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई आपत्तिजनक सामग्री बची रही तो फिल्म की रिलीज को रोका जा सकता है। आज की अन्य बड़ी खबरें... सैफ को 4 घंटे में मिला 25 लाख का क्लेम, मेडिकल कंसल्टेंट ने बीमा नियामक को लिखी चिट्ठी एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) को पत्र लिखा है। इसमें पूछा गया है कि पिछले सप्ताह लीलावती अस्पताल बांद्रा में सैफ अली खान के कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए 25 लाख रुपए की मंजूरी इतनी जल्दी कैसे मिल सकती है।एएमसी लेटर में कहा है कि यह आम पॉलिसीधारकों को मिलने वाले लाभों की तुलना में एक सेलिब्रिटी के लिए प्रिफरेंशनल ट्रीटमेंट दिखाता है।

Jan 27, 2025 - 07:00
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भास्कर अपडेट्स:महाराष्ट्र के मंत्री की फिल्म छावा की रिलीज रोकने की धमकी, कहा- छत्रपति संभाजी महाराज को नाचते हुए दिखाने वाला सीन हटाएं
महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा है कि फिल्म 'छावा' को रिलीज से पहले इतिहासकारों और विद्वानो

भास्कर अपडेट्स: महाराष्ट्र के मंत्री की फिल्म छावा की रिलीज रोकने की धमकी

छावा फिल्म का कंटेंट और विवाद

महाराष्ट्र के एक मंत्री ने हाल ही में फिल्म 'छावा' की रिलीज पर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने फिल्म निर्माण टीम को धमकी दी है कि अगर वह छत्रपति संभाजी महाराज की नाचते हुए दिखाने वाले दृश्य को नहीं हटाते, तो फिल्म की रिलीज को रोक दिया जाएगा। यह बयान फिल्म के कंटेंट को लेकर गहरी चिंताओं को दर्शाता है, जो छत्रपति संभाजी महाराज की छवि को प्रभावित कर सकता है।

मंत्री की टिप्पणी के पीछे का कारण

मंत्री का कहना है कि इस प्रकार के दृश्य महाराज की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं। उन्होंने ऐसे कंटेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस बयान के बाद सिनेमा जगत में हड़कंप मच गया है, और निर्माता इस मुद्दे पर विचार करने के लिए मजबूर हो गए हैं। उनके अनुसार, असमान्य अंकन और ऐतिहासिक हस्तियों का चित्रण एक संवेदनशील मामला है, और इसे बारीकी से संभाला जाना चाहिए।

फिल्म छावा और इसकी पृष्ठभूमि

फिल्म 'छावा' एक ऐतिहासिक नाटक है जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म दर्शकों को एक साहसी सम्राट की कहानी सुनाती है, जिन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। निर्देशक और निर्माता अपने तरीके से उनकी विजय कहानियों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, जब बात अपनी परंपरा और इतिहास की आती है, तो हर कोई विचारशीलता से प्रतिक्रिया देता है।

सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया

फिल्म के खिलाफ इस ताजा मुद्दे पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भी तेजी से आ रही हैं। कई नेटिज़न्स ने मंत्री के बयान का समर्थन किया है और कहा है कि इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करना आवश्यक है। वहीं कुछ लोग इसे सेंसरशिप समझते हैं और फिल्म निर्माताओं के अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। इस विवाद ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि कला और इतिहास के बीच संतुलन किस हद तक होना चाहिए।

निष्कर्ष

राजनीतिक दबाव और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच, 'छावा' की रिलीज का भविष्य अब अनिश्चितता में है। क्‍या फिल्म निर्माताओं को अपनी रचनात्मकता से समझौता करना होगा, या वे इस मुद्दे पर अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

समय के साथ, दर्शक और समाज इस मुद्दे पर अपने विचार साझा करते रहेंगे। समाचार और अपडेट्स के लिए, News by indiatwoday.com पर आते रहें। Keywords: भास्कर अपडेट्स, महाराष्ट्र मंत्री, फिल्म छावा, छत्रपति संभाजी महाराज, फिल्म रिलीज रोकना, फिल्म के दृश्य हटाना, ऐतिहासिक फिल्म विवाद, सामाजिक मीडिया प्रतिक्रिया, सेंसरशिप मुद्दा, फिल्म निर्माताओं के अधिकार

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