मकर संक्रांति पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान:हर-हर गंगे से गूंज उठे गंगा के घाट...आज दान का है विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर्व पर मां गंगा के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अल सुबह से ही हर-हर गंगे, नमामि गंगे, नमामि माते के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद अन्न, वस्त्र, द्रव्य का दान कर पुण्य का लाभ कमाया। संक्रांति के दिन गंगा में स्नान से रोगों का नाश होता है। वहीं दान पुण्य से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। काशी के विभिन्न घाटों पर भीड़ वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी किया। वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला रहा है और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। पुलिस प्रशासन अलर्ट मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 25 नावों पर सवार 100 जवान मुस्तैद हैं। इनमें जल पुलिस, एनडीआरएफ, पीएसी की फ्लड यूनिट के जवान शामिल हैं। प्रमुख घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है। घाटों पर थानों की पुलिस भी तैनात है। घाट से लेकर गंगा में आस्थावानों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह पुलिस व प्रशासन सतर्क है। मकर संक्रांति पर दान का महत्व पंडित विकास ने बताया - मकर संक्रांति के दिन उड़द की दाल का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन उड़द की दाल और चावल मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है और भगवान को भोग लगाया जाता है। इसी के साथ खिचड़ी का दान करना भी लाभकारी रहता है। खिचड़ी के अलावा और इस दिन सूर्य देव को काले तिल मिलाकर अर्घ जरूर देना चाहिए। साथ ही तिल, गुड, वस्त्र, कंबल आदि का दान भी करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि आती है।

मकर संक्रांति पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान
हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति के अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस पवित्र दिन पर लोगों ने गंगा नदी में स्नान किया और 'हर-हर गंगे' के जौहर के साथ घाटों को गूंजायमान किया। इस दिन की विशेषता केवल स्नान करने में ही नहीं है, बल्कि दान का भी विशेष महत्व है। News by indiatwoday.com
पवित्र स्नान का महत्व
मकर संक्रांति का दिन भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह दिन विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा में स्नान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा घाटों की रौनक
वाराणसी के गंगा घाटों पर इस दिन की रौनक देखते ही बनती है। भक्तजन पूरी श्रद्धा के साथ गंगा माता की भक्ति करते हैं और वहीं स्थानीय साधु-संतों द्वारा मंत्रोच्चारण से वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है। श्रद्धालु जोर-जोर से 'हर-हर गंगे' का जाप करते हैं, जिससे पूरे घाटों की आवाज सुनाई देती है।
दान का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के अवसर पर दान का महत्व बहुत अधिक है। इस दिन विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा है। पवित्र स्नान के बाद लोग राशन, कपड़े और धन का दान करते हैं, जिससे उनका पुण्य बढ़ता है। इस प्रकार से लोग अपने कर्मों को सुधारने और सामाजिक सेवा करने का अवसर भी ढूंढते हैं।
समुदाय का जुड़ाव
इस दिन वाराणसी में न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दूर से भक्तजन भी आए होते हैं। यह अवसर परंपरा, संस्कृति और धार्मिक भावना को एकजुट करता है। वाराणसी के गंगा घाटों पर यह एक दिव्य संगम होता है, जो लोगों को आपस में जोड़ता है।
मकर संक्रांति का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। आइए, हम सभी इस अवसर पर एकजुट होकर समाज के उत्थान के लिए प्रयास करें और अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद करने में पीछे न हटें।
अंतिम शब्द
मकर संक्रांति हमें यह सिखाता है कि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजोकर रखें और साथ ही साथ समाज के लिए कुछ करने का प्रयास करें। आज का दिन हर किसी के लिए विशेष है, क्योंकि यह एक नई शुरुआत और पुण्य का प्रतीक है। Keywords: मकर संक्रांति, वाराणसी, श्रद्धालु, पवित्र स्नान, गंगा, हर-हर गंगे, दान का महत्व, गंगा घाट, धार्मिक महत्त्व, भारतीय संस्कृति, सामाजिक सेवा, वाराणसी समाचार.
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