मकर संक्रांति पर श्रावस्ती में उमड़ी भीड़:श्रद्धालुओं ने पौराणिक स्थल पर किया स्नान, माता सीता और लव-कुश की हुई पूजा
श्रावस्ती में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सीताद्वार स्थित सीताकुंड में श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने महर्षि वाल्मीकि, माता सीता और लव-कुश के मंदिर में पूजा-अर्चना की। इकौना तहसील के टड़वा महंत स्थित सीताद्वार का विशेष धार्मिक महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावस्ती कुश की राजधानी रही है। यहां स्थित सीताकुंड में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र झील में स्नान के बाद जगत जननी माता सीता को प्रसाद अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मकर संक्रांति का यह पर्व सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाते हैं, जो मकर राशि के स्वामी हैं। साथ ही यह दिन पवित्र गंगा नदी के धरती पर अवतरण का भी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष मास की कड़ी सर्दी में जब सूर्य उत्तरायण होता है, तब उसकी किरणें औषधि का काम करती हैं। इस दौरान सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से शरीर के कई अज्ञात रोग स्वत: ही दूर हो जाते हैं।

मकर संक्रांति पर श्रावस्ती में उमड़ी भीड़
श्रावस्ती, मकर संक्रांति के अवसर पर, श्रद्धालुओं की एक बड़ी भीड़ पौराणिक स्थल पर एकत्रित हुई। इस मौके पर, भक्तों ने ना सिर्फ स्नान किया, बल्कि माता सीता और लव-कुश की विशेष पूजा भी की। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है जो हर साल बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है।
श्रद्धालुओं का जमावड़ा
मकर संक्रांति का पर्व विशेष रूप से देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। श्रावस्ती में भक्तों की भारी संख्या ने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया। यहां आए लोगों ने नदियों में स्नान कर शुभ संकल्प लिए और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दिन की खासियत यह है कि मातृस्वरूपा माता सीता और लव-कुश की पूजा की जाती है, जो हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखते हैं।
माता सीता और लव-कुश की पूजा
श्रावस्ती के पौराणिक स्थल पर दोनों देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा का प्रदर्शन किया गया। भक्तों ने धूप, दीप और फूल अर्पित करके अपनी श्रद्धा प्रस्तुत की। इस दौरान मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसने भक्तों के मन में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का त्योहार न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह फसल के मौसम का भी संकेत है। यह दिन विशेष महत्व रखता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। यह गांवों और शहरों में नए साल के स्वागत का प्रतीक भी है। श्रावस्ती जैसे पौराणिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की यह विशाल भीड़ इस पर्व की महत्ता को दर्शाती है।
इस अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं को अपने-अपने घरों में तीज-त्योहार मनाने का अवसर मिलता है। श्रावस्ती में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं का जुटान हर बार एक नया उत्साह लाता है, जो इस पवित्र स्थान को महिमामंडित करने का कार्य करता है।
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