महाकुंभ जाना मालदीव, थाईलैंड से महंगा:दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से किराया 30 हजार तक पहुंचा, कनेक्टिंग फ्लाइट्स के टिकट 50 हजार से ज्यादा
13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं का केंद्र बना है। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग प्रयागराज आ रहे हैं। ऐसे में, कई यात्रियों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय में (DGCA) प्रयागराज तक की फ्लाइट्स के किराए में भारी बढ़ोतरी की शिकायत की है। इसे लेकर 27 जनवरी को DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से महाकुंभ के लिए हवाई किराया नहीं बढ़ाने को कहा। देश के प्रमुख शहरों से प्रयागराज आने वाली फ्लाइट्स के किराए में कितना उछाल आया? एयरलाइन कंपनियां कितना किराया वसूल रहीं? इसकी क्या वजह है? इस रिपोर्ट में पढ़िए- सबसे पहले जानिए पूरा मामला महाकुंभ में इस समय हर दिन लाखों लोग पहुंच रहे हैं। ये लोग यहां पहुंच कैसे रहे हैं? तो जवाब है जिसकी जैसी आर्थिक सामर्थ्य है उसी के मुताबिक बसों, ट्रेनों और हवाई जहाज से यहां पहुंच रहे हैं। इसमें ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सरकार के हाथ में है। इस लिहाज से रेलवे ने पहले से तैयारियां कीं और ट्रेनें बढ़ा दीं। सरकारी बसों की संख्या भी बढ़ाई गई। तीसरा साधन आता है हवाई जहाज, जहां सरकार का दायरा सिर्फ नियम-कानून बनाने तक सीमित है। संचालन उसके हाथ में नहीं। ऐसे में, एयरलाइन कंपनियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए देश के प्रमुख शहरों से फ्लाइट्स के टिकट बेतहाशा महंगे कर दिए। तब इसे लेकर कई यात्रियों ने DGCA में इसकी शिकायत की। यात्रियों ने बताया कि कैसे दिल्ली से प्रयागराज तक किराया 25 हजार रुपए तक वसूला जा रहा है। जबकि सामान्य रूप से यह 5 हजार रुपए तक रहता है। यात्रियों की शिकायत पर DGCA का एक्शन लगातार मिल रही इन शिकायतों पर सोमवार (27 जनवरी) को DGCA ने एक्शन लिया। महानिदेशालय ने एयरलाइन कंपनियों से फ्लाइट्स का किराया नहीं बढ़ाने को कहा है। DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से उड़ाने बढ़ाने के लिए भी कहा। बयान जारी कर महानिदेशालय ने कहा कि जनवरी के लिए प्रयागराज के लिए 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी गई है। इससे पूरे देश से प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या 132 हो गई है। इन शिकायतों को लेकर 23 जनवरी को महानिदेशालय के अफसरों ने एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की थी। देश के 7 बड़े शहरों से प्रयागराज के लिए 29 जनवरी के फ्लाइट टिकट की कीमतें मौनी अमावस्या के बाद 5 प्रमुख शहरों से प्रयागराज की फ्लाइट के टिकट की कीमतें बाली, मालदीव और थाईलैंड जाने से महंगा हुआ प्रयागराज जाना आप अगर दिल्ली, बेंगलुरु या जयपुर जैसे शहरों से बाली, मालदीव और थाईलैंड जाना चाहते हैं तो यह महाकुंभ जाने की फ्लाइट टिकट से सस्ता पड़ेगा। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। अगर बेंगलुरु से 31 जनवरी के दिन कोई प्रयागराज की कनेक्टिंग फ्लाइट बुक करता है तो उसे अधिकतम 94 हजार तक चुकाना पड़ सकता है। यह सिर्फ एक तरफ की कीमत है। इसी तरह डायरेक्ट फ्लाइट के लिए 30 से 35 हजार एक तरफ चुकाना पड़ेगा। यानी आना-जाना दोनों मिला दें तो करीब 60 से 70 हजार। अब दिल्ली या बेंगलुरु से मालदीव की फ्लाइट के टिकट का इसी तारीख में दाम देखें तो यह एक तरफ के लिए 16 से 17 हजार के बीच है। इसी तरह इन शहरों से इंडोनेशिया की राजधानी बाली के लिए डायरेक्ट फ्लाइट टिकट की कीमतें 25 से 30 हजार के बीच है। कुछ ऐसे ही हालात थाईलैंड जाने के भी हैं। मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को थाईलैंड 14 हजार में पहुंचा जा सकता है। लेकिन देश दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई से प्रयागराज नहीं। सामान्य दिनों की तुलना में 4 से 5 गुना बढ़े प्रयागराज की फ्लाइट टिकट के दाम सामान्य दिनों में प्रयागराज के लिए दिल्ली से हवाई टिकट की कीमतें 5 हजार तक की होती हैं। इसी तरह पड़ोस के राज्यों जैसे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से डायरेक्ट फ्लाइट की करीब 2500 रुपए, जयपुर से 5 से 7 हजार, अहमदाबाद से 6 से 7 हजार, बेंगलुरु से 8 से 10 रुपए तक टिकट की कीमतें होती हैं। कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों से जहां से प्रयागराज के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है, वहां से सामान्य दिनों में टिकट की कीमतें 10 से 12 हजार के बीच होती हैं। लेकिन, महाकुंभ की वजह से प्रयागराज के लिए मांग बढ़ने पर इन शहरों से एयरलाइन कंपनियों ने टिकटों के दाम 4 से 5 गुना बढ़ा दिए हैं। कीमतें बढ़ने के पीछे क्या वजह? प्रयागराज में महाकुंभ की वजह से इस शहर में देशभर से पहुंचने वाली डायरेक्ट और कनेक्टिंग फ्लाइट्स के दाम बढ़े हैं। इसके पीछे वजह है डिमांड के मुताबिक सप्लाई कम होना। DGCA की तरफ से जनवरी में 81 फ्लाइट्स की मंजूरी के बाद भी मांग पूरी नहीं हो पा रही। ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो ने जनवरी महीने में ही एक सर्वे किया। उसमें निकलकर आया कि दिल्ली से प्रयागराज आने वाली फ्लाइट टिकटों के दाम 21% बढ़ गए। ---------------------------------- यह खबर भी पढ़ें सास पीठ पर...5KM पैदल चलकर महाकुंभ पहुंची, 70 साल की मां को कांवड़ से लाया बेटा; मेले में दिल को छू लेने वाले दृश्य प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ हो रही है। लोगों का खाली हाथ और पैदल चलना भी मुश्किल है। इस आपाधापी के बीच ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर दिल को सुकून मिल रहा। जानिए ऐसे ही कुछ खास लोगों के बारे में...

महाकुंभ जाना मालदीव, थाईलैंड से महंगा: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से किराया 30 हजार तक पहुंचा, कनेक्टिंग फ्लाइट्स के टिकट 50 हजार से ज्यादा
News by indiatwoday.com
महाकुंभ यात्रा की बढ़ती कीमतें
महाकुंभ मेले की यात्रा के लिए ताजा रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मालदीव और थाईलैंड के लिए हवाई सफर का किराया तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों से किराया 30 हजार रुपये तक पहुंच गया है। खासकर, त्योहारों का समय होने के कारण, ट्रैवल एजेंट्स और एयरलाइंस ने टिकट की कीमतों में इजाफा किया है।
कनेक्टिंग फ्लाइट्स की उच्च लागत
यात्रियों को बता दें कि अगर वे कनेक्टिंग फ्लाइट्स चुनते हैं, तो उनके टिकट की कीमत 50 हजार रुपये से भी अधिक हो सकती है। यह परिस्थिति यात्रियों के लिए कठिनाइयों और वित्तीय चुनौतियों का कारण बन रही है। ऐसे में, महाकुंभ का अनुभव लेने के इच्छुक लोग पहले से योजना बनाने और टिकट कन्फर्म कराने पर जोर दे रहे हैं।
वेतनमान का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती महंगाई का असर भी ट्रैवल किरायों पर पड़ रहा है। यात्रा करने वालों को अब अपने बजट को ध्यान में रखते हुए सफर के विकल्पों पर विचार करना होगा। महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना हमेशा से भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है, लेकिन बढ़ती कीमतें एक नई चुनौती पेश कर रही हैं।
प्लानिंग का महत्व
इस दौर में सही योजना बनाना अनिवार्य हो गया है। टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण है; यदि आप जल्दी बुकिंग करते हैं, तो आप कम कीमतों पर टिकट प्राप्त कर सकते हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा एजेंटों या ऑनलाइन प्लेटफार्मों का उपयोग करके तुलना करें और उसी अनुसार अपनी योजना बनाएं।
महाकुंभ के দর্শनों में शामिल होने के लिए यात्रियों को अपनी यात्रा को सही तरीके से तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि उनके अनुभव को अधिक सुगम और किफायती बनाया जा सके।
निष्कर्ष
महाकुंभ जाने वाले लोगों के लिए हवाई यात्रा के बढ़ते दाम एक नई वास्तविकता बन गए हैं। एयरलाइन किरायों में वृद्धि और कनेक्टिंग फ्लाइट्स की उच्च कीमतें यात्रा की योजना बनाते समय एक महत्वपूर्ण कारक बन गई हैं।
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