महाकुंभ में 400 से ज्यादा अपराध दर्ज:चोरी और झपटमारी की सबसे अधिक शिकायतें, संतों के भी मोबाइल गायब

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के 45 दिनों में अपराधियों ने जमकर सक्रियता दिखाई। कोतवाली थाने में कुल 404 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें सबसे अधिक मोबाइल चोरी की घटनाएं सामने आईं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 56 थाने और 155 पुलिस चौकियां स्थापित की गईं। साइबर और स्वाट टीम को भी तैनात किया गया। सभी अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करने की व्यवस्था केवल कोतवाली थाने में की गई थी। महाकुंभ में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ-साथ संत और महामंडलेश्वर भी अपराधियों के निशाने पर रहे। कई संतों की गाड़ियों से नगदी और कीमती सामान चोरी हुआ। एक संत पर बिजली के ठेकेदारों द्वारा हमला भी किया गया। परेड क्षेत्र से एक गिरोह के 8 सदस्य गिरफ्तार पहला और आखिरी मुकदमा दोनों मोबाइल चोरी के थे। इस दौरान हेलीकॉप्टर और कॉटेज बुकिंग फ्रॉड के मामले भी सामने आए। साइबर क्राइम और मारपीट की घटनाएं भी दर्ज की गईं। अपराध रोकने के लिए विशेष टीमें लगाई गईं। मौनी अमावस्या से पहले पुलिस ने परेड क्षेत्र से एक गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया। लेकिन इसके बाद कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि चोरी और छिनैती की घटनाएं लगातार होती रहीं। कमिश्नरेट में ट्रांसफर होंगी फाइल महाकुंभ मेले का समापन 27 को आधिकारिक रूप से हो गया है। ऐसे में अब महाकुंभ मेले के कोतवाली थाने में दर्ज की गई सभी एफआईआर की फाइल कमिश्नरेट प्रयागराज में ट्रांसफर की जाने की तैयारी की जा रही है। आमतौर पर मेला क्षेत्र के मुकदमों की फाइल दारागंज थाने को भेजी जाती है। हालांकि, इस बार केस की संख्या अधिक होने के कारण विवेचना के लिए दूसरे थानों को भी ट्रांसफर किया जा सकता है। मेला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही सभी केस प्रयागराज कमिश्नरेट को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

Feb 28, 2025 - 10:00
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महाकुंभ में 400 से ज्यादा अपराध दर्ज:चोरी और झपटमारी की सबसे अधिक शिकायतें, संतों के भी मोबाइल गायब
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के 45 दिनों में अपराधियों ने जमकर सक्रियता दिखाई। कोतवाली थाने में क

महाकुंभ में 400 से ज्यादा अपराध दर्ज: चोरी और झपटमारी की सबसे अधिक शिकायतें, संतों के भी मोबाइल गायब

महाकुंभ 2023 के दौरान सुरक्षा को ऑनलाइन अपराधों के खिलाफ बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए थे, लेकिन हाल के आंकड़ों के अनुसार, इस धार्मिक मेले में 400 से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भक्तों और संतों समेत कई लोग चोरी और झपटमारी के शिकार हुए हैं। यह रिपोर्ट हमें बताती है कि महाकुंभ केवल धार्मिक मानवीयता का स्थान नहीं है, बल्कि यहां अपराध का भी सामना करना पड़ सकता है।

चोरी और झपटमारी: बढ़ते अपराध

महाकुंभ में सबसे अधिक शिकायतें चोरी और झपटमारी की रही हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भक्तों के बीच चलने के दौरान मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान की चोरी की घटनाएँ बढ़ी हैं। संतों के भी कई मोबाइल गायब हुए हैं, जो कि उनके लिए अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण उपकरण हैं। इस प्रकार के अपराध भक्तों की सुरक्षा को एक गंभीर चुनौती के रूप में देखी जा सकती है।

सुरक्षा उपाय और उनकी प्रभावशीलता

महाकुंभ के आयोजकों ने सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने के लिए CCTV कैमरों और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की थी। लेकिन ये उपाय अपराधों को रोकने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं। स्थानीय पुलिस इन मामलों को गंभीरता से ले रही है, और दोषियों को पकड़ने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

भक्तों के लिए सलाह

सभी भक्तों से अनुरोध है कि वे अपनी कीमती चीजों का ध्यान रखें और केवल आवश्यक सामान ही लाएँ। जहां तक संभव हो, समूहों में यात्रा करें और अपने आस-पास के लोगों पर नजर बनाए रखें।

महाकुंभ में सुरक्षा और अपराध की समस्या पर विचार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं का अनुभव सुरक्षित और सुखद बना रहे।

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