महाराजगंज कन्हैया बाबा स्थान की खुदाई:10 मीटर तक मिली थी परमिशन, सात दिन बाद बंद करना होगा काम
महाराजगंज चौक जंगल में कन्हैया बाबा स्थान पर चल रही खुदाई से फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। पिछले 49 दिनों दिनों से काम चल रहा है जिसे एक सप्ताह बाद बंद करना होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को केवल 10 मीटर की परिधि में अनुमति मिली थी। प्रस्तावित स्थल पर उत्खनन कार्य अब पूर्ण होने की कगार पर है। अब तक के उत्खनन में स्तूप या घर की बाहरी संरचना ही मिल पाई है। जिससे अभी पुरातत्वविद किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्पष्ट जानकारी के लिए पूरे टीले का उत्खनन आवश्यक है। ऐतिहासिक कन्हैया बाबा के स्थान पर राम ग्राम के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने 49वें दिन मंगलवार को भी निर्धारित ट्रेंच के भीतर उत्खनन कार्य किया। जो की अंतिम चरण में चल रहा है। अब तक खुदाई में टीम को मिट्टी व ईंटों के अवशेष के साथ ही कलात्मक दीवार 'व अलंकृत ईंटें भी मिलीं हैं। कुछ पुरातत्वविद इस स्थल को रामग्राम स्तूप बताते हैं, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षक पुरातत्वविद डा. आफताब हुसैन ने बताया कि संपूर्ण टीले की खुदाई के बाद ही इस स्थल के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है। अनुमति के अनुसार 10 मीटर की परिधि में खुदाई का काम एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। खुदाई के दौरान ईंटों के साथ ही मिट्टी के बर्तन होने के अवशेष भी मिले थे। सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के दक्षिणी चौक रेंज के नाथनगर बीट में कन्हैया बाबा के स्थान को भगवान बुद्ध के आठवीं अस्थि अवशेष पर बने स्तूप की मान्यता दिलाने के संदर्भ में अलंकृत दीवारों व ईंटों के साथ ही मिट्टी के बर्तनों के अवशेष को मिलने को महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

महाराजगंज कन्हैया बाबा स्थान की खुदाई: 10 मीटर तक मिली थी परमिशन, सात दिन बाद बंद करना होगा काम
महाराजगंज के कन्हैया बाबा स्थान पर चल रही खुदाई को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। हाल ही में यह जानकारी मिली है कि इस स्थान की खुदाई के लिए 10 मीटर तक की परमिशन दी गई थी। खुदाई का कार्य प्रारंभ होते ही स्थानीय लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई थी। हालाँकि, अब Authorities ने सूचित किया है कि खुदाई का यह कार्य केवल सात दिनों तक ही जारी रहेगा। इसके बाद इसे बंद करना होगा।
खुदाई का महत्व
कन्हैया बाबा स्थान की खुदाई में पुरातात्त्विक महत्व की संभावनाएं जताई जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां की मिट्टी में समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर छिपी हो सकती है। ऐसे में यह स्थल न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन सकता है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय ने खुदाई के कार्य का स्वागत किया है, और लोग इसे अपने धार्मिक विश्वासों से जोड़कर देख रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस खुदाई से क्षेत्र का विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कार्य को तुरंत समाप्त करने का आदेश मिलने पर लोगों में चिंता भी उत्पन्न हुई है।
आगे की योजना
जैसा कि खुदाई कार्य समाप्त करना है, Authorities ने पुनर्विचार करने की बात कही है। यह भी संभव है कि आगे चलकर खुदाई के लिए नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। स्थानीय नेताओं का मानना है कि इस विषय पर और चर्चा की आवश्यकता है।
संक्षेप में, महाराजगंज की कन्हैया बाबा स्थान की खुदाई एक महत्वपूर्ण घटना है, जो न केवल स्थानीय निवासी बल्कि व्यापक संदर्भ में भी पहचानी जा रही है।
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