माता संकठा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव:56 प्रकार के व्यंजनों का लगा भोग, भक्तों ने किया दर्शन-पूजन

वाराणसी के सिंधिया घाट स्थित माता संकठा का मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। माता के मंदिर को रंग-बिरंगे लाइटों और फूलों से सजाया गया। माता को 56 प्रकार का भोग लगाया गया। सुबह से ही माता के दरबार में दर्शन पूजन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर के पुजारी ने बताया कि भोर में माता की मंगला आरती के बाद कपट भक्तों के लिए खोल दिया गया। आइए देखते हैं तस्वीर.. पांडवों ने किया था मां संकटा का पूजन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पांडवों जब अज्ञातवास में थे तो उस समय वह आनंद वन (काशी को पहले आनंद वन भी कहते थे) आये थे और मां संकठा की भव्य प्रतिमा स्थापित कर बिना अन्न-जल ग्रहण किये ही एक पैर पर खड़े होकर पांचों भाइयों ने पूजा की थी। इसके बाद मां संकटा प्रकट हुई और आशीर्वाद दिया कि गो माता की सेवा करने पर उन्हें लक्ष्मी व वैभव की प्राप्ति होगी। पांडवों के सारे संकट दूर हो जायेंगे। इसके बाद महाभारत के युद्ध में पांडवों ने कौरवों को पराजित किया था।

Jan 12, 2025 - 22:45
 52  501823
माता संकठा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव:56 प्रकार के व्यंजनों का लगा भोग, भक्तों ने किया दर्शन-पूजन
वाराणसी के सिंधिया घाट स्थित माता संकठा का मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। माता के म

माता संकठा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव: 56 प्रकार के व्यंजनों का लगा भोग, भक्तों ने किया दर्शन-पूजन

माता संकठा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग श्रद्धालुओं को समर्पित किया गया। भक्तों ने पूरे श्रद्धा भाव से देवी माता की पूजा-अर्चना की और अन्नकूट के इस विशेष त्‍योहार का आनंद लिया। अन्नकूट महोत्सव हर साल की तरह इस बार भी बहुत धूमधाम से आयोजित किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने न केवल भोग का दर्शन किया, बल्कि माता की महिमा का गुणगान भी किया।

अन्नकूट महोत्सव का महत्व

अन्नकूट महोत्सव का धार्मिक महत्व भारत में बहुत अधिक है। यह पर्व विशेष रूप से माता संकठा के भक्तों द्वारा मनाया जाता है, जहाँ विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार कर माता को अर्पित किए जाते हैं। भक्तों के लिए यह एक अवसर है अपने संकल्प और श्रद्धा को दोहराने का, और वे अपनी आस्था के साथ इस महोत्सव में भाग लेते हैं।

56 प्रकार के व्यंजन

इस वर्ष अन्नकूट महोत्सव में 56 प्रकार के भोग का विशेष आयोजन किया गया था, जिसमें नमकीन, मिठाई, दाल-चावल, सब्जियां और विशेष पकवान शामिल थे। यह व्यंजन न केवल विविधता में थे, बल्कि हर एक व्यंजन का महत्त्व भी भक्तों के लिए बड़ा होता है। भक्तों ने इन व्यंजनों का अनुष्ठान किया और देवी मां की कृपा प्राप्त करने की कामना की। माताजी के इस महोत्सव में लगाए गए भोग ने भक्तों को आकर्षित किया और उनके मन में एक अद्वितीय आनंद का संचार किया।

भक्तों का उत्साह

भक्तों की अपार संख्या ने इस महोत्सव को और भी भव्य बना दिया। सभी भक्तों ने बड़ी संख्या में दर्शन किए और माता की कृपा प्राप्त की। भक्तों के बीच खुशी का माहौल था, जहाँ बच्चें, युवा और वृद्ध सभी ने एकत्रित होकर मां की भक्ति में लीन होकर हर क्षण का आनंद लिया। इस मौके पर बहुत से भक्तों ने अपने परिवार के साथ मिलकर माता को अर्पित किए गए भोग का अनुभव किया।

इस महोत्सव के माध्यम से श्रद्धालुओं ने अपने गीत, भजन और नृत्य के माध्यम से श्रद्धा का इजहार किया। माता संकठा के दरबार में यह समारोह निश्चित रूप से भक्ति और एकता का प्रतीक बना रहा।

अन्नकूट महोत्सव के आयोजन के साथ ही, भक्तों ने यह भी देखा कि कैसे इस तरह के दैवीय अनुष्ठान समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, और यहाँ तक कि यह आयोजन वर्षों से एक परंपरा के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है।

अंत में, माता संकठा के दरबार में किए गए इस आयोजन ने भक्तों की आस्था को और मजबूत किया। सभी भक्तों ने इस दिन को अपनी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए याद किया।

News by indiatwoday.com Keywords: माता संकठा अन्नकूट महोत्सव, 56 प्रकार के व्यंजन, भक्तों का दर्शन-पूजन, अन्नकूट भोग, देवी माता का पर्व, धार्मिक महोत्सव भारत, भक्तों की संख्या, संकठा माता महोत्सव, भक्ति और विश्वास, भारतीय परंपरा

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow