मेरठ में फिटजी कोचिंग के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा:2 साल की एडवांस फीस लेकर अचानक सेंटर शटडाउन, डिप्रेशन में स्टूडेंट्स

मेरठ में फिटजी कोचिंग सेंटर के खिलाफ पेरेंट्स का गुस्सा फूटा। अभिभावकों ने मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से मुलाकात कर कोचिंग संचालकों के खिलाफ शिकायत दी है। इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले तमाम छात्रों के पैरेंट्स एसएसपी से मिलने पहुंचे। पेरेंट्स ने कहा कि फिटजी ने अचानक बिना किसी प्री इंफारमेशन के सेंटर शटडाउन कर दिया है। इसके कारण स्टूडेंट्स की पढ़ाई अधर में अटक गई है। दो साल की एडवांस फीस लेकर संस्थान ने अचानक सेंटर बंद कर दिया। हमारे बच्चों का करियर चौपट हो गया है। हमें न्याय चाहिए। एसएसपी ने सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिविल लाइंस को पूरे मामले की जांच के लिए कहा है। अभिभावकों ने बताई परेशानी अभिभावकों ने बताया कि आज से लगभग 6 महीने पहले महाराष्ट्र व अन्य शहरों में फिटजी के सेंटर अचानक बंद हुए। तब हम लोगों ने मेरठ सेंटर पर जाकर वहां सेंटर हेड और स्टाफ दोनों से पूछा कि मेरठ में भी ऐसा हो रहा है क्या। तो उन लोगों ने साफ कहा ऐसा कुछ नहीं है। आप बच्चों को पढ़ाएं। 400 से ज्यादा बच्चों से 2 साल की एडवांस फीस जमा कराई गई है। 6 लाख से ज्यादा रकम प्रति बच्चे हिसाब से करोड़ों रुपया एडवांस में जमा कराया गया है। 400 छात्रों की एडवांस फीस जमा कराई पेरेंट्स ने कहा कि अचानक 3 दिन पहले सेंटर शटडाउन कर दिया। बताया नहीं जा रहा सेंटर कब खुलेगा, खुलेगा भी या नहीं। हमारे बच्चों की पढ़ाई अटक गई। बच्चे डिप्रेशन में हैं उनका पेपर है उनका पूरा करियर चौपट है। पेरेंट्स ने कहा कि 5 दिन पहले सेंटर के 11 टीचर्स ने मॉस रिजायन कर दिया। सारे टीचर दूसरे इंस्टीट्यूट में चले गए। लेकिन बच्चे क्या करें। 11 शिक्षकों ने एक साथ दिया इस्तीफा दूसरे संस्थान में गए टीचर हमें फोन करके कह रहे हैं कि अपने बच्चों को आकाश इंस्टीट्यूट में ज्वाइन करा दो। यहां पढ़ाई करा देंगे, कोर्स कंप्लीट करा देंगे। लेकिन हम तो एडवांस फीस दो साल की दे चुके हैं अब उसका क्या होगा। संस्थान ने हमारे साथ धोखा किया है। पेरेंट्स ने कहा कि मेरठ सेंटर हेड गौरव शर्मा, प्रशांत शर्मा पर आरोप लगाए। संस्थान के निदेशक डीके गोयल पर भी एक्शन लिया जाए। छात्रों का मोरल टूट चुका है वो कहीं पढ़ नहीं पा रहे। वो तनाव में हैं। अभिभावकों ने रखी ये मांगें . किसी भी कोचिंग में सालभर की एडवांस फीस न ली जाए। . जो फीस कोचिंग एडवांस ले उसे प्रशासनिक कोष में जमा कराया जाए, ताकि उस पैसे से कोचिंग इँस्टीट्यूट के टीचर्स को समय पर सेलरी मिलती रहे। . समाधान नहीं हुआ तो हम लीगल एक्शन लेंगे।

Jan 22, 2025 - 12:59
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मेरठ में फिटजी कोचिंग के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा:2 साल की एडवांस फीस लेकर अचानक सेंटर शटडाउन, डिप्रेशन में स्टूडेंट्स
मेरठ में फिटजी कोचिंग सेंटर के खिलाफ पेरेंट्स का गुस्सा फूटा। अभिभावकों ने मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन

मेरठ में फिटजी कोचिंग के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा

मेराठ, एक तरफ जहाँ शैक्षणिक संस्थानों का उद्देश्य छात्रों को उत्तम शिक्षा प्रदान करना है, वहीं अब एक नया विवाद सामने आया है। फिटजी कोचिंग संस्थान ने अचानक अपने सेंटर को बंद करने का निर्णय लिया है, जिसके चलते अभिभावकों में रोष बढ़ गया है। इस मामले में अभिभावकों ने संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे छात्रों का मनोबल गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

फिटजी कोचिंग का शटडाउन और अभिभावकों की चिंताएं

हाल ही में, मेरठ में स्थित फिटजी कोचिंग सेंटर ने बिना किसी पूर्व सूचना के अपना सेंटर बंद कर दिया है। अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने दो वर्षों की एडवांस फीस जमा की थी, लेकिन अचानक सेंटर के शटडाउन से उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इससे छात्रों में डिप्रेशन जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। अभिभावकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, और उन्होंने इस मुद्दे पर उच्च शिक्षा मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है।

स्टूडेंट्स की स्थिती और उनके अधिकार

फिटजी कोचिंग के इस व्यवहार ने छात्रों को मानसिक तनाव में डाल दिया है। छात्रों का कहना है कि वे अपनी पढ़ाई के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें अपने भविष्य के प्रति अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सभी छात्रों के अधिकारों की रक्षा की जाए और उन्हें उचित शिक्षा का प्रमाण मिले। अभिभावकों का यह भी कहना है कि कोचिंग संस्थान को अपनी जिम्मेदारियों का पता होना चाहिए और छात्रों को निराश नहीं करना चाहिए।

समाधान और आगे की राह

अभिभावकों और छात्रों ने मिलकर एक आंदोलन की शुरुआत की है, जिसमें वे कोचिंग संस्थान से अपनी फीस लौटाने और सेंटर को फिर से चालू करने की मांग कर रहे हैं। यह मामला अब न्यायालय में जाने की तैयारी में है। संस्थान की प्रबंधन को चाहिए कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

इस प्रकार, मेरठ में इस घटनाक्रम के कारण अभिभावकों का गुस्सा और छात्रों का चिंता की एक नई तस्वीर सामने आ रही है। इस मामले की गहराई में जाकर समाधान निकालना आवश्यक है। आगे बढ़ते हुए, यह देखना होगा कि क्या संस्थान अभिभावकों और छात्रों की मांगों को सुनता है या नहीं।

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