मेरठ से दिल्ली तक 15 कैडेट्स की साइकिल यात्रा:रोज 140 किमी की दूरी तय कर रहे, 1857 के क्रांतिकारियों की याद में एनसीसी की पहल
देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले 1857 के क्रांतिकारियों की याद को जीवंत रखने के लिए एनसीसी ने एक अनूठी पहल की है। एनसीसी की 15 सदस्यीय टीम 'संग्राम 1857 साइक्लोथोन' के तहत मेरठ से दिल्ली तक की यात्रा कर रही है। यह अभियान 1 जनवरी 2025 को मेरठ से शुरू हुआ। टीम के नेतृत्वकर्ता नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए क्रांतिकारियों की याद को जन-जन तक पहुंचाना है। टीम प्रतिदिन 100 से 140 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है। एनसीसी की सीनियर ऑफिसर तान्या के अनुसार, यात्रा के दौरान टीम उन सभी स्थानों पर जा रही है, जहां 1857 में अंग्रेजी शासन के खिलाफ क्रांतिकारियों ने अपनी जान न्योछावर की थी। टीम मुरादाबाद, हरदोई, लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज होते हुए फतेहपुर पहुंची, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। फतेहपुर में टीम बावनी इमली जाकर 51 शहीद देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी। इसके बाद कानपुर, झांसी और ग्वालियर होते हुए दिल्ली में यात्रा का समापन होगा। फतेहपुर में आयोजित कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह सहित कई वरिष्ठ एनसीसी अधिकारी उपस्थित रहे।

मेरठ से दिल्ली तक 15 कैडेट्स की साइकिल यात्रा: रोज 140 किमी की दूरी तय कर रहे, 1857 के क्रांतिकारियों की याद में एनसीसी की पहल
News by indiatwoday.com
एनसीसी का अद्भुत अभियान
हाल ही में, मेरठ से दिल्ली तक 15 एनसीसी कैडेट्स ने एक अद्भुत साइकिल यात्रा शुरू की है, जिसका उद्देश्य 1857 के क्रांतिकारियों की शहादत को याद करना है। ये कैडेट्स रोजाना लगभग 140 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। इस यात्रा के माध्यम से वे देशभक्ति और साहस के प्रतीक को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं।
साइकिल यात्रा की विशेषताएँ
यह यात्रा न केवल भौतिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को क्रांतिकारियों के बलिदान के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। एनसीसी के नेतृत्व में चल रही इस पहल का उद्देश्य है कि नए पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम की गहराइयों एवं इतिहास के प्रति जानकारी दी जाए।
कैसे हो रही है तैयारी
इस यात्रा की तैयारी में कैडेट्स ने महीनों तक अभ्यास किया है। उन्होंने अपनी फिटनेस को बढ़ाने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम का पालन किया है। इससे न केवल उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ी है, बल्कि मानसिक तैयारी में भी सुधार हुआ है।
1857 के क्रांतिकारियों की विरासत
1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसने देश के स्वतंत्रता सेनानियों में नई ऊर्जा का संचार किया। इस यात्रा के माध्यम से कैडेट्स का उद्देश्य है कि वे हमारे वीर क्रांतिकारियों की विरासत को जीवित रखें और युवाओं के मन में देशभक्ति की भावना को जगाएं।
समापन और उम्मीदें
यह साइकिल यात्रा न केवल एनसीसी कैडेट्स के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह उनके लिए स्वदेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक अवसर भी है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी यह यात्रा समाज में एक सकारात्मक संदेश भेजेगी और युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी।
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