मैनपुरी पुलिस की दबिश में युवक का टूटा पैर:जमीन विवाद में दरोगा से हुई थी कहासुनी, प्रशासन ने भर्ती कराने से किया इनकार

मैनपुरी के एलाऊ थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जमीन विवाद में जांच के दौरान एक युवक और दरोगा के बीच हुई कहासुनी ने गंभीर मोड़ ले लिया। दरोगा ने युवक के खिलाफ एससी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया। रात करीब 12 बजे पुलिस बल के साथ उसके घर दबिश दी। पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवाया घटना नगला सड़क गांव की है। जहां पीड़ित के भाई मुकेश कुमार के अनुसार, जमीन विवाद की जांच के लिए लेखपाल, प्रधान और चौकी इंचार्ज अनिल कुमार मौके पर आए थे। जांच के दौरान कोई आपत्ति नहीं जताई गई। लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों के जाने के बाद पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज इसी दौरान दरोगा से हुई कहासुनी के बाद पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। रात में की गई दबिश के दौरान युवक का पैर टूट गया। पुलिस उसे सीधे जेल ले गई। लेकिन जेल प्रशासन ने अस्पताल से डिस्चार्ज के कागजात न होने के कारण उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। वर्तमान में पीड़ित का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

Feb 6, 2025 - 23:59
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मैनपुरी पुलिस की दबिश में युवक का टूटा पैर:जमीन विवाद में दरोगा से हुई थी कहासुनी, प्रशासन ने भर्ती कराने से किया इनकार
मैनपुरी के एलाऊ थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जमीन वि

मैनपुरी पुलिस की दबिश में युवक का टूटा पैर

मैनपुरी जिले में एक युवक को पुलिस की दबिश के दौरान गंभीर चोट आई है, जिसके कारण उसका पैर टूट गया। यह घटना जमीन विवाद के सिलसिले में हुई, जहां एक दरोगा से युवक की कहासुनी हो गई थी। इस मामले में युवक की हालत को लेकर स्थानीय प्रशासन का रवैया बेहद चिंताजनक है, क्योंकि उन्होंने उसे अस्पताल में भर्ती कराने से इनकार कर दिया।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, मैनपुरी में एक जमीन विवाद को लेकर स्थानीय पुलिस कार्रवाई कर रही थी। इसी दौरान, एक युवक और दरोगा के बीच तेज बहस हो गई। इस कहासुनी के बाद, पुलिस ने युवक को काबू करने की कोशिश की, जिसमें युवक गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। पैर टूटने की वजह से युवक को तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता थी, लेकिन प्रशासन ने उसकी मदद करने में कतराना शुरू कर दिया।

प्रशासन की भूमिका

घायल युवक के परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने प्रशासन से बात की तो वहां से कोई उचित मदद नहीं मिली। प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया को नकार दिया गया, जिससे युवक की हालत और गंभीर हो गई है। इस मामले ने स्थानीय लोगों के बीच रोष पैदा कर दिया है। समाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति की चोट नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था की विफलता का प्रतीक भी है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोग प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि युवक को तुरंत उपचार प्रदान किया जाए और प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए। स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और उचित कार्रवाई की मांग की है।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल एक युवक की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि मैनपुरी में पुलिस और प्रशासन की कार्यपद्धति पर भी सवाल उठाती है। लोग अब सवाल कर रहे हैं कि क्या कानून व्यवस्था वास्तव में नागरिकों की रक्षा कर रही है? ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाइयों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की दुर्व्यवस्था का सामना न करना पड़े।

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