युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या:परिजनों में मचा कोहराम, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
मऊ में 30 साल के युवक ने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब पिता ने कमरे का दरवाजा खोला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर सैकड़ों मुहल्ले वासियों की भीड़ इकट्ठा हो गयी है। आपको बता दें यह पूरा मामला थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सहादतपुरा स्थित देव पब्लिक स्कूल के पास का है। यहां पर एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। बताया जाता है कि आनंद यादव (30) मानसिक रूप से विक्षिप्त था, जिसका इलाज गोरखपुर से चल रहा था। बृहस्पतिवार की सुबह लगभग 9:00 बजे घर की लाइट सही करने के लिए पिता भुनेश्वर यादव इलेक्ट्रीशियन को बुलाने के लिए गए हुए थे। जब वापस लौटे तो देखा कि उनका बेटा कमरे के अंदर पंखे में फंदे से लटका हुआ है। घटना को देख पिता चिखने चिल्लाने और रोने लगे, आवाज सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। इसी दौरान किसी ने पुलिस को इसकी सूचना ई दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच पड़ताल में जुड़ गई। उधर मृतक के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना पाकर घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गयी है। देखें फोटो...

युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या: परिजनों में मचा कोहराम
युवक की आत्महत्या का यह मामला ने पूरे मोहल्ले को हिलाकर रख दिया है। यह घटना एक सामान्य दिन में हुई जब 22 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिजनों के लिए यह खबर बुरी तरह से आघात देने वाली थीं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका अपना ऐसा कदम उठाएगा। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, ताकि कारणों का पता लगाया जा सके।
पारिवारिक हालात और कारण
युवक के परिवार ने बताया कि पिछले कुछ समय से वह मानसिक तनाव से गुजर रहा था। पढ़ाई में असफलता और नौकरी की अनिश्चितता ने उसकी स्थिति को और भी गंभीर बना दिया था। कई बार उसके मन में नकारात्मक विचार आते थे, लेकिन परिवार को उम्मीद थी कि वह इससे उबर जाएगा। परंतु, इस तरह का कदम उठाना सभी के लिए एक बड़ा झटका था।
स्थानीय पुलिस का बयान
स्थानीय पुलिस के अधिकारी ने बताया कि आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में समर्पण और सामाजिक जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है। पुलिस ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए स्थानीय समुदाय को जागरूक करने की भी योजना बनाई है।
समाज का प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समाज में शोक का माहौल पैदा कर दिया है। लोग युवकों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और इसे एक गंभीर समस्या मानते हैं। वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, ताकि यह समझ सकें कि क्या इस स्थिति को रोका जा सकता था।
समाज के नेता और स्थानीय अधिकारी इस मुद्दे के प्रति संजीदगी से विचार कर रहे हैं। वे मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए योजनाएँ बना रहे हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समुदाय को एकजुट होने की जरूरत है।
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