यूपी का IPL स्टार, जो अब गुमनाम…लड़ेगा चुनाव:पहले सुपर ओवर में गेल और गांगुली को आउट किया; शेन वार्न ने बताया था डायमंड

‘शेन वार्न को मुझ पर बहुत भरोसा था। वह मुझे इंडिया का डायमंड कहते थे। उन्होंने मुझे 'टॉरनेडो' कहा था। लेकिन मुझे इंडिया में कहीं कोई सपोर्ट नहीं मिला। मैंने जो क्रिकेट खेला, वह सिर्फ 10% था। मैं यकीन के साथ कहता हूं कि मुझे सचिन पाजी, गांगुली दादा, धोनी और सहवाग का सपोर्ट मिलता तो मैं इंडिया का सबसे फास्टेस्ट बॉलर होता।’ ये शब्द मऊ जिले के क्रिकेट खिलाड़ी कामरान खान के हैं। कामरान ने 2009 से 2012 तक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खेला। लेकिन उसके बाद गुमनाम हो गए। 34 साल के कामरान खान अब गांव के टूर्नामेंट खेलते हैं। कामरान खान का क्रिकेट करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा। अब वापसी भी नहीं हो सकती, इसलिए 2027 में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। दैनिक भास्कर की टीम मऊ जिले में कामरान के घर पहुंची। उनसे क्रिकेट करियर को लेकर बात की। उनका करियर कैसे डूबा, आगे अब क्या करेंगे? पढ़िए रिपोर्ट… 10 साल की उम्र में सीनियर के साथ खेलना शुरू किया कामरान खान का घर राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर मऊ जिले के नदवा सराय गांव में है। हमें गांव से करीब 500 मीटर पहले लड़के लेदर बॉल से भरी दोपहरी में क्रिकेट खेलते नजर आए। लड़कों की बल्लेबाजी और गेंदबाजी एकदम प्रोफेशनल क्रिकेटरों जैसी नजर आ रही थी। हम यहां से सीधे कामरान के घर पहुंचे। कामरान 7 भाई और 2 बहनों में सबसे छोटे हैं। कामरान के एक कमरे में उनकी जीतीं ट्राफियां और बड़े क्रिकेटरों के साथ फोटो लगे हुए थे। हमने इसी कमरे में उनसे बातचीत शुरू की। हमारा पहला सवाल था, क्रिकेट खेलना किस उम्र से शुरू किया? कामरान कहते हैं, मैं 6-7 साल का रहा होऊंगा, तभी से क्रिकेट खेलने लगा था। 10 साल की उम्र में टेनिस बॉल से सीनियर के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया। उस वक्त मेरी मां क्रिकेट के लिए प्रेरित करती थी। मेरी गेंदबाजी ऐसी थी कि पड़ोस के किसी गांव में मैच होता था, तो लोग मुझे खेलने के लिए बुलाते थे। उस वक्त मैं लेफ्ट हैंड बल्लेबाज और तेज गेंदबाज के रूप में खेलता था। मेरी बल्लेबाजी उस वक्त ज्यादा अच्छी थी। हर ट्रायल पास किया, पर सिलेक्शन नहीं हुआ कामरान कहते हैं, मैं गांव में टेनिस बॉल से जरूर खेलता था, लेकिन मन में यही सपना था कि यूपी की तरफ से रणजी खेलना है और फिर देश के लिए खेलना है। इसके लिए हमने अंडर-14 से लेकर अंडर-19 और फिर रणजी के लिए कैंप किया। हर ट्रायल में पास हुआ, लेकिन कभी सिलेक्शन नहीं हुआ। पहले कहा जाता था कि आपका ट्रायल हो चुका है। अब आप घर जाइए, वहां कॉल लेटर जाएगा। इतने साल बीत गए, आज तक एक भी कॉल लेटर नहीं आया। राजस्थान रॉयल्स ने 20 लाख में अपने साथ जोड़ा हमने पूछा, फिर मुंबई कैसे पहुंचे, राजस्थान रॉयल्स में सिलेक्शन कैसे हुआ? कामरान कहते हैं, जब मुझे यहां मौका नहीं मिला तो मैंने मुंबई में क्रिकेटर सरफराज खान के पिता नौशाद खान सर से संपर्क किया। उन्होंने मुझे मुंबई बुला लिया। मेरी गेंदबाजी देखकर नौशाद सर और मुंबई पुलिस के खिलाड़ी खुश हुए। पहली बार मुझे 2009 में डीवाई पाटिल टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। इसमें रणजी, स्टेट और इंडिया की तरफ से खेल चुके खिलाड़ियों को ही मौका मिलता है। मुंबई पुलिस का स्पेशल कोटा होता है, इसलिए मुझे उनकी तरफ से भेजा गया। पहला मैच कामरान ने केरल के खिलाफ खेला। मैच देखने आईपीएल टीमों के कोच और अधिकारी भी आए थे। कामरान ने 4 ओवर गेंदबाजी की। 13 रन देकर 4 बड़े विकेट हासिल किए। कामरान के इस प्रदर्शन ने सबका ध्यान उनकी तरफ खींचा। उस वक्त राजस्थान रॉयल्स के कोचिंग डायरेक्टर रहे डैरेन बेरी ने कामरान को अपनी टीम से जोड़ लिया। उन्हें एक सीजन के लिए 20 लाख रुपए पर साइन किया गया। शेनवार्न ने कामरान को भारत का डायमंड कहा बात 2009 की है। आईपीएल मैच साउथ अफ्रीका में खेला गया, क्योंकि मार्च के महीने में ही देश में लोकसभा चुनाव होना था। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान में 3 मार्च को श्रीलंका टीम पर हमला हो गया। खतरे को देखते हुए बीसीसीआई ने तय किया कि पूरा सीजन साउथ अफ्रीका में खेला जाए। 18 अप्रैल 2009 से टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। पहला मैच राजस्थान रॉयल्स का रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर से था। उद्घाटन मैच में कामरान को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला। कामरान का प्रदर्शन ठीक रहा, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला। 23 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स का मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स से हुआ। इस मैच में कामरान ने सौरभ गांगुली और क्रिस गेल को आउट किया। आखिरी मैच में 7 रन चाहिए थे, सौरभ गांगुली बैटिंग कर रहे थे। कामरान ने उन्हें आउट किया और मैच बचाया। यहां मैच टाई पर खत्म हुआ तो नतीजे के लिए सुपर ओवर हुआ। कप्तान शेन वार्न ने कामरान पर भरोसा जताते हुए गेंद थमाई। इस ओवर में कुल 15 रन बने थे। बाद में राजस्थान रॉयल्स ने 16 रन बनाकर जीत लिया था। इस पूरे सीजन में कामरान ने 4 मैच खेले और 5 विकेट मिले। शेन वार्न ने जमकर सराहा। भारत का डायमंड और टॉरनेडो कहा। कामरान ने इस टूर्नामेंट में 140 की रफ्तार से गेंदबाजी की। उनके गेंदबाजी एक्शन को लेकर सवाल खड़े हुए। हमने इसके बारे में कामरान से भी पूछा। वह कहते हैं, जब सवाल खड़ा हुआ तो मैं ऑस्ट्रेलिया गया और वहां से क्लीन चिट मिली। इसके बाद बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) ने भी क्लीन चिट दी। इसके बाद ही हमने 2010 और 2011 में आईपीएल खेला और गेंदबाजी की। आरोप कई और खिलाड़ियों पर भी लगे थे, जो प्रक्रिया उन लोगों ने अपनाई थी, वही प्रक्रिया हमने भी अपनाई। राजस्थान छोड़ना जीवन का सबसे बुरा फैसला 2009 और 2010 में राजस्थान की तरफ से 8 मैच खेलने के बाद कामरान खान ने फ्रेंचाइजी का साथ छोड़ दिया। हमने इसकी वजह पूछी। कामरान कहते हैं, मैं ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना चाहता था। इसलिए मुझे ऐसी टीम की तलाश थी, जो मौका दे। इन्हीं शर्तों के साथ ही हमने पुणे वॉरियर्स को जॉइन किया। सौरभ गांगुली उस टीम के कप्तान थे। हर मैच से पहले कहा जाता था मौका मिलेगा, लेकिन मौका नहीं

Mar 25, 2025 - 06:59
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यूपी का IPL स्टार, जो अब गुमनाम…लड़ेगा चुनाव:पहले सुपर ओवर में गेल और गांगुली को आउट किया; शेन वार्न ने बताया था डायमंड
‘शेन वार्न को मुझ पर बहुत भरोसा था। वह मुझे इंडिया का डायमंड कहते थे। उन्होंने मुझे 'टॉरनेडो' कहा थ

यूपी का IPL स्टार, जो अब गुमनाम…लड़ेगा चुनाव

कृष्णा नारायण, जो यूपी का एक चर्चित आईपीएल स्टार है, अब राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने जा रहा है। खेल के मैदान पर अपनी अप्रत्याशित प्रदर्शन के लिए पहचाने जाने वाले कृष्णा ने कई बड़े क्रिकेटरों को अपने कौशल से मात दी है।

क्रिकेट करियर की शुरुआत

कृष्णा ने क्रिकेट के प्रति अपनी रुचि बचपन से ही दिखाई थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर की और जल्द ही आईपीएल में अपनी जगह बना ली। उनकी उपलब्धियों में अपने पहले सुपर ओवर में क्रिस गेल और सौरव गांगुली को आउट करना शामिल है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच उन्हें एक स्टार बना दिया।

शेन वार्न का फीडबैक

कृष्णा की प्रतिभा को मान्यता मिली जब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न ने उन्हें "डायमंड" करार दिया। वार्न के इस बयान ने क्रिकेट जगत में उनकी पहचान को और मजबूती दी। हालांकि, वर्तमान में वे कई अन्य खिलाड़ियों के साथ गुमनाम हो चुके हैं।

राजनीति में कदम रखना

अब, खेल से राजनीति में कदम रखकर, कृष्णा एक नई चुनौती स्वीकार कर रहे हैं। चुनावी मैदान में उनका उतरना कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना सकता है। वे चाहते हैं कि खेल के प्रति अपने अनुभव का उपयोग जनहित में करें।

निष्कर्ष

कृष्णा नारायण का आईपीएल का सफर और उनके आगामी चुनावी अभियान सभी के लिए उत्तेजक है। उनसे जुड़ी हर अपडेट के लिए, कृपया News by indiatwoday.com का अनुसरण करें। Keywords: यूपी आईपीएल स्टार, कृष्णा नारायण चुनाव, आईपीएल में करियर, क्रिकेट में सुपर ओवर, शेन वार्न की राय, राजनीति में खेल, गुमनाम क्रिकेट खिलाड़ी, खेल और राजनीति, आईपीएल क्रिकेट सितारे, युवा खिलाड़ियों की प्रेरणा.

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