हसीन जहां बोलीं- बेटी ने होली खेलकर गुनाह नहीं किया:मोहम्मद शमी के खिलाफ सबूत लाई, तब मौलाना कहां थे; अब बोलने का हक नहीं

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी बेटी मौलानाओं के टारगेट पर हैं। इसकी 2 वजहें हैं। पहली- रमजान में शमी ने रोजा नहीं रखा, मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पी। दूसरी- उनकी बेटी आयरा ने होली खेली। बेटी की तस्वीर शमी की पूर्व पत्नी हसीन जहां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। हसीन जहां ने भी होली पर जमकर रंग खेले थे। उनकी भी तस्वीर सामने आईं। हसीन जहां IPL में चीयर लीडर थीं। IPL के दौरान ही दोनों में प्यार हुआ था। बाद में दोनों का तलाक हो गया। पूरे विवाद पर दैनिक भास्कर ने हसीन जहां से बात की। हसीन जहां ने मौलानाओं पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने पूछा, होली खेलकर मेरी बेटी ने आखिर क्या गुनाह किया? जब मैं पति शमी के खिलाफ सबूत लाई। मैं जब मुसीबत में पड़ी, मेरे शोहर ने मेरे ऊपर हमला कराया। उसने इतने पाप किए… तब कोई मौलाना क्यों नहीं आया? मौलानाओं के सवालों पर हसीन जहां ने क्या-क्या कहा? शमी को लेकर उनके मन में क्यों गुस्सा है? शरीयत और इस्लाम पर वे क्या कहती हैं? पढ़िए पूरी बातचीत... सवाल : आपने होली खेलते हुए बेटी की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, अब सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या कहेंगी? जवाब : अगर मेरी बेटी के या मेरे होली खेलने से किसी को ऐतराज है तो कहना चाहूंगी कि मैं भी थोड़ी बहुत पढ़ी-लिखी हूं। मैं दीन-धर्म से बिल्कुल भी गंवार नहीं हूं। हमारे पेरेंट्स ने हमें दीन की शिक्षा दी है। मेरी बेटी ने होली खेलकर कोई गुनाह नहीं किया है। अगर कोई गुनाह किया है तो बताएं? सवाल : क्या रंगों को मजहब से जोड़कर देखना ठीक है? जवाब : इस्लाम या फिर हमारे दीन को रंग से कोई मुसीबत या तकलीफ नहीं है। इससे हमारा धर्म खारिज नहीं हो जाता। हमारा दीन खारिज नहीं हो जाता या हम इससे नापाक नहीं हो जाते। अगर जिस्म में रंग लगा है और हम नमाज पढ़ते हैं तो हमें उससे भी कोई ऐतराज नहीं होता है। मुश्किल की कोई बात नहीं है। इसमें कोई नापाकी वाली बात तो नहीं है। सवाल : बरेली के मौलाना ने बेटी के होली खेलने पर ऐतराज जताया है, कितना सही मानती हैं? जवाब : मैं किसी भी आलिम, उलेमा या दीनी नॉलेज रखने वाले लोगों की इंसल्ट नहीं करना चाहती। बच्चे तो रंग खेलते हैं। साथ में हम भी रंग खेलते हैं। इंजॉय करते हैं। बच्चों के साथ हमें भी लाइफ को एंजॉय करने का हक है। मुझे नहीं लगता इंसान को खुश रहने के लिए कोई भी धर्म या दीन मना करता हो। इस्लाम में ये नहीं कि तुम अपनी जिंदगी में खुश मत रहो। सवाल : ऐसे मौलानाओं के बारे में क्या कहना चाहेंगी जो रंगों में भेद और नियम गिनाते हैं? जवाब : यही मुल्ला या मुसलमान हैं, जो औरतों के पहनावे, उनके चरित्र, बुर्का पहनने, उनके मंदिर जाने या दुर्गा पूजा मनाने पर अगर उंगली उठाते हैं। ये मौलाना 2018 में कहां थे? जब मैं शमी अहमद के खिलाफ इतने सारे सबूत लाई। इतनी चैट लाई। मैं जब मुसीबत में पड़ी, मेरे शौहर ने मेरी इज्जत लुटवाई, लोगों से मेरे ऊपर हमला कराया। उसने इतने पाप किए… तब कोई मौलाना, कोई आलिम क्यों नहीं आया। उल्टा मुझे टारगेट किया। सवाल : मौलाना का कहना है कि शरीयत में मुस्लिम बेटियों को होली खेलने की इजाजत नहीं, क्या ये सही है? जवाब : इजाजत तो पुरुषों को भी नहीं है। इजाजत तो इरफान पठान (पूर्व क्रिकेटर) को भी नहीं है। इन लोगों को कोई कुछ क्यों नहीं बोलता है। उन्होंने भी तो होली खेली। इस्लाम में वकीलों के झूठ बोलने पर भी पाबंदी है, तो वकील इतने झूठ क्यों बोलते हैं। मेरी बच्ची की जिंदगी को सबने मिलकर जहन्नुम बनाने की कोशिश की। आज जब मैं अल्लाह के रहम-ओ-करम से बच्ची को लेकर अपनी जिंदगी में जैसे-तैसे भी रूखी-सूखी रोटी खाकर खुश हूं, तो यह लोग क्यों उंगली उठा रहे हैं। सवाल : मोहम्मद शमी ने रोजे के दौरान एनर्जी ड्रिंक पी, क्या रमजान में ये गलत है? जवाब : हमारे इस्लाम में बताया गया है कि रमजान में रोजा रखना फर्ज है। अगर रोजा नहीं रखोगे तो तुम गुनहगार हो। हालांकि, अगर तुम्हारी तबीयत खराब है, डॉक्टर ने मना किया है तो वहां पर माफी है। लेकिन, शमी के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं रही है। वह रोजा इसलिए रखकर बड़े हुए कि उन्हें एक टाइम का खाना तो मिल जाएगा, लेकिन दूसरे वक्त का खाना नहीं मिलेगा। तो इससे अच्छा रोजा रख लेते हैं। जब से मैं शमी को जानती हूं, तब से लेकर शादी के बाद तक मैंने कभी उसे रोजा रखते नहीं देखा। कभी नमाज जरूर पढ़ा होगा। लेकिन, दूसरों का हक मारने में हमेशा आगे रहता है। इसने मेरा और मेरी बेटी का हक मारा। एनर्जी ड्रिंक पीने पर इसको अगर मौलाना ने कुछ बोला तो अच्छा किया है। सवाल : आपकी बेटी की सरस्वती पूजा की तस्वीर भी सामने आई थी? उस पर भी सवाल उठे थे, क्या कहेंगी? जवाब : मैं जिस कल्चर में पढ़ी-बढ़ी हूं, उसमें हम हर त्योहार मनाते हैं। होली भी और दिवाली भी। लेकिन, हां इस्लाम की दो बातों को बहुत अच्छे से जानते हैं। एक इखलाक और दूसरा नीयत… ये दोनों ही हमारी अच्छी हैं। ऐसे में हम बहुत अच्छे और सच्चे मुसलमान हैं। अब शमी और हसीन जहां की शादी और विवाद के बारे में बताते हैं... परिवार के खिलाफ जाकर शमी ने हसीन से निकाह किया मोहम्मद शमी मूलरूप से यूपी के अमरोहा के गांव सहसपुर अली नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने 6 जून 2014 को कोलकाता की तलाकशुदा हसीन से निकाह किया था। हसीन प्रोफेशनल मॉडल और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की चीयर लीडर थीं। दोनों में जान-पहचान हुई। शमी ने तय किया कि वह हसीन जहां से शादी करेंगे। परिवार को बताया तो उन्होंने इस रिश्ते पर सहमति नहीं जताई। शमी परिवार के खिलाफ चले गए। फिर भी 6 जून 2014 को हसीन जहां से शादी कर ली। हसीन तलाकशुदा थीं। 2002 में उन्होंने बीरभूम जिले के सैफुद्दीन से लव मैरिज की थी। सैफुद्दीन स्टेशनरी की दुकान चलाते थे। हसीन जहां से उन्हें दो बेटियां थीं। 2010 में दोनों का रिश्ता खराब हो गया और फिर दोनों के बीच तलाक हो गया। शमी से मिलने के बाद उन्होंने अपनी दोनों बेटियों के बारे में बताया कि यह मेरी नहीं बल्कि

Mar 19, 2025 - 07:00
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हसीन जहां बोलीं- बेटी ने होली खेलकर गुनाह नहीं किया:मोहम्मद शमी के खिलाफ सबूत लाई, तब मौलाना कहां थे; अब बोलने का हक नहीं
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी बेटी मौलानाओं के टारगेट पर हैं। इसकी 2 वजहे

हसीन जहां बोलीं- बेटी ने होली खेलकर गुनाह नहीं किया: मोहम्मद शमी के खिलाफ सबूत लाई, तब मौलाना कहां थे; अब बोलने का हक नहीं

हाल ही में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच का विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। हसीन जहां ने अपने खिलाफ लगाई गई कुछ गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी बेटी ने होली खेलकर कोई गुनाह नहीं किया है। यह बयान उन्होंने मौलाना के गंभीर आरोपों का जवाब देते हुए दिया है। इस पूरे मामले में मीडिया और जनसामान्य ने कई सवाल उठाए हैं।

मौलाना की टिप्पणी पर हसीन जहां का पलटवार

हसीन जहां ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुलासा किया कि जब उन्होंने मोहम्मद शमी के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए थे, तब मौलाना कहां थे? उनका यह सवाल इस विवाद को और भी गहरा कर देता है। हसीन का कहना है कि मौलाना अब बोलने का हक नहीं रखते हैं, क्योंकि पहले जब उन्हें सच्चाई पेश की गई थी, तब क्यों नहीं उन्होंने अपने विचार रखे।

बेटी पर लगे आरोप

इस विवाद में हसीन जहां की बेटी भी शामिल है, जिस पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि उसने होली खेल कर कुछ अनुचित किया। हसीन ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक पारंपरिक त्योहार था जिसमें शामिल होना कोई गुनाह नहीं है। उनके इस बयान से यह सिद्ध होता है कि मदरसे के कुछ लोग सिर्फ बहस करने के लिए सामने आए हैं, जबकि उन्हें परिवार और व्यक्तिगत मुद्दों की वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है।

समाज में मौलाना के प्रभाव पर सवाल

हसीन जहां ने इस पूरे मामले में सद्गुण और समाज में मौलाना के प्रभाव पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसी बातें समाज को और बांटती हैं और हमें एकजुट होने की आवश्यकता है। ऐसे समय में मौलाना जैसे व्यक्ति को अपने बारे में सोचना चाहिए कि उन्हें क्या कहना चाहिए और कब।

यह विवाद अब केवल एक पारिवारिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह समाज की सोच और उस सोच के पीछे के लोगों के लिए भी एक चुनौती बन चुका है।

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