योगी सरकार के बजट को आजमगढ़ में भाजपा ने सराहा:कांग्रेस ने लगाया अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आप सपा बोली याद आ रहा कबीर दास का दोहा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अपना 9 वा बजट पेश किया है। इस बजट को लेकर जहां भाजपा जिला अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव में बजट की सराहना की है वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कमियां गिनाई है। भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट विधानसभा में पेश किया। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह बजट वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। यह बजट प्रदेश की आर्थिक मजबूती, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ना है। सरकार ने प्रदेश में विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें साइंस सिटी, विज्ञान पार्क और नक्षत्रशालाओं की स्थापना और पुराने संस्थानों के नवीनीकरण की कार्ययोजना शामिल है। सपा बोली उम्मीद पर खरा नहीं उतरा बजट प्रदेश की योगी सरकार के बजट पर निशाना चाहते हुए आजमगढ़ में सपा प्रवक्ता अशोक यादव का कहना है कि सरकार के इस बड़े बजट से उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन इस बड़े बजट को देखकर के कबीर दास का दोहा याद आता है की "बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। इस बजट को देखकर प्रदेश के महिलाओं, छात्रों, नौजवानों, किसानों, बुनकरों की उम्मीदों पर भाजपाई ग्रहण लग गया है। जैसे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगता लगता है। विगत बजट की बात कर लिया जाए 2024- 25 में पूरे बजट का 10 महीनों में मात्र 54% बजट खर्च हुआ बाकी दो महीनों में 46% का बजट का क्या होगा या कैसे खर्च होगा यह सरकार बताए।बजट में जो प्रदेश के ऊपर 8 लाख 16 हज़ार का कर्ज है इससे निपटने का क्या प्रावधान है। बजट में बड़ी-बड़ी बातें की गई रोजगार सृजन की बात की गई बेरोजगारी से, आवारा पशुओं की समस्याओं से निजात दिलाने की बात की गयी, किसानों के हित की बात समेत दर्ज़नों वादे किये गए लेकिन जो वादे अपने आठ बजट में सरकार पूरा नहीं कर पाई वो अपने आखरी से एक बजट पहले कैसे पूरा करेगी। कांग्रेस बोली अल्पसंख्यकों की अपेक्षा कांग्रेस के निवर्तमान शहर अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार ने आज अपना नौवां बजट पेश किया। जिसमें बुनकरों और अल्पसंख्यक समुदायों की समस्याओं और उनके विकास के लिए कुछ नहीं दिया गया ये सरकार की तुच्छ मानसिकता को दर्शाता है। प्रदेश में असमान चढ़ती मंहगाई और बेरोज़गारी के निदान की कोई योजना नहीं दिखाई देती है ये बजट सिर्फ़ और सिर्फ़ हिन्दू तुष्टीकरण का बजट है जिससे बहुसंख्यक आबादी को धर्म के नाम पर मूर्ख बनाया जा सके। ये बजट बड़े घोटाले की पटकथा है जिससे ये अपनी तिजोरी भर सके और चुनाव मे उसका उपयोग कर सके।

Feb 20, 2025 - 19:59
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योगी सरकार के बजट को आजमगढ़ में भाजपा ने सराहा:कांग्रेस ने लगाया अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आप सपा बोली याद आ रहा कबीर दास का दोहा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अपना 9 वा बजट पेश किया है। इस बजट को लेकर जहां भाजपा जिला अध्यक्ष स

योगी सरकार के बजट को आजमगढ़ में भाजपा ने सराहा

आजमगढ़ में योगी सरकार के बजट को लेकर भाजपा ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इस बजट को विकास और प्रगति के दृष्टिकोण से देखा जा रहा है, जो कि राज्य की जनता के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। इस बजट में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और विकासात्मक कार्यों का समावेश किया गया है, जिससे आजमगढ़ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बुनियादी संरचना में सुधार होगा।

कॉन्ग्रेस ने लगाया अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप

हालांकि, कांग्रेस ने योगी सरकार के बजट पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि बजट में अल्पसंख्यक समुदाय की आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया है। उनका मानना है कि बिना अल्पसंख्यकों के उत्थान के समाज का विकास संभव नहीं है। यह आरोप समग्रता में बजट के दोषों को उजागर करना स्वरूप है, जो भारतीय समाज की बहुलता को ध्यान में नहीं रखता।

सपा की प्रतिक्रिया: कबीर दास के दोहे की याद

समाजवादी पार्टी ने भी इस बजट पर अपने विचार साझा किए हैं। सपा ने कहा कि यह बजट उन तत्वों को संबोधित नहीं करता जो आम जनता को सच्चा लाभ पहुंचा सकते हैं। उनका कहना है कि बजट की रूपरेखा को देखते हुए कबीर दास का प्रसिद्ध दोहा याद आता है, जिसमें समाज के सही प्रभाव के महत्व को दर्शाया गया है।

आगे क्या?

भाजपा, कांग्रेस और सपा के बीच की असहमति यह दर्शाती है कि विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने दृष्टिकोण से बजट का विश्लेषण कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य की जनता इस बजट का किस तरह से स्वागत करती है और क्या यह वास्तव में विकास का एक नया अध्याय खोल पाएगा।

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