रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया डाकघर इंस्पेक्टर, सीबीआई ने किया गिरफ्तार
पिथौरागढ । सीबीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पिथौरागढ़ के नाचनी डाकघर के इंस्पेक्टर शशांक सिंह राठौर को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह रिश्वत बागेश्वर जनपद के खेती गांव निवासी दुकानदार सुरेश चंद से ली जा रही थी, जो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम …

रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया डाकघर इंस्पेक्टर, सीबीआई ने किया गिरफ्तार
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पिथौरागढ। सीबीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पिथौरागढ़ के नाचनी डाकघर के इंस्पेक्टर शशांक सिंह राठौर को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह रिश्वत बागेश्वर जनपद के खेती गांव निवासी दुकानदार सुरेश चंद से ली जा रही थी, जो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत मिली लोन सब्सिडी की रिपोर्ट पास कराने के एवज में मांगी गई थी।
सब्सिडी के लिए डाली गई रिश्वत की अड़चन
जानकारी के अनुसार, सुरेश चंद की नाचनी में “ममता म्यूजिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स” नाम से दुकान है। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र, पिथौरागढ़ से वर्ष 2020 में छह लाख रुपये का लोन स्वीकृत कराया था। इस लोन पर उन्हें योजना के अनुसार 2.10 लाख रुपये की सब्सिडी मिलनी थी, जिसकी पुष्टि रिपोर्ट नाचनी डाकघर से लगनी थी।
जब सुरेश ने इस रिपोर्ट के लिए डाक निरीक्षक शशांक राठौर से संपर्क किया, तो वह फाइल में कई कमियां बताकर टालमटोल करने लगा। इसके बाद 20 जून को दोबारा संपर्क करने पर राठौर ने पोस्ट मास्टर नंदन गिरी और डाकिया खुशाल सिंह के माध्यम से 21 हजार रुपये की मांग की।
रिकॉर्डिंग बनी सबूत
सुरेश चंद ने मामले की शिकायत सीबीआई से की और बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सौंप दी। बातचीत में रिश्वत की रकम पर सौदेबाज़ी करते हुए 15 हजार रुपये पर सहमति बनी। इसके बाद सीबीआई ने शिकायत की पुष्टि करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और एक ट्रैप टीम गठित की।
सीबीआई की कार्रवाई
बुधवार को टीम ने नाचनी डाकघर में दबिश दी और राठौर को सुरेश चंद से 15 हजार रुपये लेते रंगेहाथ दबोच लिया। सीबीआई ने बताया कि जांच में पोस्ट मास्टर व डाकिया की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई। यह घटना दलालों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश
इस घटना के बाद, सीबीआई ने एक बार फिर साबित किया है कि वह भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इंस्पेक्टर राठौर की गिरफ्तारी से यह संकेत मिलता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, कानून से ऊपर नहीं है। समाज के कल्याण के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों पर नजर रखी जाए और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट तत्काल संबंधित अधिकारियों को की जाए।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक चेतावनी का काम करेगा बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश भेजेगा। सरकार और सीबीआई की इस तरह की कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि नागरिकों के विश्वास को फिर से बहाल किया जा सकेगा और वे बिना किसी भय के सरकारी सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।
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