हरेला पर्व पर राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं, पर्यावरण संरक्षण को बताया सामूहिक जिम्मेदारी
राजभवन देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा, संस्कृति और प्रकृति प्रेम का प्रतीक है, जो हमें हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देता है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘एक पेड़ […] The post हरेला पर्व पर राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं, पर्यावरण संरक्षण को बताया सामूहिक जिम्मेदारी first appeared on Vision 2020 News.

हरेला पर्व पर राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं, पर्यावरण संरक्षण को बताया सामूहिक जिम्मेदारी
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राजभवन देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा, संस्कृति और प्रकृति प्रेम का प्रतीक है, जो हमें हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देता है।
हरेला पर्व का महत्व
हर साल मनाए जाने वाला हरेला पर्व, उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा है। यह पर्व न केवल जड़ी-बूटियों और पेड़ों के प्रति प्रेम का प्रतीक है, बल्कि यह हमें पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश भी देता है। राज्यपाल ने इस पर्व के माध्यम से सभी नागरिकों का ध्यान पर्यावरण संरक्षण की ओर आकर्षित किया है, जो वर्तमान समय की एक बड़ी आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री की पहल की सराहना
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल की सराहना करते हुए सभी नागरिकों से एक-एक पेड़ लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है, ऐसे में हरेला पर्व प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को समझने का एक अवसर है।
सामूहिक जिम्मेदारी का अहसास
राज्यपाल ने सभी आयु वर्ग के लोगों से, विशेष रूप से बच्चों, युवाओं और महिलाओं से इस अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उनका मानना है कि पर्यावरण को जन आंदोलन बनाने के लिए, सभी को सामूहिक रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा, “हमारी जड़ें प्रकृति में हैं, हरेला पर्व हमें इन जड़ों से जुड़ने और हरियाली को अपनाने का अवसर देता है।”
पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता
आज, जब हम जलवायु संकटों का सामना कर रहे हैं, ऐसे समय में हरेला पर्व हमें यह याद दिलाने के लिए एक मंच है कि हम सबकी पर्यावरण संरक्षण में एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हरेला पर्व की भावना हमें प्रेरित करती है कि हम अपने आस-पास के वातावरण को संरक्षित करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए उसे सुरक्षित रखें।
निष्कर्ष
इस हरेला पर्व के अवसर पर, राज्यपाल ने जो संदेश दिया है, वह न केवल हरियाली को बढ़ावा देने का है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारियों को भी रेखांकित करता है। आइए हम सब मिलकर इस प्रयास में सक्रिय भागीदारी करें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लें।
राज्यपाल के इस प्रेरणादायक संदेश का न केवल उत्तराखंड के लोग बल्कि पूरे देश के नागरिकों को ध्यान में रखकर इसके प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए। आने वाले समय में, हमें इस पर्व की भावना को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
Written by Team IndiaTwoday
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