राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.41 लाख मामलों का निपटारा:वसूला 15.89 लाख रुपये का अर्थदंड, 11.41 करोड़ रुपये की समझौता राशि तय
गोंडा जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक रिकॉर्ड कायम करते हुए लाखों मामलों का निपटारा किया है। जिला जज अनीता राज की अध्यक्षता में आयोजित इस लोक अदालत में कुल 1,41,950 मामलों का निस्तारण हुआ। न्यायिक अधिकारियों ने 8,777 मामलों का निपटारा किया। इनसे 15.89 लाख रुपये का अर्थदंड वसूला गया। विभिन्न विभागों ने 1,32,339 प्री-लिटीगेशन मामलों का निस्तारण कर 11.41 करोड़ रुपये की समझौता राशि तय की। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के अधिकारी राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने 50 मामलों में 2.41 करोड़ रुपये का प्रतिकर तय किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा रूंगटा ने 3,500 मामलों से 8.36 लाख रुपये का अर्थदंड वसूला। सिविल जज अमित सिंह द्वितीय ने 16 मामलों में 74.87 लाख रुपये के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जारी किए। एसीजेएम रेलवे अभिनव यादव ने 352 मामलों से 1.41 लाख रुपये वसूले। एसीजेएम प्रथम अपेक्षा सिंह ने 1,207 मामलों से 1.82 लाख रुपये जुर्माना वसूला। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सुनील कुमार ने 21 मामले निपटाए। विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट सर्वजीत कुमार सिंह ने 147 मामलों का निस्तारण किया। लोक अदालत में बैंक और बीएसएनएल के अधिकारी, अधिवक्ता और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दानिश हसनैन ने कार्यक्रम की जानकारी दी।

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.41 लाख मामलों का निपटारा
हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अद्वितीय सफलता देखने को मिली, जहां 1.41 लाख मामलों का समाधान किया गया। इस अदालती सत्र में कुल 15.89 लाख रुपये का अर्थदंड वसूल किया गया, साथ ही 11.41 करोड़ रुपये की समझौता राशि भी तय की गई। यह आयोजन न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और नागरिकों के बीच न्याय वितरण को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण था।
राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत, भारतीय न्यायपालिका का एक अनूठा प्रयास है जो न्याय लाभ को फैलाने के लिए आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर मामले संक्षिप्त समय सीमा में निपटाए जाते हैं, जिससे नागरिकों को जल्दी और सस्ता न्याय मिलता है।
मामलों का निपटारा और उसकी प्रक्रिया
इस बार लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों को स्वीकार किया गया, जिसमें दीवानी, आपराधिक और भूमि से संबंधित विवाद शामिल थे। निपटारे की प्रक्रिया में दोनों पक्षों के बीच बातचीत और समझौता पर जोर दिया गया ताकि लंबी और महंगी कानूनी प्रक्रियाओं से बचा जा सके।
वसूली और अर्थदंड
इस लोक अदालत में न केवल मामलों का समाधान किया गया, बल्कि एक बड़ा अर्थदंड भी वसूल किया गया। 15.89 लाख रुपये की राशि विशेष रूप से कानून के उल्लंघनों के संदर्भ में वसूल की गई। यह राशि सरकार के खजाने में जाएगी और कानूनी व्यवस्था के सुधार में सहायक होगी।
समझौता राशि
सुर्खियों में 11.41 करोड़ रुपये की समझौता राशि का तय होना भी रहा। यह राशि संबंधित पक्षों के बीच सामंजस्य बनाने और विवादों के समाधान में मदद करने के लिए निर्धारित की गई।
इस कार्यक्रम के सफल परिणाम न्यायिक सुधारات के प्रति एक सकारात्मक संकेत हैं, जो दिखाते हैं कि सही प्रयासों से नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान किया जा सकता है।
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