रेती पर बना स्वामी विवेकानंद एवं लालबहादुर शास्त्री की आकृति:BHU के छात्रों ने 2 घंटे मे किया तैयार,NSUI ने दी श्रद्धांजलि
लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि और स्वामी विवेकानंद की जयंती के पूर्व दिवस पर बीएचयू दृश्य कला संकाय के छात्रों ने गंगा जी के तट पर रेत कला के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। छात्रों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र के साथ उनके समावेशी भारत के संदेश को भी प्रस्तुत किया और उनके विचारों के विषय में चर्चा की। एनएसयूआई यूपी ईस्ट के प्रदेश महासचिव राजीव नयन ने कहा गांधीवादी लाल बहादुर शास्त्री की सादगी से वर्तमान राजनेताओं को सीख लेना चाहिए। हरित क्रांति के सूत्रधार, किसानों औऱ जवानों के लिए जय जवान औऱ जय किसान का संकल्प उनकी दूरदर्शिता को दिखलाता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा सनातन धर्म पर शिकागो में दिया गया वक्तव्य आज के व्हाट्सएप एवं फेसबुक के बुद्धिजीवियों पर तमाचा है। अध्यक्ष एनएसयूआई बीएचयू यूनिट के सुमन आनंद ने कहा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को लाल बहादुर शास्त्री से बहुत कुछ सीखना चाहिए, पीआर से हटकर लाल बहादुर शास्त्री जी के आवाहन पर पूरे देश ने एक दिन का उपवास रखा था। स्वामी विवेकानंद आज भी समाज के सभी तबकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
रेती पर बना स्वामी विवेकानंद एवं लालबहादुर शास्त्री की आकृति
हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने एक अनोखी पहल की। छात्रों ने केवल 2 घंटे में रेत पर स्वामी विवेकानंद और लालबहादुर शास्त्री की आकृति तैयार की। यह कार्य न केवल कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह दोनों महान व्यक्तित्वों के प्रति श्रद्धांजलि भी है। इस आयोजन में राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद और लालबहादुर शास्त्री के विचारों और योगदानों को औरों के सामने लाना था। छात्रों ने इस प्रकार की आकृतियों के माध्यम से यह दिखाया कि वे इन महान हस्तियों की शिक्षाओं से कितना प्रभावित हैं। यह पहल न केवल एक प्रेरणा स्रोत है, बल्कि सामुदायिक एकता और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करती है।
NSUI की भूमिका
NSUI ने इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगठन ने न केवल छात्रवृत्ति प्रदान की, बल्कि इस कल्पनाशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन भी किया। कार्यक्रम में शामिल छात्रों ने NSUI के सहयोग की सराहना की और इसे एक सफल आयोजन माना।
सामाजिक संदेश
इस आकृति के जरिए छात्रों ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिया है। स्वामी विवेकानंद और लालबहादुर शास्त्री के विचारों में भारत के साथ-साथ विश्व के लिए भी प्रेरणा है। यह कार्य उस आध्यात्मिक और सामाजिक दायित्व को पुनः उजागर करता है, जो आज के युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक है।
उम्मीद है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ भविष्य में और अधिक होंगी, जिससे छात्रों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ेगी। संक्षेप में, यह आयोजन न केवल एक महोत्सव था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता की शक्ति को भी दर्शाता है।
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