लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने धर्म परिवर्तन पर जताया आक्रोश:यूपी सरकार से की सख्त कार्रवाई करने की उठाई मांग
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बीते दिनों गोमतीनगर इलाके में धर्म परिवर्तन वाली घटना पर आक्रोश जताया। कमेटी के सदस्यों ने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित बैठक में समिति के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में पुनः 15वीं शताब्दी का इतिहास दोहराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धर्म परिवर्तन की लहर जिस प्रकार 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच चरम पर थी उसी प्रकार आज भी यह भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय बन रही है। पंजाब और उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा धर्म परिवर्तन कार्यवाहक अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी ने जानकारी दी कि विदेशी ताकतों द्वारा सिखों और हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाने की साजिश रची जा रही है। विशेष रूप से पंजाब में प्रोटेस्टेंट ईसाइयों द्वारा सिखों का प्रलोभन और दबाव डालकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले पंजाब में केवल कैथोलिक चर्च थे। लेकिन पिछले 5 वर्षों में बड़ी संख्या में प्रोटेस्टेंट चर्च खुल चुके हैं जो धर्म परिवर्तन में संलिप्त हैं। इतना ही नहीं अब उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। नेपाल सीमा से हो रही अवैध गतिविधियां उन्होंने बताया कि जिला पूरनपुर, पीलीभीत, टाटरगंज क्षेत्र और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में 3000 से अधिक सिखों और हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है जो पूरी तरह अवैध और प्रलोभन आधारित है। उन्होंने सरकार से नेपाल से आ रहे प्रोटेस्टेंट पास्टरों की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने और गहन जांच कराने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय सिखों द्वारा विरोध करने पर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग गुरुद्वारा मिमोरा के महासचिव सरदार गुरप्रीत सिंह ने मांग की कि सिखों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं और प्रशासन विदेशी ताकतों की इस साजिश के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। महामंत्री सरदार तेजपाल सिंह रोमी ने ईसाई नेताओं से अपील की कि वे गैरकानूनी धर्म परिवर्तन को प्रोत्साहित ना करें। सरदार सुरिंदरपाल सिंह बक्शी ने कहा कि सरकार को इन क्षेत्रों में शिक्षा, चिकित्सा और संसाधनों की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे लोगों को किसी प्रकार के प्रलोभन में न आना पड़े। उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की गुहार अधिवक्ता जसबीर सिंह राजू बक्शी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2024 के तहत जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गंभीर अपराध है। इसमें 7 से 14 वर्ष की सजा और 10 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, अन्यथा गुरुद्वारा कमेटी न्यायालय में याचिका दायर करेगी। इस प्रेस वार्ता में रायबरेली से अवतार सिंह छाबड़ा, सरदार जसपाल सिंह वोहरा, सरदार गुरजीत सिंह छाबड़ा, सरदार हर्षदीप सिंह, सरदार सतबीर सिंह आनंद और कपिल सिंह समेत कई सिख नेता मौजूद रहे। सिख संगठनों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस समस्या को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करने की अपील की। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को इस संबंध में ज्ञापन भेजने की घोषणा की। 21-22 फरवरी को विशेष दीवान का आयोजन ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह राना और प्रदेश सचिव गुरविंदर सिंह ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर 21 और 22 फरवरी 2025 को विशेष गुरमत समागम का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की जिम्मेदारी हापुड़ मिशन को दी गई है जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा भेजे गए रागी जत्थे और प्रचारक शामिल होंगे।

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने धर्म परिवर्तन पर जताया आक्रोश
लखनऊ: हाल ही में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिनमें लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया गया। ऐसे मामलों को लेकर कमेटी ने यूपी सरकार से सख्त वैधानिक कार्रवाई की मांग की है।
धर्म परिवर्तन की घटनाएं
धर्म परिवर्तन का मुद्दा भारतीय समाज में सदियों से विवादास्पद रहा है। लखनऊ के गुरुद्वारे की प्रबंधक कमेटी ने इसे समाज की शांति और अखंडता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि इससे संबंधित उचित कदम उठाए जाएं। उनके अनुसार, ऐसे प्रयासों का उद्देश्य सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करना है।
सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यूपी सरकार से सख्त और त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है। वे यह मानते हैं कि यदि इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो ये घटनाएं और गंभीर हो सकती हैं। इसके अलावा, कमेटी ने इस मुद्दे पर जनता के बीच जागरूकता फैलाने और धर्म परिवर्तन से संबंधित मामलों पर सीमित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
समाज में एकता की आवश्यकता
इस मामले को लेकर समुदाय के बीच एकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि सभी समुदायों को एकजुट होकर ऐसे प्रयासों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जो समाज में विभाजन पैदा करते हैं। इस आध्यात्मिक एकता से ही समाज में शांति और समृद्धि बनी रह सकती है।
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