लखनऊ में खादी प्रदर्शनी की शुरुआत:12 राज्यों के 75 स्टॉल्स लगाए गए; संस्कृति कार्यक्रम से सजी संध्या
लखनऊ के गोमतीनगर रिवरफ्रंट खादी और ग्रामोद्योग आयोग के.वी.आई.सी द्वारा में दस दिवसीय आंचलिक स्तरीय खादी प्रदर्शनी की शुरुआत हुआ। इसका उद्घाटन डीजीएम बैंक ऑफ बड़ौदा मोहम्मद महफूज निशात डॉ. नीतीश धवन स्टेट डायरेक्टर केवीआईसी और उमेश कुमार उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खादी एवं ग्रामोद्योग ने किया। 12 राज्यों से 75 स्टॉल्स लगाए गए प्रदर्शनी में कुल 75 स्टॉल्स लगाए गए हैं, जिनमें 45 पीएमईजीपी और 30 केवीआईसी के हैं। 12 राज्यों के स्टॉल लगे ।जिसमें पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा, और राजस्थान के उद्यमियों ने भाग लिया है। इसमें प्रमुख नाम कुमकुम ग्रामोद्योग समूह लखीमपुर खीरी, ताज दरी उद्योग सीतापुर, प्रिंस भुजिया उद्योग बीकानेर और देव भूमि ग्रामोद्योग हरिद्वार शामिल हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी प्रदर्शनी दस दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। पहले दिन श्रृंगारी समूह, दूसरे दिन मुशायरा (अबरार सारीम की अध्यक्षता में), तीसरे दिन सुरताल संगम (जया श्रीवास्तव), चौथे दिन सुनहरे अल्फ़ाज़ (राजेश मल्होत्रा) और पांचवें दिन वैदेही वेलफेयर का कार्यक्रम होगा। इसके अलावा, खादी फैशन शो और काव्य गोष्ठी कार्यक्रम भी होंगे। यह प्रदर्शनी उद्यमियों के लिए प्रेरणा डॉ. नीतीश धवन ने कहा, यह प्रदर्शनी उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम यहां सफल उद्यमी सम्मेलन का आयोजन भी करेंगे।उमेश कुमार ने इसे युवा उद्यमियों के लिए अवसर बताया और कहा, यह प्रदर्शनी रोजगार और नए व्यापारिक अवसरों के लिए सहायक होगी। डीजीएम मोहम्मद महफूज ने कहा, युवा उद्यमियों को रिस्क लेने की आदत डालनी होगी। यह आयोजन एमएसएमई सेक्टर के लिए बेहद लाभदायक है। प्रदर्शनी में ग्राहकों के लिए आकर्षक खादी उत्पाद, फूड कोर्ट, और सेल्फी पॉइंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह प्रदर्शनी 4 जनवरी से 13 जनवरी तक चलेगी।

लखनऊ में खादी प्रदर्शनी की शुरुआत
लखनऊ में खादी प्रदर्शनी का आयोजन हाल ही में किया गया, जिसमें 12 राज्यों के 75 स्टॉल्स लगाए गए हैं। यह प्रदर्शनी न केवल खादी के महत्व को उजागर करती है, बल्कि भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प के विविध पहलुओं को भी प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी का उद्घाटन कई प्रमुख हस्तियों के द्वारा किया गया, जिन्होंने खादी की सुंदरता और इसके पीछे की कहानी की सराहना की।
खादी प्रदर्शनी के विशेषताएँ
प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों की खादी से बने वस्त्र, एक्सेसरीज़, और अन्य हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें शामिल राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, और अन्य शामिल हैं। प्रदर्शनी के दौरान, प्रत्येक स्टॉल पर स्थानीय कारीगरों द्वारा अपने-अपने उत्पादों की विशेषताएँ बताई गईं। यह न केवल उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक अवसर था, बल्कि कारीगरों को अपने कौशल और मेहनत के लिए पहचान प्राप्त करने का भी मंच था।
संस्कृति कार्यक्रम से सजी संध्या
प्रदर्शनी के साथ-साथ, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें नृत्य, संगीत, और नाटक जैसे विभिन्न प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। इस कार्यक्रम ने उपस्थित दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और भारतीय संस्कृति की विविधता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।
इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को खादी के प्रति जागरूक करना और इसे एक पारिस्थितिकीय विकल्प के रूप में स्थापित करना है। खादी केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि यह एक विचारधारा है, जो स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
इस प्रदर्शनी में शामिल होना और स्थानीय उत्पादों को समर्थन देना एक महान अवसर है। दर्शकों को यहाँ आने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि वे स्वयं इसका अनुभव कर सकें और खादी की सुंदरता को समझ सकें।
News by indiatwoday.com
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