लखनऊ में जालसाज बैंक मैनेजर गिरफ्तार:दूसरे की आईडी से बंद खातों को चालू कर की जालसाजी, अन्य के साक्ष्य जुटा रही पुलिस
लखनऊ की गोमतीनगर पुलिस ने शनिवार को इंडियन मर्केंटाइल बैंक के पूर्व मैनेजर को फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 15 बंद खातों का इस्तेमाल कर 16.93 लाख की ठगी की थी। 16 अप्रैल 2021 में बैंक ब्रांच गोमतीनगर के कार्यकारी सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय भूटानी ने पांच के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस बैंक के आईटी अधिकारी मोहम्मद इरफान को तीन महीने पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वजीरगंज की रिवर बैंक कॉलोनी स्थित गोमती सदन निवासी आलोक पांडेय मर्केंटाइल बैंक ब्रांच गोमतीनगर में मैनेजर था। 2021 में उसी बैंक में तैनात सुनील कुमार श्रीवास्तव ने बीमारी के चलते छुट्टी ले ली थी। इस पर ब्रांच अधिकारी अरुण चौबे व पूरन सिंह नेगी उनकी आईडी के जरिए काम संभाल रहे थे। तभी सौ पन्नों की चार चेक बुक गोमतीनगर ब्रांच व कैंट ब्रांच से 25 पन्नों की 10 चेक बुक गायब हो गई थी। जांच करने पर पता चला कि बैंक मैनेजर आलोक पांडेय ने अपनी अभिरक्षा में कैंट ब्रांच में चल रहे तीन व ब्रांच गोमतीनगर से सात बंद खाते को सुनील कुमार की यूजर आईडी के जरिए उनके धारकों की कस्टमर आईडी में बदलाव कर उन्हें चालू किया था। इसमें आरोपी का साथ आईटी अधिकारी मोहम्मद इरफान ने दिया था। 30 लाख तक धोखाधड़ी का अनुमान विवेचक ने बताया कि इसके बाद आलोक पांडेय ने खाता धारकरों के फर्जी हस्ताक्षर बना कर बैंक से 30 लाख रुपये हड़पने का प्रयास किया था। मगर बैंक से 16.93 लाख ही जारी हो पाए थे। फिर उसने आर्यावर्त बैंक ब्रांच अलीगंज में हरीश कुमार के नाम पर दो बैंक खाते खुलवाए और रकम उसमें ट्रांसफर कर दी थी। विवेचक ने बताया कि इस मामले में अरुण चौबे व पूनम भी दोषी बनाई गई थीं। मगर जांच में इनकी भूमिका नहीं मिलने इनके नाम निकाल दिए गए थे।

लखनऊ में जालसाज बैंक मैनेजर गिरफ्तार
लखनऊ में एक बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है, जो कि दूसरों की आईडी का दुरुपयोग कर बंद खातों को चालू करके जालसाजी कर रहा था। इस घटनाक्रम ने बैंकिंग प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कई लोगों को चिंतित कर दिया है। इस लेख में हम इस पूरे मामले की विस्तार से चर्चा करेंगे।
क्या हुआ था?
कानून प्रवर्तन अधिकारियों के अनुसार, बैंक मैनेजर ने कई ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके उन खातों को फिर से सक्रिय किया, जो पहले से बंद थे। इसके बाद, उसने इन खातों से पैसे निकाले और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो गया। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब कई ग्राहकों ने अपने खातों में गड़बड़ी की शिकायत की।
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई
पुलिस ने घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब अन्य लोगों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है, जो इस जालसाजी में शामिल हो सकते हैं। इस मामले में जरूरतमंद अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है ताकि ऐसे अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।
बैंकिंग सुरक्षा पर चिंताएँ
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