लखनऊ में डीसीपी साउथ ने की क्राइम मीटिंग:अपने इलाकों में पैदल गश्त करें थानेदार, अपराधों पर लगाएं लगाम
लखनऊ में दक्षिणी जोन पुलिस कार्यालय में बुधवार रात क्राइम मीटिंग के दौरान डीसीपी निपुण अग्रवाल सख्त दिखे। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए सभी एसीपी समेत थानेदारों को प्रतिदिन अपने अपने क्षेत्रो में पैदल गश्त करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान डीसीपी निपुण अग्रवाल ने थानेदारों को हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी व गैंगेस्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अलावा थाने पर प्राप्त एनबीडब्लू, कुर्की एवं वारंट तामीला की स्थिति का भी अवलोकन किया। वहीं, थानों पर प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण और तेजी से करने के निर्देश दिए। इसके अलावा डीसीपी ने ठंड के मौसम में चोरी, नकबजनी की घटनाओं की संभावित वृद्धि को लेकर गस्त बढाने तथा दो पहिया, चार पहिया पीआरवी वाहनों का रुट नए तरीके से निर्धारित कर इन अपराधों की रोकथाम हेतु उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा लंबित मामलों का शीघ्र विवेचना कर निस्तारण करें। विवेचना के अभाव में कोई भी मामला लंबित नहीं रहना चाहिए।बड़ी घटनाओं को अजांम देने वाले अपराधियों को गिरफ्तार कर शीघ्र पर्दाफाश करें। अवैध शराब बनाने-बेचने समेत मादक पदार्थो की तस्करी रोकने के लिए थानेदारों को कड़े निर्देश दिए। महिला अपराधों से जुड़ी शिकायतों के मामलों में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। डीसीपी ने एसीपी व थानेदारो को कस्बो, मुख्य बाजारों, चौराहों समेत गांवो में पैदल मार्च कर आम जनमानस से संवाद करके सुरक्षा का अहसास कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा प्रतिदिन अभियान चलाकर वाहनों के चेकिगं के साथ संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी लें। क्राइम मीटिगं में मोहनलालगंज सर्किल के एसीपी रजनीश वर्मा समेत सभी थानेदार मौजूद रहें।

लखनऊ में डीसीपी साउथ ने की क्राइम मीटिंग
लखनऊ में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से डीसीपी साउथ ने एक महत्वपूर्ण क्राइम मीटिंग आयोजित की। इस बैठक में डीसीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने इलाकों में पैदल गश्त करें और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए तत्पर रहें।
पैदल गश्त की ज़रूरत
डीसीपी ने पुलिस बल को यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे स्थानीय समुदाय के साथ अच्छा संबंध قائم करें। पैदल गश्त न केवल अपराधों को कम करने में मदद करेगी, बल्कि पुलिस और नागरिकों के बीच की दूरी को भी समाप्त करेगी। अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे अपने गश्ती क्षेत्रों को जानें और उसमें सक्रिय रहें।
अपराध की रोकथाम के उपाय
बैठक में विचार किया गया कि किस प्रकार से विभिन्न प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए रणनीतियों को अपनाया जाए। अधिकारियों को आम जनता से संवाद करने, उनके मुद्दों को सुनने और त्वरित प्रतिक्रिया देने की सलाह दी गई। क्राइम मीटिंग के माध्यम से डीसीपी ने स्थानीय थानेदारों को अपराध के गिरने की चेतावनी भी दी।
समुदाय की सहभागिता
डीसीपी ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस केवल कानून लागू करने वाली संस्था नहीं, बल्कि एक सहयोगी भी है। समुदाय की सहभागिता से ही अपराध दर में कमी लाई जा सकती है। पुलिस को स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
डीसीपी की इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य स्थानीय पुलिस को सक्रिय करना और समाज में सुरक्षा की भावना को बढ़ाना था। इसके माध्यम से उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल अपराधियों को पकड़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अपराधों की रोकथाम के लिए कदम उठाना आवश्यक है।
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समाप्ति
डीसीपी की इस मुलाकात ने लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। पुलिस अधिकारियों की सक्रियता और समुदाय के समर्थन के साथ, हम सभी को एक सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
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