लखनऊ में फर्जी दस्तावेज से लिया लोन:ट्रैक्टर खरीद चेचिस नंबर भी मिटाया, FIR
लखनऊ में एलएंडटी फाइनेंस कंपनी के सहायक सेल्स मैनेजर आशीष त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेज पर लोन लेने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि आरोपी ने फर्जी आधार और पैन कार्ड लगाकर 6.29 लाख रुपए लोन ट्रैक्टर फाइनेंस कराया। उसके बाद उसका चेचिस नंबर तक मिटा कर पैसा नहीं दिया। गोमतीनगर पुलिस कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। दो साल पहले लिया था लोन, नहीं जमा की किस्त कंपनी के मैनेजर आशीष त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि हजरतगंज स्थित हलवासिया स्थित उनकी कंपनी वाहन खरीदने के लिए कर्ज देती है। उनके मुताबिक दो साल पहले गोमतीनगर के वास्तुखंड निवासी वंशराज ने कंपनी के सेल्सकर्मी हिमांशु पांडेय से मिला था। उसने ट्रैक्टर फाइनेंस कराने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और हाउस टैक्स की रसीद दी। 30 अगस्त 2023 को कंपनी ने फर्म से रजिस्टर्ड ओम टैक्टर फर्म से ट्रैक्टर खरीदने के लिए 6.29 लाख का लोन दिया। वंशराज ने पहली किस्त देने के बाद कोई पैसा कंपनी में जमा नहीं किया। मकान मालिक के पते पर बनवाया था आधार कार्ड मैनेजर आशीष का आरोप है कि किस्त न जमा करने पर जांच की गई तो जानकारी हुई कि आरोपी ने मकान मालिक के पते पर दस्तावेज बनवाए थे। वहीं पैन कार्ड गोंडा के चौबेपुर निवासी वंशराज का लगाया था। जबकि गृहकर की रसीद हसनगंज के डालीगंज निवासी आनंद शंकर शुक्ला के नाम पर थीं। जिन्हें उसने फोटो शॉप की मदद से तैयार किया था। यही नहीं उसने फाइनेंस ट्रैक्टर का चेसिस नंबर और इंजन नंबर भी बिगाड़ दिया।

लखनऊ में फर्जी दस्तावेज से लिया लोन: ट्रैक्टर खरीद चेचिस नंबर भी मिटाया, FIR
लखनऊ में एक दिलचस्प और चिंतनीय मामला सामने आया है, जहां फर्जी दस्तावेजों के जरिए ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन लिया गया। यह घटना न केवल धोखाधड़ी का एक स्पष्ट उदाहरण है, बल्कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए भी एक चुनौती प्रस्तुत करती है। इस संदर्भ में एक FIR भी दर्ज की गई है, जो मामले की गंभीरता को दर्शाता है।
फर्जी दस्तावेज का खुलासा
ताजा रिपोर्ट के अनुसार, लोन लेने वाले व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जिसका पता तब चला जब बैंक की जांच टीम ने संदिग्ध गतिविधियों का संज्ञान लिया। ट्रैक्टर खरीदने के लिए प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में कई विसंगतियाँ पाई गईं।
चेचिस नंबर का मिटाना
अधिक हैरानी की बात यह है कि जांच के दौरान यह भी पाया गया कि ट्रैक्टर का चेचिस नंबर मिटाया गया था। चेचिस नंबर एक विशिष्ट पहचान है जो वाहन को पहचानने में मदद करता है। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल अवैध हैं, बल्कि पुलिस के अनुसार यह गंभीर विधायी अपराध भी है।
कानूनी कार्यवाही और FIR
पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह मामला न केवल लखनऊ के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि किस तरह से कुछ लोग धोखाधड़ी करते हैं और आम जनता को ठगते हैं। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें।
सारांश
लखनऊ में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लोन लेने का यह मामला गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की है और इसे एक चुनौती के रूप में लिया है। सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों से बचा जा सके।
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