लखनऊ में महिला ने ससुराल वालों पर लगाए गंभीर आरोप:बोलीं- पति, सास और देवर करते हैं मारपीट, बच्ची छीनी- निजी फोटो शेयर किए
लखनऊ के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत ईशिका पटेल ने अपने पति, सास और देवर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। ईशिका का विवाह 26 मार्च 2013 को नैतिक सिंह से हुआ था। आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद से ही ससुराल वालों ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पैसों की मांग की जाती और विरोध करने पर मारपीट और गाली-गलौज की जाती थी। दिल्ली में रहने का दबाव बनाते हैं पीड़िता ने बताया कि वह अपनी 10 महीने की बेटी के साथ लखनऊ में रहती हैं, जहां वह नौकरी करती हैं। लेकिन ससुराल वाले उन्हें दिल्ली में रहने का दबाव बनाते हैं। पहले भी दो बार उनकी बेटी को जबरन दिल्ली ले जाया गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। घर का काम करवाया जाता था पिछले दो महीने से वह चिकित्सा अवकाश पर दिल्ली में थीं, जहां डॉक्टर के बेड रेस्ट के निर्देश के बावजूद उनसे घर का काम करवाया जाता था। जब लखनऊ वापस जाने की बात कही, तो सास लक्ष्मी देवी ने अपने बेटों पियूष और नैतिक के साथ मिलकर मारपीट की। किसी तरह वह अपनी बेटी के साथ लखनऊ लौट आईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। महिला की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है।

लखनऊ में महिला ने ससुराल वालों पर लगाए गंभीर आरोप
लखनऊ की एक महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि उसके पति, सास और देवर बार-बार उसके साथ मारपीट करते हैं। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी है। महिला की कहानी ने ससुराल वालों की क्रूरता को उजागर किया है, जो न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक प्रताड़ना का भी अचंभित करने वाला उदाहरण है। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसके ससुराल वालों ने उसकी छोटी बच्ची को उससे छीनने की कोशिश की और उसकी निजता का उल्लंघन करते हुए निजी फोटो भी साझा किए हैं।
सुरक्षा के लिए उठाए कदम
महिला ने स्थानीय पुलिस से मदद मांगी है और इस मामले को लेकर गंभीरता से जांच की मांग की है। उसके आरोप पूरी तरह से ध्यान देने की आवश्यकता है। हाल की घटनाओं ने उस पर होने वाले अत्याचार के बारे में चर्चा को बढ़ावा दिया है। समाज में घरेलू हिंसा के मामलों को गंभीरता से लेना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
समर्थन और जागरूकता
इस घटना के बाद विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अक्सर घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया है। ऐसे मामलों में पीड़ित महिलाओं को कानूनी मदद और मानसिक समर्थन की आवश्यकता होती है। संगठन यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और जरूरत पड़ने पर समर्थन प्राप्त करें।
हम करें निष्कर्ष
महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें एकजुटता और समझ की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान सर्वोपरि है। हम सभी को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए काम करने की आवश्यकता है।
चिंता का विषय
इस ब्रेकिंग न्यूज़ पर ध्यान देने की जरूरत है। क्या यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना है या इसके पीछे गहरे सामाजिक मुद्दे छिपे हैं? जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता, तब तक हमें अनदेखा करना नहीं चाहिए।
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