लखनऊ में संगीत और नृत्य महाकुंभ:600 कलाकारों ने भांगड़ा, कथक और वेस्टर्न डांस की प्रस्तुति दी
लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में लिरिक्स अकादमी ऑफ म्यूजिक द्वारा आयोजित म्यूजिकोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कला, संगीत, बॉलीवुड और हॉलीवुड के गानों पर बच्चों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री रामकेश निषाद मौजूद रहे। म्यूजिकोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत युवा कलाकारों ने मशहूर गायक-अभिनेता दिलजीत दोसांझ के गीतों पर भांगड़ा प्रस्तुति से की। कार्यक्रम में विभिन्न कला रूपों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें इंस्ट्रूमेंटल परफॉरमेंस, नृत्य और गायन शामिल थे। छात्रों ने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फिल्म के गीतों की सुरमई प्रस्तुति दी। संगीत वाद्ययंत्रों में बांसुरी, गिटार, वायलिन, तबला, कीबोर्ड और ड्रम्स के कलाकारों ने जुगलबंदी पेश की। गायन विभाग के छोटे बच्चों ने 'ऑल इज वेल' और 'मटरगश्ती' जैसे गीत प्रस्तुत किए, जिनके साथ कीबोर्ड वादकों ने सुंदर संगत की। गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया संगीत डांस विभाग की प्रस्तुतियों में भरतनाट्यम के कलाकारों ने 'अलबेला सजन' और 'पिया आए ना' पर भावपूर्ण प्रदर्शन किया। कथक की छात्राओं ने 'मेरी जान', 'सकल बन' और 'चौदहवीं का चांद' गीतों पर मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन किया। वेस्टर्न डांस में छोटे कलाकारों ने भारतीय क्रिकेट टीम और मानसून सीजन जैसी थीम पर नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में करीब 600 छात्रों ने हिस्सा लिया। समापन पर संस्थान के निदेशक राहुल वर्मा और अक्षय सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। साथ ही संस्थान के शिक्षकों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

लखनऊ में संगीत और नृत्य महाकुंभ: 600 कलाकारों ने भांगड़ा, कथक और वेस्टर्न डांस की प्रस्तुति दी
लखनऊ, एक शहर जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और अद्वितीयता के लिए जाना जाता है, ने हाल ही में एक भव्य संगीत और नृत्य महाकुंभ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 600 से अधिक प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह महाकुंभ न केवल लखनऊ की सांस्कृतिक परंपरा को समर्पित था, बल्कि दर्शकों को विभिन्न नृत्य शैलियों का आनंद लेने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।
रंगीन भांगड़ा और शास्त्रीय कथक
भांगड़ा, पंजाब के लोकप्रिय नृत्य रूपों में से एक, ने इस महाकुंभ में अपनी धमक दी। कलाकारों ने प्रस्तुतियों के दौरान अपने जीवंत और ऊर्जावान नृत्य से दर्शकों को उत्साहित किया। इसके साथ ही, कथक जैसे शास्त्रीय नृत्य ने भी इस महाकुंभ में अपनी विशेष जगह बनाई। नर्तकियों ने अपने कढ़ाई वाले कपड़ों और सुंदर नृत्य मुद्राओं के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय नृत्य की खूबसूरत उदाहरण प्रस्तुत किए।
वेस्टर्न डांस का जादू
महाकुंभ में वेस्टर्न डांस का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। बॉलरूम, हिप-हॉप और जैज़ जैसे विभिन्न वेस्टर्न नृत्य शैलियों ने दर्शकों के दिलों में एक नई चमक भर दी। कलाकारों के स्टाइलिश और समकालीन प्रदर्शन ने इस कार्यक्रम को और भी आकर्षक बना दिया।
संस्कृति का संगम
इस महाकुंभ का आयोजन न केवल मनोरंजन का साधन था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का प्रतीक भी था। यहाँ विभिन्न नृत्य प्रकारों का संगम हुआ, जिसने दर्शकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का काम किया। लखनऊ की जीवंतता अब एक बार फिर से सबके सामने आई है।
इस सफल आयोजन ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को और भी ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। यह एक प्रेरणा स्रोत है युवा नर्तकियों और गायकों के लिए। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता की आशा है जो हमारे समाज को एकजुट करें और हमारी संस्कृति का प्रचार करें।
महाकुंभ में उपस्थित दर्शकों ने इस प्रयास की सराहना की और इसके आयोजकों को धन्यवाद दिया।
भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रमों की उम्मीद की जा रही है, जो हमारे सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करें और नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करें।
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