वाराणसी में इन्वेस्टमेंट कंपनी डायरेक्टर समेत 6 आरोपियों पर केस:दोगुना-प्रॉफिट का लालच देकर 700 एजेंटों से वसूले थे करोड़ों, यूपी में 100 FIR
वाराणसी के सिगरा में आफिस खोलकर करोड़ों रुपए वसूलकर भागने वाली कंपनी के खिलाफ गुरुवार को फिर एक केस दर्ज हो गया। कोर्ट के आदेश पर दर्ज इन मुकदमे में कंपनी के डायरेक्टर समेत 6 मुख्य अधिकारियों को नामजद किया गया है। कंपनी के दफ्तर में कार्यरत अन्य कर्मचारियों को अज्ञात में शामिल किया है। कंपनी के डायरेक्टरों ने चिटफंड कंपनी खोलकर चार साल में रुपए दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से निवेश कराया था। इन लोगों ने वाराणसी समेत आसपास के जिलों में एजेंट बनाए थे और इनसे करोड़ों रुपए की वसूली कराई थी। अधिकांश निवेशकों ने 50 लाख से एक करोड रुपए तक की राशि दी थी। कंपनी के खिलाफ सिगरा और कैंट थाने में कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। लाखों का निवेश कराकर कंपनी भागी वाराणसी में रकम को दोगुना करने का झांसा देने वाली एलयूसीसी द लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेशन सोसाइटी के छह लोगों के खिलाफ चोलापुर थाने के धरसौना निवासी कंपनी के एजेंट वीरेंद्र कुमार यादव ने केस दर्ज कराया है। वीरेंद्र के अनुसार कंपनी की ओर से मलदहिया स्थित श्रीराम कांप्लेक्स में कार्यालय खोलकर करीब 700 एजेंट बनाकर हजारों लोगों से लाखों रुपये निवेश कराए गए थे। करोड़ों रुपये इकट्ठा हो गए तो उसे लेकर कंपनी के डायरेक्टर भाग गए। बताया कि सिगरा क्षेत्र में एलयूसीसी द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेशन सोसाइटी का दफ्तर था। इसका मुख्य ऑफिस गाजियाबाद में बताया गया था। चार साल में रुपया दोगुना करने की बात कही गई था। इसके लिए एजेंट को कमीशन के तौर पर भी रखा गया था। एजेंट के मुताबिक करीब 700 एजेंटों को रखा गया था, जिसके जरिये हजारों लोगों से निवेश कराया गया था। पुलिस ने कंपनी, नवी मुंबई निवासी समीर अग्रवाल, शबाब हुसैन, वाराणसी की सानिया अग्रवाल, मंजय मुदगिल, आरके शेट्टी, अभय राय समेत अन्य अज्ञात पर केस दर्ज किया है। वीरेंद्र ने बताया कि उसने 7.50 लाख, अनिल यादव ने तीन लाख, पवित्रा यादव ने तीन लाख, दिलीप कुमार वर्मा ने 17.50 लाख और हरिवंश यादव ने छह लाख रुपये निवेश किए थे। कंपनी सभी के रुपये लेकर भाग गई।

वाराणसी में इन्वेस्टमेंट कंपनी डायरेक्टर समेत 6 आरोपियों पर केस
वाराणसी की इन्वेस्टमेंट कंपनी के डायरेक्टर समेत छह आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इन लोगों ने दोगुना प्रॉफिट का लालच देकर लगभग 700 एजेंटों से करोड़ों रुपये वसूले। यह मामला उत्तर प्रदेश में निवेशक धोखाधड़ी के बड़े मामले के रूप में उभर कर सामने आया है। कुल मिलाकर, इस मामले में अब तक 100 FIR दर्ज की जा चुकी हैं।
इन्वेस्टमेंट कंपनी का उच्च प्रोफाइल स्कैम
इस कंपनी ने अपने विज्ञापनों में यह दावा किया था कि वे अपने निवेशकों को दोगुना लाभ देने का वादा कर रहे थे। लेकिन असलियत में, यह केवल एक धोखाधड़ी का तरीका था। वाराणसी पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इन्वेस्टमेंट कंपनी ने अपने एजेंटों को आकर्षित करने के लिए उपलब्धियों और लाभ के स्पष्टीकरण पर जोर दिया।
पुलिस कार्रवाई और FIR का सिलसिला
जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ, वाराणसी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें कंपनी का डायरेक्टर भी शामिल है। अब तक 100 से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं। ये FIR विभिन्न थानों में दर्ज की गई हैं, जहां निवेशकों ने अपने धन की हानि की शिकायत की थी।
निवेशकों को हुए नुकसान का आकलन
पुलिस का मानना है कि इस धोखाधड़ी से प्रभावित निवेशकों की संख्या हजारों में हो सकती है। उन सभी को मिलाने पर लगभग करोड़ों रुपये की हानि सामने आ रही है। अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
आम नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस प्रकार की कंपनियों से दूरी बनाएं और किसी भी निवेश करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।
समाज के प्रति जिम्मेदारी
इस मामले का प्रकाश में आना एक महत्वपूर्ण संकेत है कि लोगों को अपने निवेशों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। सरकार और पुलिस प्रशासन से अपेक्षा है कि वे ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करें ताकि इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों की पुनरावृत्ति ना हो।
निवेशकों से अपील की गई है कि वे यदि किसी ऐसे मामले में फंसे हैं तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और अपने अनुभव साझा करें। यह न केवल उन्हें न्याय दिलाने में मदद करेगा, बल्कि अन्य निवेशकों को भी भविष्य में सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगा।
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