वी नारायणन ISRO के नए चेयरमैन बनाए गए:रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट के एक्सपर्ट हैं; 14 जनवरी को एस सोमनाथ की जगह लेंगे
केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पेस साइंटिस्ट वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। उन्हें स्पेस डिपार्टमेंट का सचिव भी बनाया गया है। वे 14 जनवरी को ISRO चीफ एस. सोमनाथ की जगह पदभार ग्रहण करेंगे। नारायणन का कार्यकाल 2 साल का रहेगा। फिलहाल वह वलियामाला स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर हैं। सीनियर साइंटिस्ट नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। नारायणन रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट संचालन के एक्सपर्ट हैं। वी नारायणन की उपलब्धियां ISRO के वैज्ञानिक नारायणन को कई अवॉर्ड और सम्मानों से सम्मानित किया गया है। इनमें IIT खड़गपुर से सिल्वर मेडल, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) से गोल्ड मेडल और NDRF से नेशनल डिजाइन अवॉर्ड शामिल हैं। एस. सोमनाथ 14 जनवरी को रिटायर हो रहे ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। वह 3 साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा है। भारतीय अंतरिक्ष संस्थान ने न केवल चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी दूर स्थित लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 लॉन्च किया। ISRO चीफ कैंसर की बीमारी से पीड़ित हैं एस सोमनाथ (60) ने 4 मार्च 2024 को एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें कैंसर है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग (23 अगस्त 2023) के समय से स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानियां आ रही थीं। हालांकि उस समय कुछ भी क्लियर नहीं था। मुझे भी इसे (कैंसर) लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी। पूरी खबर पढ़ें... ----------------------------------------- ISRO से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 20 दिन तक स्पेस में रह सकेंगे अंतरिक्ष यात्री; ISRO के 6 बड़े फ्यूचर प्लान्स ISRO अपने पहले ह्यूमन स्पेस-फ्लाइट मिशन 'गगनयान' के तहत साल के आखिरी में दो आरंभिक अंतरिक्ष मिशन भेजेगा। इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा। दूसरे मिशन में 'व्योममित्र' नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी। आरंभिक मिशन का मकसद यह सुनिश्चत करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे। यानी इनके कामयाब होने के बाद ही 2024 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...

वी नारायणन ISRO के नए चेयरमैन बनाए गए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में वी नारायणन को अपने नए चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया है। यह बदलाव 14 जनवरी को किया जाएगा, जब वे वर्तमान चेयरमैन एस सोमनाथ की जगह लेंगे। वी नारायणन की नियुक्ति विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके गहन अनुभव और कौशल के कारण हुई है।
रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट के एक्सपर्ट
वी नारायणन एक प्रमुख वैज्ञानिक हैं, जो रॉकेटों और स्पेसक्राफ्ट के विकास में उत्कृष्टता रखते हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया है और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई उचाइयों तक पहुँचाने की क्षमता रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता से ISRO के भविष्य की योजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम
ISRO ने हमेशा से ही प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में उत्कृष्टता का प्रमाण दिया है। वी नारायणन के साथ, भारतीय अंतरिक्ष कार्यकम में नई प्रगति होने की उम्मीद है। उनका लक्ष्य आने वाले वर्षों में भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेता बनाना है।
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विशेषज्ञता का लाभ
वी नारायणन की विशेषज्ञता से न केवल रॉकेट विकास में बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण के अन्य पहलुओं में भी लाभ होगा। उनके नेतृत्व में ISRO, चंद्रमा और मंगल पर विचारित मिशनों को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंततः, वी नारायणन की नियुक्ति से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा मिलने की संभावना है। ISRO ने अपने मिशन में लगातार प्रगति की है, और हम सभी इस नई दिशा की ओर देख रहे हैं।
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