शंकराचार्य विधुशेखर भारती का काशी में हुआ भव्य स्वागत:अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक में होंगे शामिल,9 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों में होंगे शामिल

शृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य विधुशेखर भारती काशी पहुंचें। उनके स्वागत और अभिनंदन के लिए काशीवासी उत्साहित दिखे। वह अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक में शामिल होंगे। उनके सानिध्य में विभिन्न अनुष्ठान होंगे। शंकराचार्य नौ फरवरी तक काशी प्रवास के दौरान अन्नपूर्णा मंदिर स्वर्ण शिखर के कुंभाभिषेक, मूर्तिप्रतिष्ठा, चतुर्वेदपारायण, 18 पुराणों के पारायण, विश्वेश्वराधन, वेदसभा, शास्त्रार्थ सभा, नागरिक अभिनंदन आदि कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पहले देखें तस्वीर काशी में शंकराचार्य का हुआ स्वागत शंकराचार्य की शोभायात्रा में शंखनाद, डमरूदल, पुष्पवर्षा के साथ स्वागत उनका स्वागत हुआ। शोभायात्रा रथयात्रा से शुरू होकर श्रृंगेरी मठ पर खत्म हुआ। शंकराचार्य कल सुबह पांच बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा, सुबह नौ बजे से कोटि कुंकुमार्चन का संकल्प, 9:30 बजे से मोदक महा गणपति हवन की पूर्णाहुति, सुबह 10 बजे से विशालाक्षी मंदिर में दर्शन करेंगे। सुबह 11 बजे हनुमान घाट में राजराजेश्वरी मंदिर में दर्शन, शाम 5:30 बजे भक्तों के लिए जगतगुरु का दर्शन, पाद पूजा, वस्त्र समर्पण आदि होंगे। दो फरवरी को सुबह नौ बजे से सहस्त्रचंडी महायज्ञ का संकल्प लेंगे। शाम छह बजे से शंकराचार्य का प्रवचन होगा। तीन फरवरी को सुबह नौ बजे से मां अन्नपूर्णा मंदिर में महाकुंभाभिषेक के अनुष्ठान में शामिल होंगे। शृंगेरी मठ केदारघाट में भक्तों को दर्शन देंगे। चार फरवरी को सुबह आठ बजे से महारुद्र यज्ञ का संकल्प श्रृंगेरी मठ केदारघाट में, नौ बजे से गंगा स्नान, केदारेश्वर व चिंतामणि गणेश मंदिर में दर्शन, दिन में 12:30 बजे से रथ सप्तमी भगवान सूर्य नारायण की पूजा, शाम को 5:30 बजे भक्तों को दर्शन देंगे। साढ़े चार किलो सोने से मढ़े मां अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर का होगा कुंभाभिषेक मां अन्नपूर्णा मंदिर कुंभाभिषेक और विविध अनुष्ठान के लिए तैयार हो चुका है। एक से नौ फरवरी तक विविध अनुष्ठान होंगे। साढ़े चार किलो सोने की आभा से मां अन्नपूर्णा का शिखर चमक उठा है। करीब 3.5 करोड़ रुपये की लागत से स्वर्णमंडित हुए शिखर की नक्काशी उभर आई है। कमल के फूल, नागवेल सहित अन्य मांगलिक प्रतीक स्पष्ट दिख रहे हैं। मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने बताया कि पूरा शिखर स्वर्णमयी हो गया है। मंदिर के मुख्य द्वार के बगल में महादेव और माता अन्नपूर्णा की थ्रीडी कलाकृति लगाई जा चुकी है। इसमें माता अन्नपूर्णा भगवान शिव को भिक्षा देती दिख रही हैं। स्वर्ण, रजत और ताम्र के 1000 कलशों से होगा शिखर का कुंभाभिषेक कुंभाभिषेक के लिए सहस्त्र छिद्रयुक्त 1000 घट बनवाए गए हैं। इनमें 11 स्वर्ण कलश, 101 रजत कलश, 101 ताम्र कलश, 500 अष्टधातु कलश, 225 पीतल कलश, 11 मृदा कलश बाकी अन्य धातुओं के कलश होंगे। पवित्र नदियों एवं सागरों के जल तथा पंचामृत आदि से शिखर का कुंभाभिषेक होगा।

Jan 31, 2025 - 18:59
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शंकराचार्य विधुशेखर भारती का काशी में हुआ भव्य स्वागत:अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक में होंगे शामिल,9 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों में होंगे शामिल
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शंकराचार्य विधुशेखर भारती का काशी में हुआ भव्य स्वागत: अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक में होंगे शामिल, 9 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों में होंगे शामिल News by indiatwoday.com

शंकराचार्य का काशी दौरा

हाल ही में, शंकराचार्य विधुशेखर भारती का काशी में आगमन हुआ, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह स्वागत काशी के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो पुण्य भूमि और संस्कृति से जुड़े हुए हैं। शंकराचार्य का यह दौरा अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक के लिए बेहद विशेष महत्व रखता है। इस धर्मिक कार्यक्रम में शंकराचार्य खुद शामिल होंगे, जो कि पूरे 9 दिनों तक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे।

अन्नपूर्णा मंदिर की महत्ता

अन्नपूर्णा मंदिर, काशी की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिन्हें भोजन और समृद्धि की देवी माना जाता है। कुंभाभिषेक का आयोजन एक पारंपरिक संवर्धन है, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस मौके पर शंकराचार्य द्वारा कई अनुष्ठान एवं धर्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे, जो भक्तों के लिए आशीर्वाद का अवसर प्रदान करेगा।

9 दिनों का कार्यक्रम

इन 9 दिनों के दौरान, भक्तों के लिए विशेष प्रार्थनाएं, यज्ञ और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। विभिन्न धार्मिक विद्वानों और भक्तों के बीच सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी होंगी, जिससे काशी की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए है, बल्कि सांस्कृतिक सम्मिलन के लिए भी एक अद्भुत मौका है।

प्रतिक्रिया और अपेक्षाएँ

शंकराचार्य के इस दौरे को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है। लोग इस अवसर का लाभ उठाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। उनके आगमन से काशी की धार्मिक आस्था और भी मजबूत होगी। भक्तों का मानना है कि इस कार्यक्रम से काशी की पवित्रता में वृद्धि होगी और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।

अंत में

शंकराचार्य विधुशेखर भारती का यह काशी दौरा केवल धार्मिक ऐतिहासिकता नहीं, बल्कि संस्कृति और श्रद्धा का संगम है। हर किसी को इस भव्य समारोह में भाग लेने और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। Keywords: शंकराचार्य विधुशेखर भारती, काशी में स्वागत, अन्नपूर्णा मंदिर कुंभाभिषेक, 9 दिन कार्यक्रम, काशी के धार्मिक आयोजन, धार्मिक कार्यक्रम काशी, अन्नपूर्णा देवी की महिमा, भारत की संस्कृति, भव्य धार्मिक स्वागत, भक्तों का उत्साह, काशी का पुनीत स्थान.

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